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Chandra Grahan 2023 : दो ग्रहण करेंगे सौर मंडल में उथल-पुथल, जानिए 14 अक्टूबर को सूर्य तो 28 को चंद्रग्रहण पर क्या होगा असर - सूतक काल चंद्रग्रहण

शरद पूर्णिमा की रात इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2023) लगने जा रहा है. माना जा रहा है कि भारत में रहने वालों के लिए यह काफी खास होगा.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 10, 2023, 12:09 PM IST

वाराणसी : शरद पूर्णिमा पर चांद अपनी पूर्णता को प्राप्त कर षोडश कलाओं से युक्त होता है. इस रात चांद की किरणें अमृत वर्षा (Chandra Grahan 2023) करतीं हैं और इसी अमृत वर्षा में खीर रखी जाती है, लेकिन इस बार इन सभी मान्यताओं पर ग्रहण लगने वाला है. 28 अक्टूबर को वर्ष का पहला और अंतिम 'खंडग्रास चंद्रग्रहण' है जो कि पूरे भारत में दृश्यमान रहेगा. ऐसा संयोग नौ साल बाद बना है. विशेष यह भी है कि सूतक काल चंद्रग्रहण में नौ घंटे पहले लग जायेगा और ऐसे में शरद पूर्णिमा व कोजागरी पूर्णिमा से जुड़े समस्त धार्मिक अनुष्ठान शाम 4:05 मिनट से पहले कर लेने होंगे.

इस महीने दो ग्रहण करेंगे सौर मंडल में उथल-पुथल (फाइल फोटो)
इस महीने दो ग्रहण करेंगे सौर मंडल में उथल-पुथल (फाइल फोटो)

ग्रहण के सन्दर्भ में ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी ने बताया कि 'आश्विन शुक्ल पूर्णिमा, 28 अक्टूबर, शनिवार को लगने वाला खंडग्रास चंद्रग्रहण भारत में दृश्य होगा. इससे पहले भारत में 2022 के अंत में चंद्रग्रहण देखा गया था. वहीं, अक्टूबर में दो ग्रहण होंगे. जिसमें पहला आश्विन अमावस्या, शनिवार, 14 अक्टूबर को जो कंकणाकृति सूर्यग्रहण लगेगा. यह भारत में दृश्य नहीं होगा. यह ग्रहण, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, मध्य अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका का पश्चिमी किनारा, अंटार्टिक और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा.' पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि '14 अक्टूबर को लगने वाले ग्रहण का प्रभाव भारत में इसलिए नहीं होगा क्योंकि यह भारत में दिखाई ही नहीं दे रहा है. कुछ लोग नवरात्रि पर इस ग्रहण का प्रभाव मान रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि ग्रहण का प्रभाव तभी होता है जब ग्रहण दिखाई दे 15 अक्टूबर से शुरू हो रही नवरात्रि पर इसका कोई भी असर नहीं होगा.'

शरद पूर्णिमा की रात इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण
शरद पूर्णिमा की रात इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण


ग्रहण का स्पर्श, मध्य व मोक्ष काल : यह ग्रहण आश्विनी नक्षत्र मेष राशि पर होगा. भारतीय मानस समयानुसार ग्रहण का प्रारंभ रात्रि में 01:05 मिनट पर स्पर्श, रात्रि 01:44 पर मध्य तथा रात्रि 02:24 मिनट पर मोक्ष होगा. ग्रहण का स्पर्श, मध्य व मोक्ष पूरे भारत में दिखायी देगा. वहीं चंद्रास्त के समय ग्रहण का प्रारंभ आस्ट्रेलिया, उत्तरी प्रशांत महासागर व रुस के पूर्वी भाग में दिखायी देगा. चंद्रोदय के समय ग्रहण का अंत ब्राजील के पूर्वी भाग तथा कनाडा एवं उत्तर व दक्षिण अटलांटिक महासागर में दिखायी देगा. भारत में चंद्रास्त 29 अक्टूबर को प्रात: 06:18 मिनट पर होगा. भारत में सम्पूर्ण ग्रहण काल 01:19 मिनट होगा. वहीं, ग्रासमान 0.126 होगा.

