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मोबाइल फोन कंपनी शाओमी को मिली कर्नाटक उच्च न्यायालय से राहत

कर्नाटक हाई कोर्ट (High Court of Karnataka) ने शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को राहत प्रदान करते हुए ईडी के 29 अप्रैल के आदेश पर रोक लगा दी है. इसके तहत 5551.27 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे.

High Court of Karnataka
कर्नाटक उच्च न्यायालय
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Published : May 6, 2022, 8:58 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय (High Court of Karnataka) ने शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को राहत प्रदान करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के 29 अप्रैल के आदेश पर रोक लगा दी है जिसके तहत कंपनी के 5551.27 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून, 1999 के प्रावधानों के तहत जब्त किए गए थे. न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदर (Justice Hemant Chandangoudar) की अवकाश पीठ ने ईडी के आदेश पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी और इसके साथ ही वित्त मंत्रालय तथा ईडी के विभिन्न अधिकारियों सहित प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया.

पीठ ने आदेश दिया कि चीनी कंपनी शाओमी ग्रुप की सहायक कंपनी शाओमी इंडिया दैनिक गतिविधियों को पूरा करने के लिए अपने बैंक खातों का संचालन कर सकती है. ईडी का आरोप है कि कंपनी ने विदेशी मुद्रा कानून का उल्लंघन कर धन रॉयल्टी के नाम पर विदेश स्थित तीन कंपनियों को भेजा है जिनमें से दो अमेरिका में और एक चीन में हैं. शाओमी इंडिया भारत में एमआई ब्रांड के तहत मोबाइल फोन की बिक्री एवं वितरण करती है.

शाओमी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस. गणेश और साजन पूवैया उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हुए और उन्होंने दलीलें दीं कि कानून का कोई उल्लंघन नहीं हुआ क्योंकि आयकर विभाग ने उक्त भुगतानों पर कटौती की अनुमति दी थी. उन्होंने यह भी दलील दी कि ईडी कानून की धारा 37 ए के तहत राशि को तभी जब्त कर सकता था जब यह राशि विदेशी स्थानों पर बैंक खातों में हो. बृहस्पतिवार को ईडी और अन्य प्रतिवादियों के वकील अदालत के समक्ष पेश नहीं हुए. इसलिए मामले की सुनवाई 12 मई तक के लिए स्थगित कर दी गई.

ये भी पढ़ें - कॉलेजियम ने हाई कोर्ट में जस्टिस के रूप में नियुक्ति को 15 नामों की सिफारिश की

बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय (High Court of Karnataka) ने शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को राहत प्रदान करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के 29 अप्रैल के आदेश पर रोक लगा दी है जिसके तहत कंपनी के 5551.27 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून, 1999 के प्रावधानों के तहत जब्त किए गए थे. न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदर (Justice Hemant Chandangoudar) की अवकाश पीठ ने ईडी के आदेश पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी और इसके साथ ही वित्त मंत्रालय तथा ईडी के विभिन्न अधिकारियों सहित प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया.

पीठ ने आदेश दिया कि चीनी कंपनी शाओमी ग्रुप की सहायक कंपनी शाओमी इंडिया दैनिक गतिविधियों को पूरा करने के लिए अपने बैंक खातों का संचालन कर सकती है. ईडी का आरोप है कि कंपनी ने विदेशी मुद्रा कानून का उल्लंघन कर धन रॉयल्टी के नाम पर विदेश स्थित तीन कंपनियों को भेजा है जिनमें से दो अमेरिका में और एक चीन में हैं. शाओमी इंडिया भारत में एमआई ब्रांड के तहत मोबाइल फोन की बिक्री एवं वितरण करती है.

शाओमी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस. गणेश और साजन पूवैया उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हुए और उन्होंने दलीलें दीं कि कानून का कोई उल्लंघन नहीं हुआ क्योंकि आयकर विभाग ने उक्त भुगतानों पर कटौती की अनुमति दी थी. उन्होंने यह भी दलील दी कि ईडी कानून की धारा 37 ए के तहत राशि को तभी जब्त कर सकता था जब यह राशि विदेशी स्थानों पर बैंक खातों में हो. बृहस्पतिवार को ईडी और अन्य प्रतिवादियों के वकील अदालत के समक्ष पेश नहीं हुए. इसलिए मामले की सुनवाई 12 मई तक के लिए स्थगित कर दी गई.

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