फरीदाबाद: सूरजकुंड मेले में अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. मेले में कलाकृति को लेकर एक ऐसा संगम है जिसे देखने के बाद आप भी कहेंगे कि यह मेला नहीं बल्कि कलाकृति को पिरोकर एक जगह एकत्र किया गया हो. वहीं, मेले में जयपुर से आए कलाकार गोपाल प्रसाद शर्मा की पेंटिंग पूरे मेले में आकर्षण का केंद्र बनी बनी हुई है. उनकी पेंटिंग को देखने के लिए लोगों की भीड़ भी लगी रहती है. बचपन से ही छोटी-छोटी चीजों पर कलाकृति बनाने वाले गोपाल प्रसाद शर्मा सूरजकुंड मेले में राम दरबार की पेंटिंग लेकर आए हैं.
राम दरबार की पेंटिंग को देखने के लिए जहां लोगों में उत्साह भी देखा जा रहा है. गोपाल प्रसाद बताते हैं कि इस राम दरबार की पेंटिंग बनाने में उन्हें पांच साल का समय लगा है. राम दरबार की पेंटिंग की खास बात यह है कि इसमें 24 कैरेट शुद्ध गोल्ड का भी प्रयोग किया गया है. इस पेंटिंग में राम के तीनों भाई, उनकी माता, उनके भक्त हनुमान, अंगद समेत स्वर्ग की अप्सरा को भी बारीकी से दर्शाया गया है. राम दरबार की पेंटिंग की खास बात ये है कि इसमें छोटे-छोटे चित्रों को भी साफतौर पर देखा जा सकता है.
ईटीवी भारत से बातचीत में गोपाल प्रसाद शर्मा ने कहा कि यह पेंटिंग अपने आप में अनोखी है. इस पेंटिंग को खरीदने के लिए कई लोगों ने ऑफर किया है. गोपाल प्रसाद ने बताया कि जब दिल्ली में उन्हें उपराष्ट्रपति से अवार्ड मिल रहा था तो उस दौरान भी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उनसे पांच करोड़ रुपये में इसको खरीदने की पेशकश की. लेकिन उन्होंने उनको भी मना कर दिया.
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गोपाल प्रसाद ने कहा कि, 'मैं चाहता हूं कि इस पेंटिंग का प्रयोग हर घर में हो. मैं इस पेंटिंग को कभी नहीं बेचूंगा. यह पेंटिंग 5 करोड़ नहीं बल्कि 50 करोड़ से भी ज्यादा अनमोल है. मैं इसे नहीं बेचूंगा बल्कि इसका कॉपीराइट दूंगा. इस पेंटिंग को बनाने में मुझे पांच साल लगे. छोटी-छोटी बारीकियों को ध्यान में रखते हुए इस पेंटिंग को मैंने तैयार किया है. इस पेंटिंग को देखने के लिए लोग आ रहे हैं. पूरी तरह से यह पेंटिंग हैंडमेड है. इस पेंटिंग से अलग मैंने छोटी-छोटी चीजों पर भी पेंटिंग बनाई है. जैसे मैंने बाल के ऊपर पूरी बरात की पेंटिंग बनाई थी.'
गोपाल प्रसाद का कहना है कि यही वजह है कि मुझे कई तरह के अवॉर्ड भी मिले और मेरे नाम पर कई रिकॉर्ड भी हैं. गोपाल प्रसाद को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड, मुझे स्टेट अवॉर्ड, समेत नेशनल अवॉर्ड, इंटरनेशनल अवार्ड समेत कई अवॉर्ड भी मिले हैं. वहीं, इसके साथ ही गोपाल प्रसाद की कहना है कि पिछले 6 साल से मेरा नाम पद्मश्री के लिए जा रहा है लेकिन अभी तक नहीं मिला है. मुझे उम्मीद है कि इस बार मुझे पद्मश्री अवार्ड मिलेगा.
गोपाल प्रसाद आगे बताते हैं कि, मेरे पूर्वज राजघराने में राजमिस्त्री के पद पर हुआ करते थे. जिन्होंने बड़े-बड़े दीवारों पर एक से बढ़कर एक पेंटिंग बनाई. बड़े-बड़े दरवाजों पर उनकी कलाकृति देखने को मिलती थी और वहीं से मुझे यह पेंटिंग की कला विरासत में मिली है. अब मैं सूक्ष्म से सूक्ष्म चीजों पर पेंटिंग बना सकता हूं.
यही वजह है कि सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेला 2023 को शिल्प मेला नहीं बल्कि इसे हस्तशिल्प मेला कहा जाता है. इस मेले में हस्तशिल्प की कलाकारी देखने को मिलती है. पेंटिंग से लेकर हाथों से बनाया हुआ हर एक चीज जिसे आप देख नहीं बल्कि नजदीक से महसूस कर सकते हैं और इसी कड़ी में सूरजकुंड मेले में 5 करोड़ की राम दरबार की पेंटिंग आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. लोग आते हैं और यहां पर इस पेंटिंग के साथ सेल्फी भी लेते हैं.
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