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आंध्र: कोरोना के डर से मां-बेटी दो साल तक नहीं निकली घर से, जबरन अस्पताल में भर्ती

लोगों के जीवन में कोरोना ने कई कड़वी यादें छोड़ी हैं. कोरोना काल में कई दुखद घटनाएं हुई. अब लोग फिर से सामान्य जीवन जीने के अभ्यस्त हो रहे हैं. लेकिन आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले में पिछले दो साल से मां-बेटी कोरोना के डर से अपने घरों में कैद हैं. इससे उनकी तबीयत पूरी तरह बिगड़ गई है.

Etv BhaIn Kakinada, Andhra Pradesh, mother-daughter did not leave the house for two years due to fear of coronarat
Etv Bharatआंध्र प्रदेश काकीनाडा में मां-बेटी कोरोना के डर से दो साल से घर से बाहर नहीं निकली
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Published : Dec 21, 2022, 9:12 AM IST

काकीनाडा: आंध्र प्रदेश के कोय्युरू गांव में कोरोना वायरस महामारी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के डर से पिछले दो साल से दिन में घर से बाहर नहीं निकलने वाली एक मां और उसकी बेटी को मंगलवार को जबरन यहां के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिवार के रिश्तेदारों के अनुसार, परिवार का मुखिया उन्हें हर रोज खाना खिलाता था और पिछले एक हफ्ते से मां-बेटी भोजन नहीं कर रही थी.

इस कारण परिवार के मुखिया को अधिकारियों से संपर्क करने के लिए मजबूर होना पड़ा. परिजनों ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुलिस की मदद से उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. महिला की बेटी ने अधिकारियों से सवाल किया, 'जब हम अपने घर में ही रहना चाहते हैं तो आपको क्या समस्या है?' अधिकारी, दोनों मां-बेटी को बाहर आने और उनके साथ सहयोग करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे थे.

ये भी पढ़ें- कोरोना अलर्ट: स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने कोविड की समीक्षा के लिए बुलाई बड़ी बैठक

परिवार के मुखिया सुरीबाबू ने टीवी समाचार चैनलों को बताया कि उनकी पत्नी और बेटी काले जादू से डरती हैं और इसलिए उन्होंने दिन के समय घर से बाहर निकलना बंद कर दिया. सुरीबाबू ने कहा, 'मेरे बार-बार आश्वासन देने के बावजूद वे पिछले दो साल से दिन के समय घर से बाहर नहीं निकले. लेकिन वे रात में शौच के लिए बाहर जाते हैं.' जैसे ही उनकी पत्नी का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगा, सुरीबाबू ने स्वास्थ्य अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया.

(पीटीआई-भाषा)

काकीनाडा: आंध्र प्रदेश के कोय्युरू गांव में कोरोना वायरस महामारी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के डर से पिछले दो साल से दिन में घर से बाहर नहीं निकलने वाली एक मां और उसकी बेटी को मंगलवार को जबरन यहां के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिवार के रिश्तेदारों के अनुसार, परिवार का मुखिया उन्हें हर रोज खाना खिलाता था और पिछले एक हफ्ते से मां-बेटी भोजन नहीं कर रही थी.

इस कारण परिवार के मुखिया को अधिकारियों से संपर्क करने के लिए मजबूर होना पड़ा. परिजनों ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुलिस की मदद से उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. महिला की बेटी ने अधिकारियों से सवाल किया, 'जब हम अपने घर में ही रहना चाहते हैं तो आपको क्या समस्या है?' अधिकारी, दोनों मां-बेटी को बाहर आने और उनके साथ सहयोग करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे थे.

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परिवार के मुखिया सुरीबाबू ने टीवी समाचार चैनलों को बताया कि उनकी पत्नी और बेटी काले जादू से डरती हैं और इसलिए उन्होंने दिन के समय घर से बाहर निकलना बंद कर दिया. सुरीबाबू ने कहा, 'मेरे बार-बार आश्वासन देने के बावजूद वे पिछले दो साल से दिन के समय घर से बाहर नहीं निकले. लेकिन वे रात में शौच के लिए बाहर जाते हैं.' जैसे ही उनकी पत्नी का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगा, सुरीबाबू ने स्वास्थ्य अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया.

(पीटीआई-भाषा)

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