कोलकाता: पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर हमले को लेकर राजनीतिक हंगामे तेज हो गया है. टीएमसी नेता शाहजहां शेख के परिवार और केंद्रीय एजेंसी ने शनिवार को छापेमारी के सिलसिले में एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस ने राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में छापेमारी कर रहे ईडी अधिकारियों के खिलाफ छेड़छाड़, जबरन प्रवेश और चोरी के आरोप में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला भी दर्ज किया. घोटाले से जुड़े एक अन्य टीएमसी नेता की गिरफ्तारी के दौरान केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को भी इसी प्रकार के भीड़ प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था.
ईडी ने शाहजहां के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया है. उसे आशंका है कि वह उस घटना के बाद देश से भाग सकते हैं. ईडी के मुताबिक छापेमारी के दौरान भीड़ के हमलावर होने के कारण ईडी के तीन अधिकारी घायल हो गये थे. बता दें कि उत्तरी 24 परगना जिले के संदेशखाली में भीड़ ने ईडी के कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. यह जिला बांग्लादेश की सीमा के करीब है.
शाहजहां के परिवार के सदस्यों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जिसमें आरोप लगाया गया है कि केंद्रीय एजेंसी ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनके आवास पर छापा मारा और प्रवेश पाने के लिए ताले तोड़ दिए. ईडी ने भी अपने अधिकारियों पर हमला करने के लिए शाहजहां और उनके समर्थकों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी.
बशीरहाट पुलिस जिले के एक वरिष्ठ पुलिसकर्मी ने पुष्टि की कि नजात पुलिस स्टेशन में तीन शिकायतें दर्ज की गईं. इससे पहले शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात को टीएमसी नेता और बोंगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या की गिरफ्तारी के दौरान ईडी अधिकारियों को फिर से विरोध का सामना करना पड़ा.
शंकर के आवास पर 17 घंटे की तलाशी के बाद गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने जांचकर्ताओं को बाधित करने का प्रयास किया और उनके वाहनों पर पथराव किया. बाद में ईडी टीम के साथ आए सीआरपीएफ कर्मियों ने हस्तक्षेप किया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया.
ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि शंकर से पूछताछ की गई. उनके जवाब संतोषजनक नहीं होने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के बाद महिलाओं के नेतृत्व में उनके समर्थकों ने अधिकारियों को उन्हें अपने साथ ले जाने से रोकने की कोशिश की.
हालांकि, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने शुक्रवार की सुबह शाहजहां के आवास पर जो हमला झेला था शंकर के आवास पर हुआ विरोध प्रदर्शन उस तरह का नहीं था. कोलकाता की एक अदालत ने शंकर को 14 दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया.