नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन मामले की जांच में शनिवार को चंडीगढ़ की फार्मा कंपनी पैराबोलिक ड्रग्स के दो प्रवर्तकों और कंपनी के एक सीए को गिरफ्तार किया। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी. सूत्रों ने कहा कि पैराबोलिक प्रवर्तकों विनीत गुप्ता, प्रणव गुप्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) एस के बंसल को धनशोधन रोधी अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया.
विनीत गुप्ता और प्रणव गुप्ता सोनीपत स्थित अशोक विश्वविद्यालय के सह-संस्थापक हैं, लेकिन 2021 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके और कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किये जाने के बाद उन्होंने 2022 में शैक्षणिक संस्थान में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. तीनों को चंडीगढ़ में एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है जहां ईडी उनकी हिरासत का अनुरोध करेगी. धनशोधन का मामला सीबीआई की उस प्राथमिकी से उपजा है जो प्रवर्तकों और फार्मा कंपनी के खिलाफ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंक समूह से 1626.74 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के लिए दर्ज की गई थी.
इस बीच, अशोका यूनिवर्सिटी ने शनिवार को उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया कि उसके परिसर या कार्यालयों में अभी भी ईडी की कोई तलाशी चल रही है. शुक्रवार को ईडी ने मामले के सिलसिले में दिल्ली, चंडीगढ़, अंबाला, पंचकुला, मुंबई में 15 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की थी.
ईडी का मामला चंडीगढ़ स्थित पैराबोलिक ड्रग्स के खिलाफ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (सीबीआई) के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से 1626.74 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है. जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया उनमें अशोका विश्वविद्यालय के सह-संस्थापक प्रणव और विनीत गुप्ता भी शामिल थे. प्रणव गुप्ता पैराबोलिक ड्रग्स के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत हैं जबकि विनीत फर्म के निदेशकों में से एक हैं.
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सीबीआई ने जिन अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उनमें निदेशक दीपाली गुप्ता, रमा गुप्ता, जगजीत सिंह चहल, संजीव कुमार, वंदना सिंगला, इशरत गिल और फर्म के गारंटर टीएन गोयल और निर्मल बंसल और जेडी गुप्ता शामिल हैं. सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, यह फर्म दवाओं के निर्माण में लगी हुई थी.