जयपुर : क्या प्रदेश के आठ लाख से अधिक कमर्चारी वर्दी में दिखेंगे...सभी कर्मचारियों के लिए सरकार ड्रेस कोड लागू करेगी...प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी के मुखिया निरंजन आर्य ने हाल ही में एक बैठक में इस बात को लेकर निर्देश दिए हैं.
निर्देश के अनुसार सरकारी दफ्तरों में कार्मिकों का पहनावा सादा होना चाहिए. कर्मचारियों की ड्रेस दूसरों को भद्दी न लगे. सीनियर अधिकारियों के सामने जूनियर कर्मचारी मीटिंग में शामिल हो तो भद्दा न लगे. इसके लिए सरकार की ओर से समय समय पर सर्कुलर जारी किए जाते रहे हैं. कई बार कर्मचारियों को ड्रेस के लिए डांट भी पड़ती रहती है.
एकीकृत अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार अगर कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू करना चाहती है तो प्रदेश के आठ लाख कर्मचारी सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं. लेकिन शर्त यह है कि सरकार ड्रेस खुद उपलब्ध कराए. क्योंकि अगर सरकार ने कर्मचारियों को ही ड्रेस खरीदने के लिए कहा तो कर्मचारी अपने अल्प मानदेय में इस अतिरिक्त भार को नहीं उठा सकते.
कर्मचारियों ने भी मुख्य सचिव की बात का समर्थन किया है और ऑफिस में ड्रेस कोड लागू किए जाने की मांग की है. कर्मचारियों ने एक सुर में कहा कि कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू करना अच्छी बात है.
उन्होंने कहा कि कर्मचारी ऑफिस में सामान्य गणवेश में आए तो अच्छा लगता है. इसके साथ ही ड्रेस कोड से सचिवालय और बाहरी कर्मचारियों का भी आसानी से पता चल जाता है. इसके साथ ही उन्होंने अन्य कार्यालयों में भी सामान्य ड्रेस पहनने की अपील की है.
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दरअसल हाल ही में अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांशु पंत ने भी जोधपुर में जलदाय विभाग की समीक्षा बैठक में एक अभियंता को जींस पहनने पर मीटिंग से बाहर निकाल दिया था. सामान्य गणवेश में आने पर उन्हें मीटिंग में बुलाया गया. इसके साथ ही कई विभागों के अधिकारियों ने सीएस की बात का समर्थन किया है. मुख्य सचिव के निर्देशों के बाद माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सरकार कार्मिकों के लिए ड्रेस कोड भी लागू कर सकती है. हालांकि सीएस के निर्देश पर अधिकारी कितना पालन करा पाते हैं, यह देखने वाली बात होगी.