नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में गैंगस्टर अंकित गुर्जर हत्याकांड में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. इस वजह से अधिकारियों में खलबली मची है. अंकित गुर्जर हत्याकांड में एक चश्मदीद कैदी सामने आया है. कैदी अरुण नागर ने तिहाड़ जेल के अंदर से ही मोबाइल से अपना बयान रिकार्ड करके भेजा है.
उसके द्वारा जारी किए गए ऑडियो में साफ सुनाई दे रहा है कि एक शख्स कह रहा है, 'मैं अरुण नागर तिहाड़ जेल से बोल रहा हूं. मेरे भाई अंकित गुर्जर को तिहाड़ जेल कर्मियों ने मार डाला. मैं उस मर्डर का चश्मदीद हूं. मैंने अपनी आंखों से देखा है. अंकित तिहाड़ जेल नंबर 3 की 16 नम्बर चक्की में थे. मैं 17 नंबर में था.'
अधिकारी कर रहे पैसे की डिमांड
ऑडियो में यह भी कहा गया है, 'एक जेल अधिकारी सुपरिटेंडेंट विनीत कुमार झा ने मुझसे डेढ़ लाख रुपए लिए थे. तब डिप्टी जेलर नरेंद्र मीणा ने मेरा चालान रोका था. अब ये लोग मुझसे फिर पैसे की डिमांड कर रहे हैं.'
जेल में कैसे पहुंचा मोबाइल?
हैरानी की बात यह है कि जेल में मोबाइल पर पाबंदी है. बावजूद इसके इस कैदी के पास भी मोबाइल है और जेल के अंदर से अपना बयान रिकार्ड करके भेज भी रहा है. कैदी का दावा है कि यह हत्या का गवाह है, लेकिन गवाह बनने से और गवाही देने से रोका जा रहा है.
पीट-पीटकर हुई थी गैंगस्टर की हत्या
बता दे, गैंगस्टर अंकित गुर्जर की हत्या के मामले में जेल नम्बर 3 के डिप्टी जेलर नरेंद्र कुमार मीणा और अन्य अज्ञात स्टाफ के खिलाफ हत्या का केस दिल्ली पुलिस ने दर्ज कर लिया है. 3 अगस्त को तिहाड़ जेल में गैंगस्टर की पीट पीट कर हत्या कर दी गई थी.
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5 अधिकारियों पर कार्रवाई
डिप्टी जेलर के खिलाफ आईपीसी की धारा 302/34 हत्या के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है. मृतक कैदी अंकित गुर्जर की मां की शिकायत पर हरि नगर थाने में केस दर्ज किया गया है. इस मामले में तिहाड़ जेल डीजी ने जेल के 5 अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है.