ETV Bharat / bharat

आठ लेन एक्सप्रेस-वे की प्रगति का जायजा लेने राजस्थान जाएंगे गडकरी

author img

By

Published : Apr 6, 2021, 4:13 PM IST

राजस्थान के छह जिलों से निकलने वाले दिल्ली-बड़ोदरा आठ लेन एक्सप्रेस-वे की प्रगति जानने खुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आठ अप्रैल को आ रहे हैं. इस दौरान वह हरियाणा के गुरुग्राम के सोहना होते हुए दौसा और दौसा से रतलाम-भरूच होते हुए बड़ोदरा तक जाएंगे. इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर खुद गडकरी इसका निरीक्षण करेंगे. राजस्थान के लिए क्या होगा खास, देखिये जयपुर से ये रिपोर्ट...

डिजाइन फोटो
डिजाइन फोटो

जयपुर : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के प्रयासों से देश की राजधानी दिल्ली को राजस्थान के रास्ते देश की व्यावसायिक राजधानी मुंबई से हाई स्पीड कंट्रोल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की योजना अब जल्द ही पूरी होने वाली है. अगले दो वर्ष में दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर का काम पूरा कर लिया जाएगा. दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे के नौ पैकेज का कार्य इसी साल अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद है.

वहीं, राज्य सरकार भी इस प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर है. खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रोजेक्ट को लेकर बैठक भी कर चुके हैं. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अलवर, भरतपुर, दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर और कोटा के जिला कलेक्टर, भूमि अवाप्ति अधिकारी, वन विभाग के अधिकारी और एनएचएआई (Nation Highways Authority India) के सीजीएम एमके जैन के साथ कई बैठक कर इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को रिव्यू किया है.

अब खुद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इस प्रोजेक्ट की समीक्षा करने आठ अप्रैल को आ रहे हैं. गडकरी इस प्रोजेक्ट पर खुद दिल्ली से बड़ोदरा तक जाएंगे और एनएचएआई के अधिकारियों के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों से भी मिलेंगे.

प्रदेश में बीते वित्तीय वर्ष यानी वर्ष 2020 और 21 में NHAI का 450 किलोमीटर लंबाई के नेशनल हाईवे बनने थे. इसके विपरीत 480 किलोमीटर बनाए गए हैं. वर्तमान में प्रदेश में NHAI के कुल 52 प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिनकी लंबाई 3178 किलोमीटर है और इन पर 48 हजार करोड़ रुपये पर भी खर्च होने हैं. एनएचएआई की ओर से प्रगति रिपोर्ट भेजी जा चुकी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी खुद आ रहे हैं तो वे अधिकारियों से प्रेजेंटेशन भी देख सकते हैं. इधर दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे की बात करें तो अभी तक इस प्रोजेक्ट के लिए ज्यादा भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है. करीब 12,000 करोड़ रुपये भूमि मालिकों को अधिग्रहण के एवज में दिए गए हैं.

खास बात यह भी है कि दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे को केंद्र ने नेशनल हाईवे घोषित करने की अधिसूचना भी जारी की है. जालंधर-अजमेर एक्सप्रेस-वे को भी नेशनल हाईवे घोषित कर दिया गया है. दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे प्रदेश के अलवर भरतपुर टोंक-सवाई माधोपुर कोटा से होकर गुजर रहा है.

आठ लेन एक्सप्रेस-वे
आठ लेन एक्सप्रेस-वे

पढ़ें - उत्तराखंड हाई कोर्ट ने जंगल की आग मामले में वन संरक्षक को किया तलब

राजस्थान के 6 जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस-वे...

यह रूट रामगंज मंडी से एमपी होता हुआ गुजरात और फिर मुंबई तक टच करेगा. इस एक्सप्रेस-वे की खास बात यह है कि यह नई भूमि पर नए लेआउट के साथ बनेगा. इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की लंबाई 844 किलोमीटर से ज्यादा होगी और इसका 372 किलोमीटर का दायरा राजस्थान के छह जिलों से होकर गुजरेगा. आठ लेन का यह एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस-वे जमीन से ऊंचा होगा और इस पर करीब 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चलेंगे.

प्रदेश के व्यापार को लगेंगे 'पंख'...

बिटुमिन के बन रहे इस एक्सप्रेस-वे से दिल्ली से जयपुर की दूरी महज ढाई घंटे की तरह जाएगी. NHAI के सीजीएम एमके जैन ने बताया कि गुड़गांव के सोहना से दौसा जिले के लालसोट तक 11 हजार करोड़ रुपये के 13 पैकेज पर पूर्ण क्षमता और गति से कार्य चल रहा है. दूसरे चरण के लिए जैसे ही वन विभाग की क्लीयरेंस मिल जाएगी और टेंडर जारी कर दिए जाएंगे. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अब राजस्थान ऐसे विशेष कॉरिडोर का हिस्सा बनने जा रहा है, जो देश की राजधानी दिल्ली को देश की व्यावसायिक राजधानी मुंबई तक अपनी अप्रोच बना लेगा. इससे ना केवल प्रदेश के व्यापार को पंख लग जाएंगे, बल्कि पर्यटन भी अपने चरम पर होगा.

