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ईडी के सामने खुली पंकज मिश्रा की जुबान, बन रही कारीबियों की लिस्ट, 30 करोड़ का जहाज जब्त

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Published : Jul 28, 2022, 9:21 PM IST

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ईडी की गिरफ्त में है. जहां पूछताछ में उसने कई महत्वपूर्ण जानकारियां ईडी के अधिकारियों को दी है. ईडी एक अगस्त को सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव से पूछताछ करेगी.

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रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री के प्रेस एडवाइजर अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू भी ईडी के राडार पर आ चुके हैं. मुख्यमंत्री के साथ हमेशा साए की तरह रहने वाले अभिषेक श्रीवास्तव को ईडी ने एक अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है. बताया जा रहा है कि पंकज मिश्रा के बयान के आधार पर ही अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू का नाम सामने आया और अब वे ईडी के रडार पर है. हालात यह है कि एक तरफ पंकज मिश्रा ईडी के रिमांड में परेशान है तो दूसरी तरफ सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव ईडी से एक अगस्त को होने वाले आमने-सामने को लेकर तनाव में है.

ये भी पढ़ें- ईडी ने 30 करोड़ का मालवाहक जहाज किया सीज, अवैध रूप से गंगा में चल रहा था जहाज

पंकज के एक दर्जन करीबी करते हैं खनन का काम: अवैध खनन मामले की जांच कर रही टीम को यह जानकारी मिली है कि पंकज मिश्रा के लगभग एक दर्जन करीबी सिर्फ और सिर्फ अवैध खनन का काम करते हैं. झारखंड के साहिबगंज से लेकर पाकुड़ तक उनके माइंस हैं. पंकज मिश्रा ने ही अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू को माइंस के बिजनेस में आने को कहा था. अब जब पंकज मिश्रा खुद अवैध खनन मामले में ईडी के शिकंजे में आए तो उन्होंने अभिषेक श्रीवास्तव से जुड़े मामलों की जानकारी भी ईडी को दे दी. अभिषेक श्रीवास्तव के संबंध में मिले कागजातों की गंभीरता से जांच करने के बाद आखिरकार ईडी ने पूछताछ के लिए उन्हें समन जारी कर दिया. ईडी यह भली-भांति जानती है कि अभिषेक श्रीवास्तव को लेकर जितनी जानकारियां उन्हें चाहिए वह पंकज मिश्रा के पास उपलब्ध है यही वजह है कि पंकज मिश्रा के रिमांड अवधि भी 6 दिनों तक और बढ़ा दी गई है.

आमने सामने बिठा कर हो सकती है पूछताछ: ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अवैध खनन से जुड़े मामलों की और बेहतर जांच के लिए पंकज मिश्रा और अभिषेक श्रीवास्तव और पिंटू को ईडी आमने-सामने बिठाकर भी पूछताछ कर सकती है.

फर्जी कंपनी, ठेका असली: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी को संताल परगना में टेंडर घोटाले की जांच के दौरान कई चौकाने वाले तथ्य मिले हैं. ईडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि टेंडर घोटाले में राजनेताओं और उनके करीबियों के सिंडिकेट ने खुल कर फर्जी काम किया है. इस सिंडिकेट ने संताल परगना में टेंडर हासिल करने के लिए फर्जी फर्म का गठन किया. अबतक तकरीबन 10 ऐसी कंपनियों की जानकारी ईडी को मिली है. बताया जाता है कि फर्जी कंपनियों के गठन का उदेश्य टेंडर डालकर अपनी मूल कंपनी को टेंडर दिलवाना होता था. इस मामले में ईडी को मंत्री आलमगीर आलम के भाई अमीरूल आलम की कुछ कंपनियों की जानकारी भी मिली है. ईडी को अंदेशा है कि प्रभाव का इस्तेमाल कर संताल परगना में टेंडर लेने का खेल चल रहा था. जांच में यह बात सामने आयी है कि कुछ चुनिंदा कंपनियों को ही अधिकांश ठेके भी मिले है. जिन कंपनियों को ठेका मिला है, वहां फर्जी तरीके से गठित कंपनियों ने भी टेंडर डाले थे.

