चित्तौड़गढ़. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मुश्किलें और भी बढ़ने वाली हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी, किसान कर्ज माफी पर सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक और राजस्थान धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने शहर के सदर पुलिस थाने में शनिवार देर रात रिपोर्ट दी है. इसके अंतर्गत मानहानि सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत शिकायत दी गई है.
पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने बताया कि रिपोर्ट में भाजपा की 27 अप्रैल को सुभाष नगर में आयोजित जन आक्रोश जनसभा का हवाला दिया गया है. बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने अपने उद्बोधन के दौरान जनता से रामराज लाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को रावण करार देते हुए उखाड़ फेंकने की बात कही थी. पूर्व विधायक ने इस जनसभा का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया. उनका यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
उन्होंने कहा मुख्यमंत्री एक गांधीवादी नेता हैं. राज्य की तीन बार कमान संभाल चुके हैं. ऐसे में उनके खिलाफ की गई इस टिप्पणी से कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ताओं और लोगों की भी भावनाएं आहत हुई हैं. केंद्रीय मंत्री की ओर से ऋण माफी को लेकर सरकार को बदनाम करने को लेकर साक्ष्य के रूप में दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. उनका आरोप है कि भाजपा के पदाधिकारी पूर्व प्रधान, पूर्व सरपंच, सीकेएसबी चेयरमैन के भाई, पंचायत समिति सदस्य के परिजन और मंडल पदाधिकारी के 15 लाख से ज्यादा के ऋण माफी को साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किए गए. थाना प्रभारी हरेंद्र सिंह सौदा ने बताया कि पूर्व विधायक जाड़ावत की ओर से दी गई रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच सीआईडी सीबी करेगी, ऐसे में मामला सीआईडी सीबी को ट्रांसफर किया जाएगा.