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पूर्व उग्रवादी की मौत : डीजीपी की चेतावनी के बाद पुलिसकर्मियों ने सहानुभूति वाले पोस्ट हटाए

मेघालय सरकार के लिए तब असहज स्थिति पैदा हो गयी जब पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों के एक धड़े ने मुठभेड़ में मारे गए एक पूर्व उग्रवादी नेता के लिए सोशल मीडिया पर सहानुभूति दिखायी. उग्रवादी नेता की मौत के बाद हिंसा के कारण शिलांग में स्वतंत्रता दिवस पर कर्फ्यू लगाया गया था.

पूर्व उग्रवादी की मौत
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Published : Aug 20, 2021, 10:06 PM IST

शिलांग : मेघालय सरकार के लिए तब असहज स्थिति पैदा हो गयी जब पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों के एक धड़े ने मुठभेड़ में मारे गए एक पूर्व उग्रवादी नेता के लिए सोशल मीडिया पर सहानुभूति दिखायी. उग्रवादी नेता की मौत के बाद हिंसा के कारण शिलांग में स्वतंत्रता दिवस पर कर्फ्यू लगाया गया था.

पुलिस अधीक्षक स्तर के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर. रामचंद्रन की सख्त चेतावनी के बाद पुलिसकर्मियों ने सोशल मीडिया से आपत्तिजनक पोस्ट हटा लिए. कुछ ने काले झंडे भी प्रदर्शित किए थे.

पुलिस बल ने 13 अगस्त को शिलांग के मावलाई इलाके में हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) के पूर्व स्वयंभू महासचिव चेरिस्टरफील्ड थांगखियू को मुठभेड़ में मार गिराया था. हाल में राज्य में आईईडी धमाके के सिलसिले में यह कार्रवाई की गयी थी. अंतिम संस्कार के लिए 15 अगस्त को उसका शव ले जाने के दौरान शिलांग में हिंसा भड़क उठी जिसके बाद कर्फ्यू लगाया गया जिसे बृहस्पतिवार को आंशिक रूप से हटा दिया गया.

अधिकारी ने कहा, 'कुछ अधिकारियों और सिपाहियों ने सोशल मीडिया पर अपने 'डिस्प्ले' चित्रों या 'स्टेटस' के रूप में काले झंडे लगाए. कुछ ने थांगखियू के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए पुलिस बल के खिलाफ टिप्पणियां पोस्ट की. अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान खुद डीजीपी ने इसका संज्ञान लिया.'

अधिकारियों ने 16 अगस्त को सभी थानों को संदेश भेजकर प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी संबंधित कर्मियों को तत्काल ऐसे पोस्ट को हटाने का आदेश जारी करें, अन्यथा संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. अधिकारी ने कहा कि आदेश के बाद ऐसे पोस्ट को हटा दिया गया और किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

थांगखियू के परिवार के सदस्यों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्होंने दो पुलिस अधिकारियों- ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और ईस्ट खासी हिल्स जिले के एसपी (यातायात) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए उन पर मुठभेड़ में हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है. मेघालय सरकार ने कहा है कि घटना की न्यायिक जांच मेघालय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) टी वैफेई द्वारा की जाएगी.

यह भी पढ़ें- विपक्ष के रवैये पर भाजपा का पलटवार, ईटीवी भारत से बोले चुघ- सिर्फ बैठकों में ही व्यस्त है विपक्ष

इस बीच, ईस्ट खासी हिल्स जिले की उपायुक्त आई लालू ने कहा कि कोई अप्रिय वारदात नहीं होने के कारण शुक्रवार को सुबह पांच बजे से शाम छह बजे तक कर्फ्यू में और ढील दी गई. बृहस्पतिवार को सुबह पांच बजे से 12 घंटे के लिए कर्फ्यू हटा लिया गया. उन्होंने कहा कि अगले आदेश तक रात छह बजे से रात का कर्फ्यू लागू रहेगा.

(पीटीआई भाषा)

शिलांग : मेघालय सरकार के लिए तब असहज स्थिति पैदा हो गयी जब पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों के एक धड़े ने मुठभेड़ में मारे गए एक पूर्व उग्रवादी नेता के लिए सोशल मीडिया पर सहानुभूति दिखायी. उग्रवादी नेता की मौत के बाद हिंसा के कारण शिलांग में स्वतंत्रता दिवस पर कर्फ्यू लगाया गया था.

पुलिस अधीक्षक स्तर के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर. रामचंद्रन की सख्त चेतावनी के बाद पुलिसकर्मियों ने सोशल मीडिया से आपत्तिजनक पोस्ट हटा लिए. कुछ ने काले झंडे भी प्रदर्शित किए थे.

पुलिस बल ने 13 अगस्त को शिलांग के मावलाई इलाके में हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) के पूर्व स्वयंभू महासचिव चेरिस्टरफील्ड थांगखियू को मुठभेड़ में मार गिराया था. हाल में राज्य में आईईडी धमाके के सिलसिले में यह कार्रवाई की गयी थी. अंतिम संस्कार के लिए 15 अगस्त को उसका शव ले जाने के दौरान शिलांग में हिंसा भड़क उठी जिसके बाद कर्फ्यू लगाया गया जिसे बृहस्पतिवार को आंशिक रूप से हटा दिया गया.

अधिकारी ने कहा, 'कुछ अधिकारियों और सिपाहियों ने सोशल मीडिया पर अपने 'डिस्प्ले' चित्रों या 'स्टेटस' के रूप में काले झंडे लगाए. कुछ ने थांगखियू के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए पुलिस बल के खिलाफ टिप्पणियां पोस्ट की. अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान खुद डीजीपी ने इसका संज्ञान लिया.'

अधिकारियों ने 16 अगस्त को सभी थानों को संदेश भेजकर प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी संबंधित कर्मियों को तत्काल ऐसे पोस्ट को हटाने का आदेश जारी करें, अन्यथा संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. अधिकारी ने कहा कि आदेश के बाद ऐसे पोस्ट को हटा दिया गया और किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

थांगखियू के परिवार के सदस्यों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्होंने दो पुलिस अधिकारियों- ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और ईस्ट खासी हिल्स जिले के एसपी (यातायात) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए उन पर मुठभेड़ में हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है. मेघालय सरकार ने कहा है कि घटना की न्यायिक जांच मेघालय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) टी वैफेई द्वारा की जाएगी.

यह भी पढ़ें- विपक्ष के रवैये पर भाजपा का पलटवार, ईटीवी भारत से बोले चुघ- सिर्फ बैठकों में ही व्यस्त है विपक्ष

इस बीच, ईस्ट खासी हिल्स जिले की उपायुक्त आई लालू ने कहा कि कोई अप्रिय वारदात नहीं होने के कारण शुक्रवार को सुबह पांच बजे से शाम छह बजे तक कर्फ्यू में और ढील दी गई. बृहस्पतिवार को सुबह पांच बजे से 12 घंटे के लिए कर्फ्यू हटा लिया गया. उन्होंने कहा कि अगले आदेश तक रात छह बजे से रात का कर्फ्यू लागू रहेगा.

(पीटीआई भाषा)

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