ये भी पढ़ें- सीएम हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार को ईडी ने भेजा समन, निशिकांत ने कहा- आया शकुनी का नंबर


पंकज मिश्रा बने तोता: कल तक ईडी को अपने खिलाफ करवाई को लेकर ललकारने वाले पंकज मिश्रा के बारे में जानकारी मिल रही है कि अब वह तोते की तरह सभी जानकारियां ईडी को उपलब्ध करवा रहा है. पंकज मिश्रा ने पिंटू श्रीवास्तव को लेकर इतनी जानकारी ईडी को उपलब्ध करवा दी है कि भविष्य में वह जानकारियां अभिषेक के स्वास्थ्य के लिए बड़ी संकट खड़ी कर सकती है.


बयान के बाद जारी है कार्रवाई: पंकज मिश्रा से पूछताछ के बाद मिली जानकारी से ईडी कई तरह के घोटालों की जांच में जुट गई है. यही कारण है कि टेंडर विवाद, अवैध खनन-परिवहन में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अनुसंधान के दौरान ईडी ने पिछले चार दिनों के भीतर साहिबगंज में कई बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने पंकज मिश्रा के इशारे पर गंगा नदी पर अवैध तरीके से जहाज का संचालन कर रहे राजेश यादव उर्फ दाहू यादव का एक मालवाहक जहाज जब्त किया है, जिसकी कीमत करीब 30 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इसके अलावा ईडी ने एक पंकज मिश्रा और उनके सहयोगियों की करीब 45 लाख रुपये मूल्य का 37.5 लाख क्यूबिक फीट पत्थर भी जब्त किया है. पांच दिनों के भीतर ईडी ने करीब 75 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति भी जब्त की है.


गंगा नदी के किनारे सैकड़ों एकड़ जमीन की खरीद: ईडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि साहिबगंज में खास सिंडिकेट से जुड़े लोगों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर गंगा नदी के दोनों ही तरफ सैकड़ों एकड़ जमीन की खरीद की है. वहीं ईडी सूत्रों की मानें तो छापेमारी के दौरान संदिग्धों के घर से कई सरकारी दस्तावेज भी मिले हैं. ऐसे में ईडी अपनी जांच का दायर सरकारी अफसरों के तरफ भी मोड़ सकती है.

आठ जुलाई से शुरू हुई थी कार्रवाई: आठ जुलाई को साहिबगंज में पंकज मिश्रा और उनके सहयोगियों के साहिबगंज, बरहेट, राजमहल, मिर्जाचौकी और बड़हरवा के 21 ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी ने 5.34 करोड़ रुपये नकदी के अलावा पंकज मिश्रा, दाहू यादव उनके सहयोगियों से संबंधित 50 बैंक खातों में पड़े 13.32 करोड़ रुपये को जब्त किया था.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री के प्रेस एडवाइजर अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू भी ईडी के राडार पर आ चुके हैं. मुख्यमंत्री के साथ हमेशा साए की तरह रहने वाले अभिषेक श्रीवास्तव को ईडी ने एक अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है. बताया जा रहा है कि पंकज मिश्रा के बयान के आधार पर ही अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू का नाम सामने आया और अब वे ईडी के रडार पर है. हालात यह है कि एक तरफ पंकज मिश्रा ईडी के रिमांड में परेशान है तो दूसरी तरफ सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव ईडी से एक अगस्त को होने वाले आमने-सामने को लेकर तनाव में है.

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पंकज के एक दर्जन करीबी करते हैं खनन का काम: अवैध खनन मामले की जांच कर रही टीम को यह जानकारी मिली है कि पंकज मिश्रा के लगभग एक दर्जन करीबी सिर्फ और सिर्फ अवैध खनन का काम करते हैं. झारखंड के साहिबगंज से लेकर पाकुड़ तक उनके माइंस हैं. पंकज मिश्रा ने ही अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू को माइंस के बिजनेस में आने को कहा था. अब जब पंकज मिश्रा खुद अवैध खनन मामले में ईडी के शिकंजे में आए तो उन्होंने अभिषेक श्रीवास्तव से जुड़े मामलों की जानकारी भी ईडी को दे दी. अभिषेक श्रीवास्तव के संबंध में मिले कागजातों की गंभीरता से जांच करने के बाद आखिरकार ईडी ने पूछताछ के लिए उन्हें समन जारी कर दिया. ईडी यह भली-भांति जानती है कि अभिषेक श्रीवास्तव को लेकर जितनी जानकारियां उन्हें चाहिए वह पंकज मिश्रा के पास उपलब्ध है यही वजह है कि पंकज मिश्रा के रिमांड अवधि भी 6 दिनों तक और बढ़ा दी गई है.

