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MP : रोजेदार दो महिला डॉक्टर 110 किमी का सफर कर मरीजों का करती हैं इलाज

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Published : May 6, 2021, 1:15 AM IST

कोरोना के इस दौर में कई लोगों ने मानव सेवा को ही अपना इमान बना लिया है. इंदौर के रहने वाली दो डॉक्टर जहां कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए सुबह तीन बजे उठकर रोजा रखकर रोजाना ऑटो से उज्जैन जाती हैं और लोगों की सेवा करती हैं. वहीं दोनों डॉक्टरों का सेवा भाव देखकर ऑटोचालक ने भी दोनों डॉक्टरों से किराए के पैसे लेने से इनकार कर दिया.

दो महिला डॉक्टर
दो महिला डॉक्टर

उज्जैन : जब दिल में लोगों को बचाने का जज्बा हो, तो फिर क्या भूख, प्यास और क्या लंबी दूरी सब छोटे हो जाते हैं. सेवा के नाम पर इंदौर की दो युवा डॉक्टर सुबह 3 बजे उठकर खुदा की इबादत करती हैं. 6 बजे ऑटो से निकल पड़ती हैं और उज्जैन के माधव नगर में उन कोरोना मरीजों की देख भाल के लिए जिन्हें अभी सबसे ज्यादा जरुरत इन जैसे नेक डाक्टरों की. इंदौर निवासी डॉ. सोबिया अंसारी और डॉ. रुखसार शेख दोनों रोजे के दौरान रोजाना सुबह 3 बजे उठकर 8 बजे इंदौर से उज्जैन पंहुचती हैं, लोगों की मदद करने का ये जज्बा देखकर ऑटो चालक भी इन दोनों डॉक्टरों से किराया नहीं लेता.

रोजेदार महिला डॉक्टरों से ऑटो चालक नहीं ले रहा किराया

दिन भर भूखे-प्यासे रहकर करती हैं सेवा

उज्जैन का माधव नगर कोविड अस्पताल जहां पर टेस्टिंग की सुविधा भी है. यहां पर बड़ी संख्या में सर्दी, खांसी और बुखार वाले मरीज आ रहे हैं. इंदौर निवासी डॉ. सोबिया अंसारी और डॉ. रुखसार शेख की ड्यूटी फिलहाल कोविड टेस्ट सेंटर में लगी है. जहां ये सर्दी, खांसी के लक्षण वाले मरीजों को देख कर उपचार दे रही हैं. लेकिन इन सब के पीछे दोनों युवा डॉक्टर के फिलहाल रोजे चल रहे हैं और ऐसे में सुबह 3 बजे उठना और फिर दोपहर 2 बजे तक मरीजों की सेवा कर शाम 4 बजे तक घर पंहुचती हैं, डॉ. रुखसार कहती हैं कि जैसे भी हो सबसे पहले खुदा की इबादत करते हैं और फिर मानव सेवा में जुट जाते हैं. घर से निकलते हैं तो बस यही लगता है कि उज्जैन में मरीज को 3-3 घंटे की लाइन में नहीं लगना पड़े, इसको लेकर जल्दी पहुंच जाते हैं. डॉ. सोबिया बताती हैं कि सुबह से उठ जाना और फिर दिन भर भूखे रहना वो खुदा के लिए, लेकिन दिन में 8 से 2 बजे तक इस महामारी के दौर में मानव सेवा करते हैं, यही हमारा कर्म है.

पढ़ें -कोरोना काल में रहें बचके : हिमाचल में बड़ी संख्या में बच्चे हो चुके हैं संक्रमित, इन बातों का रखें ख्याल

डॉक्टर को देख ऑटो वाला भी सेवा में जुटा

डॉ. साबिया और डॉ. रुखसार दोनों ने नेशनल हेल्थ मिशन के तहत 3 महीने पहले आयुष विभाग में ज्वाइन किया था. उज्जैन में घर देख ही रही थीं की इस बीच कोरोना कर्फ्यू लग गया. बस चल रही थी जब तक बस से आना-जाना किया, लेकिन अब पिछले करीब 15 दिन पहले बस बंद हुई, तो घर के पास ही रहने वाले ऑटो चालक शरीफ भाई से बात की उन्होंने शुरू में तो आने-जाने का किराया लिया, लेकिन उनको जब ये पता चला की दोनों खुदा की इबादत के साथ-साथ मानव सेवा में इंदौर से उज्जैन अपडाउन कर रही हैं तो इस कठिन समय में शरीफ भाई ने दरियादिली दिखाई और किराया लेने से मना कर दिया.