जयपुर : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के प्रयासों से देश की राजधानी दिल्ली को राजस्थान के रास्ते देश की व्यावसायिक राजधानी मुंबई से हाई स्पीड कंट्रोल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की योजना अब जल्द ही पूरी होने वाली है. अगले दो वर्ष में दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर का काम पूरा कर लिया जाएगा. दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे के नौ पैकेज का कार्य इसी साल अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद है.

वहीं, राज्य सरकार भी इस प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर है. खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रोजेक्ट को लेकर बैठक भी कर चुके हैं. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अलवर, भरतपुर, दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर और कोटा के जिला कलेक्टर, भूमि अवाप्ति अधिकारी, वन विभाग के अधिकारी और एनएचएआई (Nation Highways Authority India) के सीजीएम एमके जैन के साथ कई बैठक कर इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को रिव्यू किया है.

अब खुद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इस प्रोजेक्ट की समीक्षा करने आठ अप्रैल को आ रहे हैं. गडकरी इस प्रोजेक्ट पर खुद दिल्ली से बड़ोदरा तक जाएंगे और एनएचएआई के अधिकारियों के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों से भी मिलेंगे.

प्रदेश में बीते वित्तीय वर्ष यानी वर्ष 2020 और 21 में NHAI का 450 किलोमीटर लंबाई के नेशनल हाईवे बनने थे. इसके विपरीत 480 किलोमीटर बनाए गए हैं. वर्तमान में प्रदेश में NHAI के कुल 52 प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिनकी लंबाई 3178 किलोमीटर है और इन पर 48 हजार करोड़ रुपये पर भी खर्च होने हैं. एनएचएआई की ओर से प्रगति रिपोर्ट भेजी जा चुकी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी खुद आ रहे हैं तो वे अधिकारियों से प्रेजेंटेशन भी देख सकते हैं. इधर दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे की बात करें तो अभी तक इस प्रोजेक्ट के लिए ज्यादा भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है. करीब 12,000 करोड़ रुपये भूमि मालिकों को अधिग्रहण के एवज में दिए गए हैं.

खास बात यह भी है कि दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे को केंद्र ने नेशनल हाईवे घोषित करने की अधिसूचना भी जारी की है. जालंधर-अजमेर एक्सप्रेस-वे को भी नेशनल हाईवे घोषित कर दिया गया है. दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे प्रदेश के अलवर भरतपुर टोंक-सवाई माधोपुर कोटा से होकर गुजर रहा है.

आठ लेन एक्सप्रेस-वे
आठ लेन एक्सप्रेस-वे

पढ़ें - उत्तराखंड हाई कोर्ट ने जंगल की आग मामले में वन संरक्षक को किया तलब

राजस्थान के 6 जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस-वे...

यह रूट रामगंज मंडी से एमपी होता हुआ गुजरात और फिर मुंबई तक टच करेगा. इस एक्सप्रेस-वे की खास बात यह है कि यह नई भूमि पर नए लेआउट के साथ बनेगा. इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की लंबाई 844 किलोमीटर से ज्यादा होगी और इसका 372 किलोमीटर का दायरा राजस्थान के छह जिलों से होकर गुजरेगा. आठ लेन का यह एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस-वे जमीन से ऊंचा होगा और इस पर करीब 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चलेंगे.

प्रदेश के व्यापार को लगेंगे 'पंख'...

बिटुमिन के बन रहे इस एक्सप्रेस-वे से दिल्ली से जयपुर की दूरी महज ढाई घंटे की तरह जाएगी. NHAI के सीजीएम एमके जैन ने बताया कि गुड़गांव के सोहना से दौसा जिले के लालसोट तक 11 हजार करोड़ रुपये के 13 पैकेज पर पूर्ण क्षमता और गति से कार्य चल रहा है. दूसरे चरण के लिए जैसे ही वन विभाग की क्लीयरेंस मिल जाएगी और टेंडर जारी कर दिए जाएंगे. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अब राजस्थान ऐसे विशेष कॉरिडोर का हिस्सा बनने जा रहा है, जो देश की राजधानी दिल्ली को देश की व्यावसायिक राजधानी मुंबई तक अपनी अप्रोच बना लेगा. इससे ना केवल प्रदेश के व्यापार को पंख लग जाएंगे, बल्कि पर्यटन भी अपने चरम पर होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.