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'मुन्नाभाई गैंग' का पर्दाफाश, सरगना वैशाली समेत चार गिरफ्तार - मुन्नाभाई गैंग का पर्दाफाश

पुलिस ने पेपर लीक करवाने और ऑनलाइन एग्जामिनेशन में फर्जी कैंडिडेट बैठाने वाले बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है. गैंग की सरगना वैशाली नाम की एक लड़की है, जो अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर एक बड़ा गैंग चला रही थी. फर्जी तरीके से ऑनलाइन परीक्षा दे रहे रोहित नाम के शख्स समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

पेपर लीक
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Published : Mar 20, 2021, 3:31 PM IST

नई दिल्ली : वेस्ट जिले की नारायणा थाने की पुलिस ने पेपर लीक करवाने और ऑनलाइन परीक्षा में फर्जी कैंडिडेट बैठाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. हैरानी की बात यह है कि इस गैंग की सरगना एक लड़की है.


पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि नारायणा इलाके में एक बड़ा नेटवर्क परीक्षा में ऑफलाइन और ऑनलाइन नकल कराने का धंधा कर रहा है. इसके बाद पुलिस टीम ने रेड डाली और चार मार्च को फॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा के दौरान फर्जी तरीके से ऑनलाइन परीक्षा दे रहे रोहित नाम के शख्स को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने जब रोहित का मोबाइल खंगाला और उसका व्हाट्सएप डाटा एग्जामिन किया, तो पता चला कि उसके साथ तीन और लोग शामिल हैं.

फर्जी कैंडिडेट बैठाने वाले गैंग का पर्दाफाश

पढ़ें- एमएनएम पार्टी के कोषाध्यक्ष के घर आईटी की छापा, 80 करोड़ की बेनामी संपत्ति का खुलासा

बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर चलाती थी गैंग
रोहित ने बताया कि वैशाली नाम की लड़की अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर एक बड़ा गैंग चला रही है. यह पूरे हिंदुस्तान में होने वाले ऑफलाइन-ऑनलाइन परीक्षा में या सरकारी पदों पर होने वाली भर्तियों के लिए अपना नेटवर्क चलाते हैं और फर्जी कैंडिडेट को परीक्षा दिलवाते हैं. यह गैंग हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली खासकर ग्रामीण इलाकों में बेरोजगार नौजवानों को अपना निशाना बनाते हैं. पुलिस ने इनके पास से पुलिस की वर्दी भी बरामद की है.

परीक्षा पास करवाने के लिए 15 से 25 लाख
आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि अभियुक्त वैशाली खुद को आईपीएस ऑफिसर बताती है. वहीं, इसके दो साथी सब इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल बनकर लगातार इसके साथ रहते हैं. आरोपियों की वर्दी में तस्वीरें भी बरामद की गई हैं. यह लोग फर्जी कैंडिडेट को बैठाकर परीक्षा पास करवाने के लिए 15 से 25 लाख रुपये लेते थे.

पढ़ें- जम्मू: फर्जी पासपोर्ट मामले में दो रोहिंग्याओं के खिलाफ मामला दर्ज

देशभर में फैला था जाल
यह आरोपी मोबाइल में हाईटेक एप्लीकेशन इस्तेमाल करते थे. मिलीभगत के बाद कैंडिडेट तक यह कॉपियां पहुंच जाती थीं. आरोपियों के पास से 17 एप्लीकेशन फॉर्म, भिवानी चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी के चपरासी की भर्ती के अलग-अलग कैंडिडेट्स के आधार कार्ड, पैन कार्ड बरामद हुए हैं. अभियुक्तों के बैंक अकाउंट से खुलासा हुआ है कि उन्होंने लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन महज साल 2021 में किया है. कुछ एग्जामिनेशन सेंटर के मालिक भी इस गैंग के साथ जुड़े हुए हैं, जिसकी जांच में पुलिस लगी है. गैंग की सरगना वैशाली, हिमांशु, लव कुमार और रोहित को गिरफ्तार किया गया है.

नई दिल्ली : वेस्ट जिले की नारायणा थाने की पुलिस ने पेपर लीक करवाने और ऑनलाइन परीक्षा में फर्जी कैंडिडेट बैठाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. हैरानी की बात यह है कि इस गैंग की सरगना एक लड़की है.


पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि नारायणा इलाके में एक बड़ा नेटवर्क परीक्षा में ऑफलाइन और ऑनलाइन नकल कराने का धंधा कर रहा है. इसके बाद पुलिस टीम ने रेड डाली और चार मार्च को फॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा के दौरान फर्जी तरीके से ऑनलाइन परीक्षा दे रहे रोहित नाम के शख्स को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने जब रोहित का मोबाइल खंगाला और उसका व्हाट्सएप डाटा एग्जामिन किया, तो पता चला कि उसके साथ तीन और लोग शामिल हैं.

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बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर चलाती थी गैंग
रोहित ने बताया कि वैशाली नाम की लड़की अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर एक बड़ा गैंग चला रही है. यह पूरे हिंदुस्तान में होने वाले ऑफलाइन-ऑनलाइन परीक्षा में या सरकारी पदों पर होने वाली भर्तियों के लिए अपना नेटवर्क चलाते हैं और फर्जी कैंडिडेट को परीक्षा दिलवाते हैं. यह गैंग हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली खासकर ग्रामीण इलाकों में बेरोजगार नौजवानों को अपना निशाना बनाते हैं. पुलिस ने इनके पास से पुलिस की वर्दी भी बरामद की है.

परीक्षा पास करवाने के लिए 15 से 25 लाख
आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि अभियुक्त वैशाली खुद को आईपीएस ऑफिसर बताती है. वहीं, इसके दो साथी सब इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल बनकर लगातार इसके साथ रहते हैं. आरोपियों की वर्दी में तस्वीरें भी बरामद की गई हैं. यह लोग फर्जी कैंडिडेट को बैठाकर परीक्षा पास करवाने के लिए 15 से 25 लाख रुपये लेते थे.

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देशभर में फैला था जाल
यह आरोपी मोबाइल में हाईटेक एप्लीकेशन इस्तेमाल करते थे. मिलीभगत के बाद कैंडिडेट तक यह कॉपियां पहुंच जाती थीं. आरोपियों के पास से 17 एप्लीकेशन फॉर्म, भिवानी चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी के चपरासी की भर्ती के अलग-अलग कैंडिडेट्स के आधार कार्ड, पैन कार्ड बरामद हुए हैं. अभियुक्तों के बैंक अकाउंट से खुलासा हुआ है कि उन्होंने लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन महज साल 2021 में किया है. कुछ एग्जामिनेशन सेंटर के मालिक भी इस गैंग के साथ जुड़े हुए हैं, जिसकी जांच में पुलिस लगी है. गैंग की सरगना वैशाली, हिमांशु, लव कुमार और रोहित को गिरफ्तार किया गया है.

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