शरद पूर्णिमा की रात इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण
शरद पूर्णिमा की रात इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण

पूर्णिमा तिथि शरद पूर्णिमा व कोजागरी पूर्णिमा 28 अक्टूबर को भोर 03:47 मिनट पर लग रही है जोकि 28 व 29 अक्टूबर को भोर 02:01 मिनट तक रहेगी. इस बीच शाम 04:05 मिनट के पहले तक समस्त पूजन-अर्चन सम्बंधी धार्मिक कृत्य सम्पादित करने होंगे. सूतक काल शुरू होने पर ऐसा नहीं किया जा सकेगा.

चार राशियों को लाभ : खंडग्रास चंद्रग्रहण का प्रभाव चार राशियों के लिए अतिलाभप्रद रहेगा. इसमें मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ शामिल हैं.
- मिथुन राशि को आर्थिक लाभ
- कर्क राशि को चातुर्दिक सुख लाभ
- वृश्चिक राशि को मनोवांछित लाभ
- कुंभ राशि को श्रीवृद्धि का लाभ

इस महीने दो ग्रहण करेंगे सौर मंडल में उथल-पुथल (फाइल फोटो)
इस महीने दो ग्रहण करेंगे सौर मंडल में उथल-पुथल (फाइल फोटो)


आकाशमंडल में 20 दिन तक ग्रहों का उथल-पुथल : आने वाले 20 दिनों में आकाशमंडल ग्रहों का उथल-पुथल होगा. ग्रहों की हलचल 14 अक्टूबर से चार नवम्बर तक चलेगी. इसमें 14 व 28 अक्टूबर को दो ग्रहण, जो कि दोनों शनिवार को होंगे. वहीं, 30 अक्टूबर को राहू-केतु का राशि परिवर्तन, चार नवम्बर को शनि देव का कुंभ राशि में मार्गी होना, अर्थात 14 अक्टूबर से चार नवम्बर तक के 20 दिन खगोलीय घटना क्रम में विशेष होगा. जिसके प्रभाव स्वरूप प्राकृतिक आपदा, भूकंप, महामारी, सुनामी, बड़े देशों के मध्य युद्ध की स्थिति, भारत सहित पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता दिख सकती है. ग्रहण का प्रभाव ग्रहण लगने से 15 दिन आगे तक रहता है.

यह भी पढ़ें : 10 October 2023 Rashifal : आज आपका दिन कैसा बीतेगा,जानिए आज के राशिफल में

यह भी पढ़ें : Aaj ka panchang : आश्विन महीने के कृष्णपक्ष की इंदिरा एकादशी, एकादशी श्राद्ध पर करें पितृों को याद

वाराणसी : शरद पूर्णिमा पर चांद अपनी पूर्णता को प्राप्त कर षोडश कलाओं से युक्त होता है. इस रात चांद की किरणें अमृत वर्षा (Chandra Grahan 2023) करतीं हैं और इसी अमृत वर्षा में खीर रखी जाती है, लेकिन इस बार इन सभी मान्यताओं पर ग्रहण लगने वाला है. 28 अक्टूबर को वर्ष का पहला और अंतिम 'खंडग्रास चंद्रग्रहण' है जो कि पूरे भारत में दृश्यमान रहेगा. ऐसा संयोग नौ साल बाद बना है. विशेष यह भी है कि सूतक काल चंद्रग्रहण में नौ घंटे पहले लग जायेगा और ऐसे में शरद पूर्णिमा व कोजागरी पूर्णिमा से जुड़े समस्त धार्मिक अनुष्ठान शाम 4:05 मिनट से पहले कर लेने होंगे.

इस महीने दो ग्रहण करेंगे सौर मंडल में उथल-पुथल (फाइल फोटो)
इस महीने दो ग्रहण करेंगे सौर मंडल में उथल-पुथल (फाइल फोटो)

