नई दिल्ली : क्या बीजेपी और संघ धीरे-धीरे जनसंख्या नियंत्रण के एजेंडे पर बढ़ रही है. यदि देखा जाए तो संसद के हर सत्र में भाजपा का कोई न कोई सांसद प्राइवेट मेंबर बिल के तहत जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की मांग करता रहा है और विपक्ष हर बार हंगामा करता रहा है.
प्राइवेट मेंबर बिल के तहत जिस तरह जाति, धर्म और सभी संप्रदायों के लिए दो बच्चे और दो बच्चों के बाद नसबंदी के नियम लाने की मांग की जा रही है, यह कहीं ना कहीं आगे चलकर भाजपा का बड़ा एजेंडा बन सकता है. पिछले सत्र के दौरान सांसद राकेश सिन्हा ने प्राइवेट मेंबर बिल के तहत जनसंख्या नियंत्रण बिल लाने की बात की थी.
अब इस सत्र में भाजपा सांसद रवि किशन ने प्राइवेट मेंबर बिल लाने की घोषणा की है. सांसद रवि किशन ने कहा कि देश में जनसंख्या जिस हिसाब से अनियंत्रित हो रही है, वो विस्फोट की तरफ जा रही है. उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं. उन्होंने स्पीकर से यहां तक कहा कि एक बार उनकी बात सुन ली जाए कि वो इसपर क्या कहना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि हम विश्व गुरु तभी बन सकते हैं, जब जनसंख्या नियंत्रण पर कानून आए. इस पर नियंत्रण लगाना जरूरी है. संसद में हंगामे के बीच रवि किशन ने जैसे ही ये बात रखी, कुछ विपक्षी सांसदों के साथ ही साथ सोशल मीडिया पर भी उनसे सवाल पूछे जाने लगे कि उनके कितने बच्चे हैं और किस हक से वो इस बिल को लाने की बात कह रहे हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि बीजेपी सांसद रवि किशन के चार बच्चे हैं. तीन बेटियां और एक बेटा. तीनों बेटियां बेटे से बड़ी हैं और ट्रॉलर्स इसी बात को सोशल मीडिया पर उजागर करते रहे कि बेटे की चाह में ही रवि किशन ने तीन बेटियां पैदा की. एक यूजर ने लिखा कि आप 4 बच्चों के बाप हैं, फिर भी जनसंख्या नियंत्रण कांनून पर व्याख्यान कर रहे हैं. एक और यूजर ने लिखा कि अगर इसे पास कर दिया गया तो रवि किशन को चार बच्चों में से दो बच्चे चुनने पड़ेंगे.
-
first 3 girls are due to 4th boy
— sandeep tamta (@sandeeptamta) July 15, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">first 3 girls are due to 4th boy
— sandeep tamta (@sandeeptamta) July 15, 2021first 3 girls are due to 4th boy
— sandeep tamta (@sandeeptamta) July 15, 2021
-
आबादी तो आपकी ठीक है @ravikishann
— Moazzam Ali (@MoazzamTweet) July 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
काहे मुराही करत बाटे!!#ravikishan #PopulationControlLaw pic.twitter.com/CI8b1h8YIc
">आबादी तो आपकी ठीक है @ravikishann
— Moazzam Ali (@MoazzamTweet) July 22, 2022
काहे मुराही करत बाटे!!#ravikishan #PopulationControlLaw pic.twitter.com/CI8b1h8YIcआबादी तो आपकी ठीक है @ravikishann
— Moazzam Ali (@MoazzamTweet) July 22, 2022
काहे मुराही करत बाटे!!#ravikishan #PopulationControlLaw pic.twitter.com/CI8b1h8YIc
-
माननीय सांसद #Ravikishan जी को ४ चार बच्चो का पिता बनने के कई साल बाद ये समझ आया की उन्होंने भारत की जनसँख्या में कुछ ज़्यादा ही योगदान कर दिया ...
— Zahid Hussain 🇮🇳 (@zhk786) July 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
और ये समझ आते ही वो तुरंत लोक सभा में जनसँख्या नियंत्रण बिल पेश करने पहुंच गए
जय हो ... pic.twitter.com/2Qh975habP
">माननीय सांसद #Ravikishan जी को ४ चार बच्चो का पिता बनने के कई साल बाद ये समझ आया की उन्होंने भारत की जनसँख्या में कुछ ज़्यादा ही योगदान कर दिया ...
— Zahid Hussain 🇮🇳 (@zhk786) July 22, 2022
और ये समझ आते ही वो तुरंत लोक सभा में जनसँख्या नियंत्रण बिल पेश करने पहुंच गए
जय हो ... pic.twitter.com/2Qh975habPमाननीय सांसद #Ravikishan जी को ४ चार बच्चो का पिता बनने के कई साल बाद ये समझ आया की उन्होंने भारत की जनसँख्या में कुछ ज़्यादा ही योगदान कर दिया ...
— Zahid Hussain 🇮🇳 (@zhk786) July 22, 2022
और ये समझ आते ही वो तुरंत लोक सभा में जनसँख्या नियंत्रण बिल पेश करने पहुंच गए
जय हो ... pic.twitter.com/2Qh975habP
इस बीच एक सच यह भी है कि इसी सत्र में एक दिन पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण ने संसद में एक सवाल का जवाब दिया था. उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पर कानून लाने की सरकार की अभी कोई तैयारी नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि सरकार राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम को प्राथमिकता देती है, जो राष्ट्रीय जनसंख्या नीति (2000) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (2017) के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2045 तक जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य प्राप्त करना है.
बहरहाल ये मामला भले ही भिन्न हो, लेकिन बीजेपी प्राइवेट मेंबर बिल के तहत ही सही, जनसंख्या नियंत्रण कानून को पार्टी के मुख्य एजेंडे में लाने की कोशिश कर रही है. यदि देखा जाए तो 2014 से लेकर अब तक भाजपा ने अपने अधिकांश वादे पूरे किए हैं. फिर चाहे राम मंदिर का मुद्दा हो या फिर ट्रिपल तलाक या फिर अनुच्छेद 370 को हटाने का. अब उसके सामने मुख्य रूप से दो मुद्दे हैं, जिसे पार्टी मुख्य धारा में लाने की कोशिश कर रही है. ये हैं जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता के मुद्दे. इसलिए ये कहना गलत नही होगा कि 2024 में ये मुद्दा एक बड़ा एजेंडा बन सकता है.
ये भी पढ़ें : सांसद रवि किशन बोले, संसद में बताऊंगा कि 4 बच्चों का पिता क्यों ला रहा है पॉपुलेशन कंट्रोल बिल