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विधानसभा चुनाव के बीच मधेपुरा में बड़ा घोटाला - Madhepura in the midst of assembly elections

विधानसभा चुनाव के नाम पर करोड़ों रुपये का लेन-देन करने का खुलासा समाने आया है. जांच के दौरान पाया गया कि जो बिल चुनाव कराने के नाम पर लगाए गए वो पूरी तरह फर्जी हैं.

चुनाव के दौरान मधेपुरा में बड़ा घोटाला
चुनाव के दौरान मधेपुरा में बड़ा घोटाला
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Published : Jul 21, 2021, 5:24 PM IST

मधेपुरा : जिले में 2020 विधानसभा चुनाव (Bihar Election) के दौरान हुए बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. यहां चुनाव के नाम पर करोड़ों रुपये का लेन-देन करने का खुलासा सामने आया है. जांच के दौरान पाया गया है कि जो बिल चुनाव कराने के नाम पर लगाए गए वो पूरी तरह फर्जी हैं. इसमें 10 से 15 करोड़ के फर्जीवाड़े की बात सामने आई है.

बिल की जांच करने पर पता चला कि ₹2 की मोमबत्ती ₹29 में खरीदी गई तो वहीं ₹50 की झाड़ू के लिए ₹98 का भुगतान किया गया. वहीं भाड़े के नाम पर भी सामान से ज्यादा पैसा खर्च दिखाया गया है. बताया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े में कई लोग शामिल हैं, जिसमें अधिकारी भी हैं.

इसे भी पढ़ें:छत्तीसगढ़: नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में बीएसएफ जवान ने की आत्महत्या

डीएम ने जब पूरे बिल की जांच करवाई तो 10 से 15 करोड़ का फर्जी बिल बनाकर मोटी रकम के घोटाले की बात सामने आई है. बताया जाता है कि नए डीएम के आने के बाद इसकी जांच करवाई गई, तो ये मामला उजागर हुआ. कई लोगों ने टेंडर प्रकिया में ही गड़बड़ी की बात कही है. वहीं इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है.

मधेपुरा : जिले में 2020 विधानसभा चुनाव (Bihar Election) के दौरान हुए बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. यहां चुनाव के नाम पर करोड़ों रुपये का लेन-देन करने का खुलासा सामने आया है. जांच के दौरान पाया गया है कि जो बिल चुनाव कराने के नाम पर लगाए गए वो पूरी तरह फर्जी हैं. इसमें 10 से 15 करोड़ के फर्जीवाड़े की बात सामने आई है.

बिल की जांच करने पर पता चला कि ₹2 की मोमबत्ती ₹29 में खरीदी गई तो वहीं ₹50 की झाड़ू के लिए ₹98 का भुगतान किया गया. वहीं भाड़े के नाम पर भी सामान से ज्यादा पैसा खर्च दिखाया गया है. बताया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े में कई लोग शामिल हैं, जिसमें अधिकारी भी हैं.

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डीएम ने जब पूरे बिल की जांच करवाई तो 10 से 15 करोड़ का फर्जी बिल बनाकर मोटी रकम के घोटाले की बात सामने आई है. बताया जाता है कि नए डीएम के आने के बाद इसकी जांच करवाई गई, तो ये मामला उजागर हुआ. कई लोगों ने टेंडर प्रकिया में ही गड़बड़ी की बात कही है. वहीं इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है.

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