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गोवर्धन पूजा का है धार्मिक व पौराणिक महत्व, इसलिए मनाते हैं त्योहार - गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त

गोवर्धन पूजा को कई जगहों पर अन्नकूट के नाम से मनाया जाता है. दीपावली के ठीक एक दिन बाद गोवर्धन पूजा भारत के प्रमुख हिस्सों में बहुत उत्साह के साथ की जाती है. यह दीपावली के त्योहारों का चौथा पर्व है. अन्य पर्वों की तरह इसका भी खास महत्व है...

Govardhan Puja Religious and Mythological Significance
गोवर्धन पूजा 2022
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Published : Oct 18, 2022, 12:23 PM IST

गोवर्धन पूजा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. इसे कई जगहों पर अन्नकूट के नाम से मनाया जाता है. यह पर्व कृषि एवं धन संबंधी पर्व कार्तिक प्रतिपदा को मनाया जाता है. हर साल दीपावली के दूसरे दिन सायंकाल ब्रज में गोवर्धन पूजा का विशेष आयोजन होता है, तो वहीं कई जगहों पर गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दोपहर में मनायी जाती है. दीपावली के ठीक एक दिन बाद गोवर्धन पूजा भारत के प्रमुख हिस्सों में बहुत उत्साह के साथ की जाती है. यह दीपावली के त्योहारों का चौथा पर्व है. अन्य पर्वों की तरह इसका भी खास महत्व है.

गोवर्धन पूजा मनाने के पीछे एक महत्वपूर्ण कथा प्रचलित है. इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र का मानमर्दन करते हुए गोवर्धन पर्वत के अपनी अंगुली पर धारण किया था. इस दिन गिरिराज पूजन की परंपरा है. इस अवसर पर मन्दिरों में अन्नकूट किया जाता है और सायंकाल गोबर के गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है.

हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन वेदों में वरुण, इन्द्र, अग्नि आदि देवताओं की पूजा का विधान है. इसी दिन बलि पूजा, गोवर्धन पूजा, मार्गपाली आदि आयोजित किए जाते हैं. इस दिन लोग गाय-बैल आदि पशुओं को स्नान कराकर, फूल माला, धूप, चंदन आदि से उनका पूजन किया जाता है. गायों को मिठाई खिलाकर उनकी आरती उतारी जाती है. यह ब्रजवासियों का मुख्य त्योहार है.

Govardhan Puja Religious and Mythological Significance
गोवर्धन पूजा 2022

इसे भी पढ़ें : क्यों मनाते हैं दीपावली, यह हैं हमारे पौराणिक व धार्मिक प्रसंग व प्रमुख कारण

कहा जाता है कि अन्नकूट या गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारम्भ हुई थी. उस समय लोग इन्द्र भगवान की पूजा करते थे तथा छप्पन प्रकार के भोजन बनाकर तरह-तरह के पकवान व मिठाइयों का भोग लगाया जाता था. ये पकवान तथा मिठाइयां इतनी मात्रा में होती थीं कि उनका पूरा पहाड़ ही बन जाता था.

इसे भी पढ़ें : ऐसे मनाया जाएगा दीपावली 2022 का महापर्व, जानिए धनतेरस से लेकर भाई दूज तक की अपडेट्स

अन्न कूट के अवसर पर एक प्रकार से सामूहिक भोज का आयोजन किया जाता है, जिसमें पूरा परिवार और वंश एक जगह बनाई गई रसोई से भोजन करता है. इस दिन चावल, बाजरा, कढ़ी, साबुत मूंग, चौड़ा तथा सभी सब्जियां एक जगह मिलाकर बनाई जाती हैं. मंदिरों में भी अन्नकूट बनाकर प्रसाद के रूप में बांटा जाता है.

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त
इस पर्व का शुभ मुहूर्त तिथि के अनुसार 25 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा. पंचांग के मुताबिक 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा का मुहूर्त सुबह 6:33 से सुबह 8:48 तक है.

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गोवर्धन पूजा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. इसे कई जगहों पर अन्नकूट के नाम से मनाया जाता है. यह पर्व कृषि एवं धन संबंधी पर्व कार्तिक प्रतिपदा को मनाया जाता है. हर साल दीपावली के दूसरे दिन सायंकाल ब्रज में गोवर्धन पूजा का विशेष आयोजन होता है, तो वहीं कई जगहों पर गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दोपहर में मनायी जाती है. दीपावली के ठीक एक दिन बाद गोवर्धन पूजा भारत के प्रमुख हिस्सों में बहुत उत्साह के साथ की जाती है. यह दीपावली के त्योहारों का चौथा पर्व है. अन्य पर्वों की तरह इसका भी खास महत्व है.

गोवर्धन पूजा मनाने के पीछे एक महत्वपूर्ण कथा प्रचलित है. इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र का मानमर्दन करते हुए गोवर्धन पर्वत के अपनी अंगुली पर धारण किया था. इस दिन गिरिराज पूजन की परंपरा है. इस अवसर पर मन्दिरों में अन्नकूट किया जाता है और सायंकाल गोबर के गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है.

हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन वेदों में वरुण, इन्द्र, अग्नि आदि देवताओं की पूजा का विधान है. इसी दिन बलि पूजा, गोवर्धन पूजा, मार्गपाली आदि आयोजित किए जाते हैं. इस दिन लोग गाय-बैल आदि पशुओं को स्नान कराकर, फूल माला, धूप, चंदन आदि से उनका पूजन किया जाता है. गायों को मिठाई खिलाकर उनकी आरती उतारी जाती है. यह ब्रजवासियों का मुख्य त्योहार है.

Govardhan Puja Religious and Mythological Significance
गोवर्धन पूजा 2022

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कहा जाता है कि अन्नकूट या गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारम्भ हुई थी. उस समय लोग इन्द्र भगवान की पूजा करते थे तथा छप्पन प्रकार के भोजन बनाकर तरह-तरह के पकवान व मिठाइयों का भोग लगाया जाता था. ये पकवान तथा मिठाइयां इतनी मात्रा में होती थीं कि उनका पूरा पहाड़ ही बन जाता था.

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अन्न कूट के अवसर पर एक प्रकार से सामूहिक भोज का आयोजन किया जाता है, जिसमें पूरा परिवार और वंश एक जगह बनाई गई रसोई से भोजन करता है. इस दिन चावल, बाजरा, कढ़ी, साबुत मूंग, चौड़ा तथा सभी सब्जियां एक जगह मिलाकर बनाई जाती हैं. मंदिरों में भी अन्नकूट बनाकर प्रसाद के रूप में बांटा जाता है.

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त
इस पर्व का शुभ मुहूर्त तिथि के अनुसार 25 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा. पंचांग के मुताबिक 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा का मुहूर्त सुबह 6:33 से सुबह 8:48 तक है.

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