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भारत में जल प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाले फादर हरमान बाशर का निधन

भारत में जल प्रबंधन एवं संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले फादर हरमान बाशर (Father Hermann Bacher) का स्विट्जरलैंड में निधन हो गया. महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें 'कृषि भूषण' पुरस्कार प्रदान किया था और जर्मनी की सरकार ने उन्हें प्रतिष्ठित 'ऑर्डर ऑफ मेरिट' पुरस्कार से नवाजा था.

फादर हरमान बाशर का निधन
फादर हरमान बाशर का निधन
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Published : Sep 15, 2021, 1:48 PM IST

पुणे : भारत में जल प्रबंधन एवं संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले फादर हरमान बाशर (Father Hermann Bacher) का स्विट्जरलैंड में निधन हो गया. वह 97 वर्ष के थे. फादर बाशर के एक सहयोगी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

भारत में खासतौर से सूखाग्रस्त इलाकों में जल प्रबंधन के लिए लगभग 60 साल बिताने वाले फादर बाशर ने नए जल संसाधन खोजने और उन्हें विकसित करने के लिए महाराष्ट्र में भारत-जर्मन वाटरशेड विकास कार्यक्रम (आईजीडब्ल्यूडीपी) की शुरुआत की.

सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को स्विट्जरलैंड में उनका निधन हो गया. आईजीडब्ल्यूडीपी के तहत उन्होंने नए जल संसाधन विकसित करने पर जोर दिया. महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें 'कृषि भूषण' पुरस्कार प्रदान किया था और जर्मनी की सरकार ने उन्हें प्रतिष्ठित 'ऑर्डर ऑफ मेरिट' पुरस्कार से नवाजा था.

ये भी पढ़ें - बिहार : 50 पैसे से शुरू हुआ एक अनाथालय इस तरह संवार रहा लोगों का जीवन

पुणे के गैर लाभकारी संगठन 'वाटरशेड ऑरगनाइजेशन ट्रस्ट' ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि वह 1989 में बाशर द्वारा शुरू किए गए आईजीडब्ल्यूडीपी से ही संस्था बनी है. फादर बाशर कई भाषाओं के जानकार थे और उन्होंने अपना अधिकांश जीवन गरीबों के बीच और जल प्रबंधन विधियों से उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए काम किया.

महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि बाचेर अंत तक भारत में अपने शुभचिंतकों के संपर्क में थे और वह जनता के लिए किए गए काम के वास्ते याद किए जाएंगे.

(पीटीआई-भाषा)

पुणे : भारत में जल प्रबंधन एवं संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले फादर हरमान बाशर (Father Hermann Bacher) का स्विट्जरलैंड में निधन हो गया. वह 97 वर्ष के थे. फादर बाशर के एक सहयोगी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

भारत में खासतौर से सूखाग्रस्त इलाकों में जल प्रबंधन के लिए लगभग 60 साल बिताने वाले फादर बाशर ने नए जल संसाधन खोजने और उन्हें विकसित करने के लिए महाराष्ट्र में भारत-जर्मन वाटरशेड विकास कार्यक्रम (आईजीडब्ल्यूडीपी) की शुरुआत की.

सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को स्विट्जरलैंड में उनका निधन हो गया. आईजीडब्ल्यूडीपी के तहत उन्होंने नए जल संसाधन विकसित करने पर जोर दिया. महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें 'कृषि भूषण' पुरस्कार प्रदान किया था और जर्मनी की सरकार ने उन्हें प्रतिष्ठित 'ऑर्डर ऑफ मेरिट' पुरस्कार से नवाजा था.

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पुणे के गैर लाभकारी संगठन 'वाटरशेड ऑरगनाइजेशन ट्रस्ट' ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि वह 1989 में बाशर द्वारा शुरू किए गए आईजीडब्ल्यूडीपी से ही संस्था बनी है. फादर बाशर कई भाषाओं के जानकार थे और उन्होंने अपना अधिकांश जीवन गरीबों के बीच और जल प्रबंधन विधियों से उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए काम किया.

महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि बाचेर अंत तक भारत में अपने शुभचिंतकों के संपर्क में थे और वह जनता के लिए किए गए काम के वास्ते याद किए जाएंगे.

(पीटीआई-भाषा)

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