भोपाल : मध्य प्रदेश के मुरैना घड़ियाल सेंचुरी में हैचिंग कराए गए 20 घड़ियालों को चंबल नदी में आज छोड़ा गया. इस कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से मध्यप्रदेश के वन मंत्री विजय शाह मुरैना के चंबल राजघाट पहुंचे और सबसे पहले वन मंत्री ने अपनी पत्नी और अधिकारियों के साथ चंबल नदी में वोटिंग करके जलीय जीव और प्रवासी पक्षियों के बारे में जानकारी ली. उसके बाद चंबल नदी में 20 घड़ियालों को छोड़ा गया.
वन मंत्री कुंवर विजय शाह अपनी पत्नी के साथ मुरैना की देवरी घड़ियाल इको सेंटर पहुंचे. वन मंत्री का काफिला घड़ियाल सेंचुरी से चंबल नदी के राजघाट पर पहुंचा, जहां वन मंत्री ने अपनी पत्नी और बेटे सहित अधिकारियों के साथ लगभग एक घंटे चंबल नदी में वोटिंग की. बोटिंग करने के बाद चंबल राजघाट पर देवरी घड़ियाल इको सेंटर में पाले गए 20 घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ा गया.
इस मौके पर वन मंत्री विजय शाह ने बताया कि आज 20 घड़ियालों को मुरैना में छोड़ा गया है. वहीं कुछ घड़ियालों को श्योपुर के पालपुर कूनो अभ्यारण में छोड़ा जाएगा. बता दें कि हर साल घड़ियाल सेंचुरी में घड़ियाल के अंडों की हैचिंग के लिए लाया जाता है और जब घड़ियाल के बच्चे बड़े हो जाते हैं तो उनको टैग लगाकर चंबल नदी में छोड़ा जाता है.
दुनिया में टॉप पर है एमपी
वन मंत्री विजय शाह ने दावा किया है कि चाहे गिद्धों का मामला हो, चाहे घड़ियालों का मामला हो, चाहे टाइगर का मामला हो, तेंदुआ का मामला हो, आकाश में उड़ने वाले पक्षी हो, जलचर हो या फिर वन प्राणी हो हम दुनिया में टॉप पर हैं. वन कर्मचारी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने मध्य प्रदेश का नाम वाइल्ड लाइफ में दुनिया में टॉप पर कर रखा है.
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वन मंत्री चंबल नदी के राजघाट पर पहुंचने से पहले ही वन विभाग ने यहां से सैकड़ों रेत के ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को हटा दिया था. हालत ये थे कि अल्ला बेली चौकी से लेकर घिरौना मंदिर के बीच देवरी, खाड़ोली, हिंगौना सहित अन्य गांवों की सड़कों पर अवैध रेत से भरे ट्रैक्टर ट्रॉलियों की कतार लगी हुई थी. इतना ही नहीं अल्ला बली चौकी से लेकर राजघाट पुल तक जिस रास्ते से वन मंत्री, सीसीएफ और दोनों संभागों के डीएफओ का काफिला गुजरा. उस रास्ते के दोनों ओर सैकड़ों ट्राली रेत का अवैध स्टॉक जगह जगह लगा हुआ था.