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European Griffon Vulture Rescued : घायल यूरोपियन दुर्लभ गिद्ध को ठीक होने के बाद छोड़ा गया - European griffon vulture

कर्नाटक के विजयनगर में घायल अवस्था में मिले यूरोपियन दुर्लभ गिद्ध को उपचार के बाद वापस छोड़ दिया गया. इस दौरान उसे पैर में नीले रंग की खास छल्ला पहनाया गया है, इससे आसानी से इसकी पहचान की जा सकेगी. European Griffon Vulture Rescued

European griffon vulture
यूरोपियन दुर्लभ गिद्ध
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Published : Jan 14, 2023, 6:06 PM IST

विजयनगर (कर्नाटक) : कर्नाटक के विजयनगर में घायल अवस्था में मिला एक यूरोपियन दुर्लभ गिद्ध ठीक होने के बाद अपने घोंसले में लौट गया. बताया जाता है कि पिछले महीने दिसंबर में रानीपेट में स्कूली बच्चों ने एक यूरोपियन गिद्ध को देखा था उस समय वह बीमार हालत में था. इस दौरान एक शौकिया फोटोग्राफर शिवशंकर बांगड़ ने इस गिद्ध को बच्चों के हाथों से बचाया था. इसके बाद घायल गिद्ध को होसपेटे तालुक के कमलापुर के अटल बिहारी वाजपेयी प्राणी उद्यान को सौंप दिया गया था. यहां पशु चिकित्सक डॉ.वाणी ने घायल गिद्ध का इलाज किया.

Injured vulture released after recovery
घायल गिद्ध को ठीक होने के बाद छोड़ा गया

इससे पहले गिद्ध की पहचान के लिए वन्यजीव शोधकर्ता डॉ. समद कोट्टूर ने राष्ट्रीय गिद्ध विशेषज्ञ से संपर्क किया. इस पर उन्होंने गिद्ध की ऊंचाई, आकार, वजन, पंखों के रंग आदि जांच के बाद इसे एक वर्षीय यूरोपियन दुर्लभ गिद्ध बताया था. आमतौर पर ज्यादातर उत्तर भारत में पाए जाने वाले ये गिद्ध दक्षिण भारत में चले जाते हैं और कभी-कभी किसी वजह से नीचे गिर जाते हैं. इस तरह के केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ इलाकों में गिद्ध के जमीन पर गिरने के मामले सामने आए हैं. इस पर उन्हें संरक्षित करने के साथ ही उनका इलाज किया जाता है और ठीक होने के बाद उन्हें फिर से छोड़ दिया जाता है. गिद्ध के ठीक होने के बाद उसे इंगलिगी गांव की पहाड़ी की चोटी पर पिंजरे से उसे आजाद कर दिया गया.

डॉक्टरों की टीम ने गिद्ध के पैर में नीले रंग की खास छल्ला पहनाया गया है. छल्ले पर सीयू अंग्रेजी अक्षरों में छपा होता है. इसके आधार पर इसे आसानी से पहचाना जा सकता है. गिद्ध को आजाद करते समय चिड़ियाघर के कार्यकारी निदेशक एमएन किरण, विशेषज्ञ पशु चिकित्सक डॉ वाणी, वन्यजीव शोधकर्ता डॉ समद कोट्टूर, शौकिया फोटोग्राफर शिवशंकर और चिड़ियाघर के कर्मचारी उपस्थित थे.

ये भी पढ़ें - भारत से विलुप्त हो चुका सफेद हिमालयन गिद्ध कानपुर में मिला

विजयनगर (कर्नाटक) : कर्नाटक के विजयनगर में घायल अवस्था में मिला एक यूरोपियन दुर्लभ गिद्ध ठीक होने के बाद अपने घोंसले में लौट गया. बताया जाता है कि पिछले महीने दिसंबर में रानीपेट में स्कूली बच्चों ने एक यूरोपियन गिद्ध को देखा था उस समय वह बीमार हालत में था. इस दौरान एक शौकिया फोटोग्राफर शिवशंकर बांगड़ ने इस गिद्ध को बच्चों के हाथों से बचाया था. इसके बाद घायल गिद्ध को होसपेटे तालुक के कमलापुर के अटल बिहारी वाजपेयी प्राणी उद्यान को सौंप दिया गया था. यहां पशु चिकित्सक डॉ.वाणी ने घायल गिद्ध का इलाज किया.

Injured vulture released after recovery
घायल गिद्ध को ठीक होने के बाद छोड़ा गया

इससे पहले गिद्ध की पहचान के लिए वन्यजीव शोधकर्ता डॉ. समद कोट्टूर ने राष्ट्रीय गिद्ध विशेषज्ञ से संपर्क किया. इस पर उन्होंने गिद्ध की ऊंचाई, आकार, वजन, पंखों के रंग आदि जांच के बाद इसे एक वर्षीय यूरोपियन दुर्लभ गिद्ध बताया था. आमतौर पर ज्यादातर उत्तर भारत में पाए जाने वाले ये गिद्ध दक्षिण भारत में चले जाते हैं और कभी-कभी किसी वजह से नीचे गिर जाते हैं. इस तरह के केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ इलाकों में गिद्ध के जमीन पर गिरने के मामले सामने आए हैं. इस पर उन्हें संरक्षित करने के साथ ही उनका इलाज किया जाता है और ठीक होने के बाद उन्हें फिर से छोड़ दिया जाता है. गिद्ध के ठीक होने के बाद उसे इंगलिगी गांव की पहाड़ी की चोटी पर पिंजरे से उसे आजाद कर दिया गया.

डॉक्टरों की टीम ने गिद्ध के पैर में नीले रंग की खास छल्ला पहनाया गया है. छल्ले पर सीयू अंग्रेजी अक्षरों में छपा होता है. इसके आधार पर इसे आसानी से पहचाना जा सकता है. गिद्ध को आजाद करते समय चिड़ियाघर के कार्यकारी निदेशक एमएन किरण, विशेषज्ञ पशु चिकित्सक डॉ वाणी, वन्यजीव शोधकर्ता डॉ समद कोट्टूर, शौकिया फोटोग्राफर शिवशंकर और चिड़ियाघर के कर्मचारी उपस्थित थे.

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