पटना: राजधानी पटना के गायघाट रिमांड होम सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता को गिरफ्तार (Gaighat Remand Home Superintendent Vandana Gupta Arrested) कर महिला थाना लाया गया है, जहां उनसे पूछताछ चल रही है. एसआईटी को जांच के दौरान पुलिस को वंदना गुप्ता के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले थे. गौरतलब है कि पटना के गायघाट बालिका गृह (Gaighat Shelter Home Patna) में लड़कियों को नशीला पदार्थ देकर उनसे दुष्कर्म का मामला सामने आया था. रिमांड होम से भागी एक युवती ने शेल्टर होम संचालिका वंदना गुप्ता (Shelter Home Operator Vandana Gupta) पर लड़कियों का शारीरिक और मानसिक शोषण करने का गंभीर आरोप लगाया था. युवती ने बताया था कि वहां गंदा काम होता है, बच्चियों को नशे का इंजेक्शन देकर अवैध धंधा करने के लिए विवश किया जाता है.
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गायघाट रिमांड होम सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता को गिरफ्तार : उन पर लगे आरोप के बाद बिहार में एक बार फिर से खलबली मच गई थी. राजनीतिक दल से लेकर सामाजिक संस्थाओं तक ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी. फिर आनन-फानन में समाज कल्याण विभाग ने जांच के लिए एक टीम गठित कर दी थी, जिसने लीपापोती कर अधीक्षिका वंदना गुप्ता को क्लीन चिट दे दिया था. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में आरोपी युवती को ही गलत ठहरा दिया था. कहा गया कि उसकी व्यवहार ठीक नहीं है. उसने पति पर भी गंभीर आरोप लगाए थे, जिसे बाद में वापस ले लिया. जांच टीम के अनुसार झूठ बोलना, अन्य बालिकाओं को उकसाना, रिमांड होम के कमियों की शिकायत करना, साथ ही गृह कर्मियों को धमकी देना उसके स्वभाव में शामिल पाया गया. जांच रिपोर्ट में लड़की को झगड़ालू भी बताया गया था.
पटना हाईकोर्ट ने स्वत: लिया संज्ञान: मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने 3 फरवरी को स्वत: संज्ञान लिया था. कोर्ट में इंटरवेनर एप्लीकेशन भी दाखिल की गई थी. हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर को सिर्फ सीसीटीवी कैमरे देखकर ही लड़की के आरोपों को नकारने पर कड़ी फटकार लगायी. साथ ही संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था. हाईकोर्ट की फटकार के बाद समाज कल्याण विभाग ने जांच में तेजी लायी. समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने 4 फरवरी को ऑफिस में पीड़िता को बयान के लिए बुलाया. जहां महिला विकास मंच की टीम भी मौजूद थी. लगभग 2 से 3 घंटे तक पीड़िता से 11 सवाल पूछे गये, जवाब भी नोट किया गया था.