उज्जैन : जब दिल में लोगों को बचाने का जज्बा हो, तो फिर क्या भूख, प्यास और क्या लंबी दूरी सब छोटे हो जाते हैं. सेवा के नाम पर इंदौर की दो युवा डॉक्टर सुबह 3 बजे उठकर खुदा की इबादत करती हैं. 6 बजे ऑटो से निकल पड़ती हैं और उज्जैन के माधव नगर में उन कोरोना मरीजों की देख भाल के लिए जिन्हें अभी सबसे ज्यादा जरुरत इन जैसे नेक डाक्टरों की. इंदौर निवासी डॉ. सोबिया अंसारी और डॉ. रुखसार शेख दोनों रोजे के दौरान रोजाना सुबह 3 बजे उठकर 8 बजे इंदौर से उज्जैन पंहुचती हैं, लोगों की मदद करने का ये जज्बा देखकर ऑटो चालक भी इन दोनों डॉक्टरों से किराया नहीं लेता.

रोजेदार महिला डॉक्टरों से ऑटो चालक नहीं ले रहा किराया

दिन भर भूखे-प्यासे रहकर करती हैं सेवा

उज्जैन का माधव नगर कोविड अस्पताल जहां पर टेस्टिंग की सुविधा भी है. यहां पर बड़ी संख्या में सर्दी, खांसी और बुखार वाले मरीज आ रहे हैं. इंदौर निवासी डॉ. सोबिया अंसारी और डॉ. रुखसार शेख की ड्यूटी फिलहाल कोविड टेस्ट सेंटर में लगी है. जहां ये सर्दी, खांसी के लक्षण वाले मरीजों को देख कर उपचार दे रही हैं. लेकिन इन सब के पीछे दोनों युवा डॉक्टर के फिलहाल रोजे चल रहे हैं और ऐसे में सुबह 3 बजे उठना और फिर दोपहर 2 बजे तक मरीजों की सेवा कर शाम 4 बजे तक घर पंहुचती हैं, डॉ. रुखसार कहती हैं कि जैसे भी हो सबसे पहले खुदा की इबादत करते हैं और फिर मानव सेवा में जुट जाते हैं. घर से निकलते हैं तो बस यही लगता है कि उज्जैन में मरीज को 3-3 घंटे की लाइन में नहीं लगना पड़े, इसको लेकर जल्दी पहुंच जाते हैं. डॉ. सोबिया बताती हैं कि सुबह से उठ जाना और फिर दिन भर भूखे रहना वो खुदा के लिए, लेकिन दिन में 8 से 2 बजे तक इस महामारी के दौर में मानव सेवा करते हैं, यही हमारा कर्म है.

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डॉक्टर को देख ऑटो वाला भी सेवा में जुटा

डॉ. साबिया और डॉ. रुखसार दोनों ने नेशनल हेल्थ मिशन के तहत 3 महीने पहले आयुष विभाग में ज्वाइन किया था. उज्जैन में घर देख ही रही थीं की इस बीच कोरोना कर्फ्यू लग गया. बस चल रही थी जब तक बस से आना-जाना किया, लेकिन अब पिछले करीब 15 दिन पहले बस बंद हुई, तो घर के पास ही रहने वाले ऑटो चालक शरीफ भाई से बात की उन्होंने शुरू में तो आने-जाने का किराया लिया, लेकिन उनको जब ये पता चला की दोनों खुदा की इबादत के साथ-साथ मानव सेवा में इंदौर से उज्जैन अपडाउन कर रही हैं तो इस कठिन समय में शरीफ भाई ने दरियादिली दिखाई और किराया लेने से मना कर दिया.

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