पटना: बिहार के समस्तीपुर जिले के मुक्तापुर में गोभी की फसल का उचित दाम नहीं मिलने से नाराज किसान ओम प्रकाश ने कई बीघा में लगी गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया. किसान ओम प्रकाश को अपनी फसल तैयार करने में चार हजार रुपये प्रति कट्टे के हिसाब से खर्च आया, लेकिन बाजार में एक रुपये प्रति किलो के हिसाब से भी गोभी बेचना मुश्किल हो रहा था.
किसान ओम प्रकाश ने बताया कि पहले तो गोभी को मजदूर से कटवाना पड़ता है, फिर अपने खर्च से बोरा देकर उसे पैक करवाना होता है. पैकिंग के बाद ठेला या किसी अन्य गाड़ी की मदद से उसे मंडी तक पहुंचाया जाता है, लेकिन मंडी में दुकानदार एक रुपये प्रति किलो में भी गोभी खरीदने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में मजबूरन उन्हें अपनी फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ा. अब इस खेत में वह गेहूं की बोआई करेंगे. इससे पहले उनका काफी गेहूं भी खराब हो गया था. इसके बाद सरकार की तरफ से केवल एक हजार 90 रुपये का मुआवजा मिला था.
बिहार में गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चला, तो ये खबर दिल्ली में बैठे हुक्मरानों तक भी पहुंची. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कॉमन सर्विस सेंटर को निर्देश दिया कि किसान की मदद की जाए. इसके बाद कॉमन सर्विस सेंटर ने दस गुणा दाम पर किसान की फसल खरीदी.
यहां एक किसान को मदद पहुंची तो बिहार के दूसरे जिलों से ऐसी तस्वीरें सामने आईं. मुजफ्फरपुर के बोचहा के सरफुद्दीनपुर में भी दो किसानों ने गोभी का उचित मूल्य नहीं मिलने से निराश होकर खेत में लगी करीब 10 बीघा फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया.
बता दें कि कॉमन सर्विस सेंटर यानी सीएससी से शुरू हुई किसान ई-मार्ट योजना के माध्यम से किसान गांव से ही अपनी तैयार फसल को देश-विदेश तक बेच सकते हैं. इससे किसानों को फसल का वाजिब दाम भी मिलेगा, साथ ही बिचौलियों से भी छुटकारा मिलेगा. यही बात प्रधानमंत्री मोदी भी किसानों को समझानें की कोशिश कर रहे हैं कि नए कानून के आने से किसानों को तमाम झंझटों से मुक्ति मिलेगी और बिचौलियों से आजादी.
कैसे काम करता है ई-मार्ट ?
सीएससी पर आने वाले किसानों के पास कितनी फसल ब्रिकी होनी है, उसकी जानकारी दर्ज की जाएगी. किसान ई-मार्ट पोर्टल से जुड़ेंगे और खरीददार ऑनलाइन ही उसकी बोली लगाएंगे. किसान की सहमति मिलने के बाद एडवांस भुगतान किसान के खाते में किया जाएगा. इसके बाद संबंधित प्रतिनिधि मौके पर जाकर किसान की तैयार फसल को देखेगा और फिर फसल की तौल कराकर उसे ले जा सकेगा.
किसान ई-मार्ट की इस योजना में देश और विदेश के खरीददारों के भाग लेने से किसानों को अच्छा मुनाफा होगा. फसल खरीद के बाद बाकी का पैसा किसान के खाते में भेजा जाएगा. बिचौलियों के चलते फसल का वाजिब दाम न मिलने से अब केंद्र सरकार ने किसानों के हित में इस योजना को धरातल पर उतारा है. इसके लिए किसान सीएससी केंद्र पर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं.
कैसे होगा पंजीकरण, देने होंगे ये दस्तावेज
अपनी फसल को ऑनलाइन बेचने के लिए किसानों को सीएससी जाकर पंजीकरण करना होगा. इसके लिए केंद्र सरकार ने 40 रुपये फीस निर्धारित की है. पंजीकरण के दौरान किसानों को अपना आधार कार्ड, पहचान पत्र, पैन कार्ड, नाम, पता और बैंक से संबंधित दस्तावेज देने होंगे.