ग्रहण के सन्दर्भ में ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी ने बताया कि 'आश्विन शुक्ल पूर्णिमा, 28 अक्टूबर, शनिवार को लगने वाला खंडग्रास चंद्रग्रहण भारत में दृश्य होगा. इससे पहले भारत में 2022 के अंत में चंद्रग्रहण देखा गया था. वहीं, अक्टूबर में दो ग्रहण होंगे. जिसमें पहला आश्विन अमावस्या, शनिवार, 14 अक्टूबर को जो कंकणाकृति सूर्यग्रहण लगेगा. यह भारत में दृश्य नहीं होगा. यह ग्रहण, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, मध्य अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका का पश्चिमी किनारा, अंटार्टिक और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा.' पंडित ऋषि द्विवेदी का कहना है कि '14 अक्टूबर को लगने वाले ग्रहण का प्रभाव भारत में इसलिए नहीं होगा क्योंकि यह भारत में दिखाई ही नहीं दे रहा है. कुछ लोग नवरात्रि पर इस ग्रहण का प्रभाव मान रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि ग्रहण का प्रभाव तभी होता है जब ग्रहण दिखाई दे 15 अक्टूबर से शुरू हो रही नवरात्रि पर इसका कोई भी असर नहीं होगा.'

शरद पूर्णिमा की रात इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण
शरद पूर्णिमा की रात इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण


ग्रहण का स्पर्श, मध्य व मोक्ष काल : यह ग्रहण आश्विनी नक्षत्र मेष राशि पर होगा. भारतीय मानस समयानुसार ग्रहण का प्रारंभ रात्रि में 01:05 मिनट पर स्पर्श, रात्रि 01:44 पर मध्य तथा रात्रि 02:24 मिनट पर मोक्ष होगा. ग्रहण का स्पर्श, मध्य व मोक्ष पूरे भारत में दिखायी देगा. वहीं चंद्रास्त के समय ग्रहण का प्रारंभ आस्ट्रेलिया, उत्तरी प्रशांत महासागर व रुस के पूर्वी भाग में दिखायी देगा. चंद्रोदय के समय ग्रहण का अंत ब्राजील के पूर्वी भाग तथा कनाडा एवं उत्तर व दक्षिण अटलांटिक महासागर में दिखायी देगा. भारत में चंद्रास्त 29 अक्टूबर को प्रात: 06:18 मिनट पर होगा. भारत में सम्पूर्ण ग्रहण काल 01:19 मिनट होगा. वहीं, ग्रासमान 0.126 होगा.

शरद पूर्णिमा की रात इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण
शरद पूर्णिमा की रात इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण

पूर्णिमा तिथि शरद पूर्णिमा व कोजागरी पूर्णिमा 28 अक्टूबर को भोर 03:47 मिनट पर लग रही है जोकि 28 व 29 अक्टूबर को भोर 02:01 मिनट तक रहेगी. इस बीच शाम 04:05 मिनट के पहले तक समस्त पूजन-अर्चन सम्बंधी धार्मिक कृत्य सम्पादित करने होंगे. सूतक काल शुरू होने पर ऐसा नहीं किया जा सकेगा.

चार राशियों को लाभ : खंडग्रास चंद्रग्रहण का प्रभाव चार राशियों के लिए अतिलाभप्रद रहेगा. इसमें मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ शामिल हैं.
- मिथुन राशि को आर्थिक लाभ
- कर्क राशि को चातुर्दिक सुख लाभ
- वृश्चिक राशि को मनोवांछित लाभ
- कुंभ राशि को श्रीवृद्धि का लाभ

इस महीने दो ग्रहण करेंगे सौर मंडल में उथल-पुथल (फाइल फोटो)
इस महीने दो ग्रहण करेंगे सौर मंडल में उथल-पुथल (फाइल फोटो)


आकाशमंडल में 20 दिन तक ग्रहों का उथल-पुथल : आने वाले 20 दिनों में आकाशमंडल ग्रहों का उथल-पुथल होगा. ग्रहों की हलचल 14 अक्टूबर से चार नवम्बर तक चलेगी. इसमें 14 व 28 अक्टूबर को दो ग्रहण, जो कि दोनों शनिवार को होंगे. वहीं, 30 अक्टूबर को राहू-केतु का राशि परिवर्तन, चार नवम्बर को शनि देव का कुंभ राशि में मार्गी होना, अर्थात 14 अक्टूबर से चार नवम्बर तक के 20 दिन खगोलीय घटना क्रम में विशेष होगा. जिसके प्रभाव स्वरूप प्राकृतिक आपदा, भूकंप, महामारी, सुनामी, बड़े देशों के मध्य युद्ध की स्थिति, भारत सहित पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता दिख सकती है. ग्रहण का प्रभाव ग्रहण लगने से 15 दिन आगे तक रहता है.

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