नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रुख कर टीकाकरण के तीसरे चरण की नीति को खत्म करने और टीका निर्माताओं से कोविड-19 रोधी टीके की 100 प्रतिशत खुराकें खरीदने के संबंध में समान नीति लागू करने को लेकर निर्देश देने का अनुरोध किया.
पश्चिम बंगाल ने कहा कि एकमुश्त खरीदारी से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को समान रूप से टीके का वितरण होगा. राज्य सरकार ने कोविड-19 रोधी टीके के लिए अलग-अलग मूल्य नीति को भी रद्द करने और टीके की एक समान कीमत 150 रुपये प्रति खुराक तय किए जाने का भी अनुरोध किया है.
महामारी के दौरान आवश्यक सेवा और आपूर्ति का वितरण सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष अदालत द्वारा स्वत: संज्ञान लिए गए लंबित मामले में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा हस्तक्षेप याचिका दाखिल की गयी है. पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र को घरेलू और विदेशी टीका निर्माताओं को कोविड-19 टीके के लिए एकमुश्त ऑर्डर देकर कम से कम समय में सबका टीकाकरण सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है.
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राज्य सरकार ने दावा किया है कि केंद्र सरकार द्वारा आवंटित टीकों में उसे अपना हिस्सा नहीं मिला है जबकि केंद्र ने वचन दिया था कि वह पांच मई 2021 तक कोविड-19 टीकों की चार लाख खुराकों की खेप की आपूर्ति करेगा. अर्जी में कहा गया, 'पश्चिम बंगाल सरकार को छह मई तक चार लाख खुराकें नहीं मिली है.' साथ ही कहा गया, ऐसी भी खबरें हैं कि टीके की कमी है और इसकी उपलब्धता को लेकर भी अनिश्चितता है. केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, त्रिपुरा, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ ने कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम का तीसरा चरण टाल दिया है.
याचिका में कहा गया है कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कोविड-19 टीकों की घोर किल्लत है और 18-44 साल के उम्र समूह के बीच 59 करोड़ योग्य लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करना अभी बिल्कुल संभव नहीं लग रहा.