आमने सामने बिठा कर हो सकती है पूछताछ: ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अवैध खनन से जुड़े मामलों की और बेहतर जांच के लिए पंकज मिश्रा और अभिषेक श्रीवास्तव और पिंटू को ईडी आमने-सामने बिठाकर भी पूछताछ कर सकती है.

फर्जी कंपनी, ठेका असली: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी को संताल परगना में टेंडर घोटाले की जांच के दौरान कई चौकाने वाले तथ्य मिले हैं. ईडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि टेंडर घोटाले में राजनेताओं और उनके करीबियों के सिंडिकेट ने खुल कर फर्जी काम किया है. इस सिंडिकेट ने संताल परगना में टेंडर हासिल करने के लिए फर्जी फर्म का गठन किया. अबतक तकरीबन 10 ऐसी कंपनियों की जानकारी ईडी को मिली है. बताया जाता है कि फर्जी कंपनियों के गठन का उदेश्य टेंडर डालकर अपनी मूल कंपनी को टेंडर दिलवाना होता था. इस मामले में ईडी को मंत्री आलमगीर आलम के भाई अमीरूल आलम की कुछ कंपनियों की जानकारी भी मिली है. ईडी को अंदेशा है कि प्रभाव का इस्तेमाल कर संताल परगना में टेंडर लेने का खेल चल रहा था. जांच में यह बात सामने आयी है कि कुछ चुनिंदा कंपनियों को ही अधिकांश ठेके भी मिले है. जिन कंपनियों को ठेका मिला है, वहां फर्जी तरीके से गठित कंपनियों ने भी टेंडर डाले थे.

ये भी पढ़ें- सीएम हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार को ईडी ने भेजा समन, निशिकांत ने कहा- आया शकुनी का नंबर


पंकज मिश्रा बने तोता: कल तक ईडी को अपने खिलाफ करवाई को लेकर ललकारने वाले पंकज मिश्रा के बारे में जानकारी मिल रही है कि अब वह तोते की तरह सभी जानकारियां ईडी को उपलब्ध करवा रहा है. पंकज मिश्रा ने पिंटू श्रीवास्तव को लेकर इतनी जानकारी ईडी को उपलब्ध करवा दी है कि भविष्य में वह जानकारियां अभिषेक के स्वास्थ्य के लिए बड़ी संकट खड़ी कर सकती है.


बयान के बाद जारी है कार्रवाई: पंकज मिश्रा से पूछताछ के बाद मिली जानकारी से ईडी कई तरह के घोटालों की जांच में जुट गई है. यही कारण है कि टेंडर विवाद, अवैध खनन-परिवहन में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अनुसंधान के दौरान ईडी ने पिछले चार दिनों के भीतर साहिबगंज में कई बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने पंकज मिश्रा के इशारे पर गंगा नदी पर अवैध तरीके से जहाज का संचालन कर रहे राजेश यादव उर्फ दाहू यादव का एक मालवाहक जहाज जब्त किया है, जिसकी कीमत करीब 30 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इसके अलावा ईडी ने एक पंकज मिश्रा और उनके सहयोगियों की करीब 45 लाख रुपये मूल्य का 37.5 लाख क्यूबिक फीट पत्थर भी जब्त किया है. पांच दिनों के भीतर ईडी ने करीब 75 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति भी जब्त की है.


गंगा नदी के किनारे सैकड़ों एकड़ जमीन की खरीद: ईडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि साहिबगंज में खास सिंडिकेट से जुड़े लोगों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर गंगा नदी के दोनों ही तरफ सैकड़ों एकड़ जमीन की खरीद की है. वहीं ईडी सूत्रों की मानें तो छापेमारी के दौरान संदिग्धों के घर से कई सरकारी दस्तावेज भी मिले हैं. ऐसे में ईडी अपनी जांच का दायर सरकारी अफसरों के तरफ भी मोड़ सकती है.

आठ जुलाई से शुरू हुई थी कार्रवाई: आठ जुलाई को साहिबगंज में पंकज मिश्रा और उनके सहयोगियों के साहिबगंज, बरहेट, राजमहल, मिर्जाचौकी और बड़हरवा के 21 ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी ने 5.34 करोड़ रुपये नकदी के अलावा पंकज मिश्रा, दाहू यादव उनके सहयोगियों से संबंधित 50 बैंक खातों में पड़े 13.32 करोड़ रुपये को जब्त किया था.

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