ETV Bharat / bharat

ईटीवी भारत से बोले आर्थिक विशेषज्ञ आकाश जिंदल, 'सुपर रिच टैक्स' पर सरकार करे विचार

आर्थिक विशेषज्ञ आकाश जिंदल ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था कोविड की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुई है. विकास दर धीमी हो चुकी है. उत्पादन प्रभावित हुआ है और इसका सबसे अधिक असर मध्यम वर्गीय लोग, छोटे व्यापारी, कृषि क्षेत्र पर पड़ा है. ईटीवी भारत से बात करते हुए जिंदल ने कहा कि क्योंकि इस वक्त पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लिहाजा केंद्र सरकार रोजगार और महंगाई जैसे मुद्दों पर जरूर राहत देने की कोशिश करेगी. बजट से और क्या हैं उम्मीदें, उनसे बातचीत की है हमारे वरिष्ठ संवाददाता सौरभ शर्मा ने.

akash jindal
आकाश जिंदल
author img

By

Published : Jan 31, 2022, 7:23 PM IST

नई दिल्ली : आर्थिक सर्वे के बाद मंगलवार को सरकार बजट पेश करेगी. बजट से लोगों की कई उम्मीदें हैं. इस विषय पर ईटीवी भारत ने आर्थिक मामलों के जानकारी आकाश जिंदल से विशेष बातचीत की है. क्या हैं लोगों की उम्मीदें, पढ़िए पूरी खबर. जिंदल ने बताया कि सरकार इस बार बजट में रोजगार बढ़ाने और महंगाई पर लगाम लगाने को लेकर महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है.

आर्थिक विशेषज्ञ आकाश जिंदल ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था कोविड की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुई है. विकास दर धीमी हो चुकी है. उत्पादन प्रभावित हुआ है और इसका सबसे अधिक असर मध्यम वर्गीय लोग, छोटे व्यापारी, कृषि क्षेत्र पर पड़ा है. ईटीवी भारत से बात करते हुए जिंदल ने कहा कि क्योंकि इस वक्त पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लिहाजा केंद्र सरकार रोजगार और महंगाई जैसे मुद्दों पर जरूर राहत देने की कोशिश करेगी. आप कह सकते हैं कि यह एक पॉपुलिस्ट बजट हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर आप मुझे पूछेंगे, तो मैं चाहूंगा कि सरकार सबसे पहले रोजगार बढ़ाने को लेकर फैसला करे और उसके बाद महंगाई के विषय पर निर्णय होना चाहिए. जिंदल ने कहा कि अगर इन दोनों मुद्दों को हल नहीं किया गया, तो समाज में अंसतुलन बढ़ेगा और अराजकता की स्थिति बन सकती है.

जिंदल का मानना है कि सरकार हाउसिंग क्षेत्र को भी प्राथमिकता जरूर देगी. उनके अनुसार इस वर्ष के बजट में होम लोन कटौती सीमा में वृद्धि पर भी ध्यान केंद्रित किया जा सकता है. इसी तरह से कृषि को लेकर भी सबकी नजरें रहेंगी. हालांकि, सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया है, फिर भी कृषि क्षेत्र गंभीर संकट से जूझ रहा है. जिंदल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की राशि में 40 फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है. इससे निश्चित तौर पर किसानों को रिलीफ मिलेगा.

जिंदल ने कहा कि कोविड की वजह से सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं पर काफी सारा पैसा खर्च किया है. मुफ्त में अनाज वितरण से लेकर मुफ्त वैक्सीन तक इसमें शामिल है. इसलिए कोविड फंड को लेकर सरकार बहुत कुछ ज्यादा नहीं करने वाली है. अगर थोड़ी सहायता की घोषणा होगी भी, तो यह बहुत कम लोगों के लिए होगी.

जिंदल से जब पूछा गया कि कोविड के वैश्विक प्रकोप के दौरान एक बहुत ही चिंताजनक ट्रेंड देखने को मिला. अमीर और गरीब के बीच खाई और अधिक चौड़ी हुई. इस पर उन्होंने कहा कि सरकार को सुपर रिच टैक्स पर विचार करना चाहिए, ताकि मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग के लोगों को मदद मिल सके.

जिंदल ने कहा कि हो सकता है सरकार वर्क फ्रॉम होम के मद्देनजर घर से काम करने वाले कर्मचारियों के लिए होम ऑफिस भत्ते में कटौती प्रदान की जाए. उन्हें 40,000-50,000 की अतिरिक्त छूट मिल सकती है.

जिंदल ने कहा कि इस साल जीडीपी सुधर रहा है. ओमीक्रोन के बावजूद हमारी अर्थव्यवस्था पटरी पर आती हुई दिख रही है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस साल नौ फीसदी जीडीपी रहेगी. और अगर ऐसा हुआ, तो हम चीन, अमेरिका, जर्मनी और जापान जैसे देशों के मुकाबले बेहतर आर्थिक ग्रोथ देखेंगे.

ये भी पढे़ं : budget session economic survey : अगले साल जीडीपी 8.5% रहने की उम्‍मीद

नई दिल्ली : आर्थिक सर्वे के बाद मंगलवार को सरकार बजट पेश करेगी. बजट से लोगों की कई उम्मीदें हैं. इस विषय पर ईटीवी भारत ने आर्थिक मामलों के जानकारी आकाश जिंदल से विशेष बातचीत की है. क्या हैं लोगों की उम्मीदें, पढ़िए पूरी खबर. जिंदल ने बताया कि सरकार इस बार बजट में रोजगार बढ़ाने और महंगाई पर लगाम लगाने को लेकर महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है.

आर्थिक विशेषज्ञ आकाश जिंदल ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था कोविड की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुई है. विकास दर धीमी हो चुकी है. उत्पादन प्रभावित हुआ है और इसका सबसे अधिक असर मध्यम वर्गीय लोग, छोटे व्यापारी, कृषि क्षेत्र पर पड़ा है. ईटीवी भारत से बात करते हुए जिंदल ने कहा कि क्योंकि इस वक्त पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लिहाजा केंद्र सरकार रोजगार और महंगाई जैसे मुद्दों पर जरूर राहत देने की कोशिश करेगी. आप कह सकते हैं कि यह एक पॉपुलिस्ट बजट हो सकता है. उन्होंने कहा कि अगर आप मुझे पूछेंगे, तो मैं चाहूंगा कि सरकार सबसे पहले रोजगार बढ़ाने को लेकर फैसला करे और उसके बाद महंगाई के विषय पर निर्णय होना चाहिए. जिंदल ने कहा कि अगर इन दोनों मुद्दों को हल नहीं किया गया, तो समाज में अंसतुलन बढ़ेगा और अराजकता की स्थिति बन सकती है.

जिंदल का मानना है कि सरकार हाउसिंग क्षेत्र को भी प्राथमिकता जरूर देगी. उनके अनुसार इस वर्ष के बजट में होम लोन कटौती सीमा में वृद्धि पर भी ध्यान केंद्रित किया जा सकता है. इसी तरह से कृषि को लेकर भी सबकी नजरें रहेंगी. हालांकि, सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया है, फिर भी कृषि क्षेत्र गंभीर संकट से जूझ रहा है. जिंदल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की राशि में 40 फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है. इससे निश्चित तौर पर किसानों को रिलीफ मिलेगा.

जिंदल ने कहा कि कोविड की वजह से सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं पर काफी सारा पैसा खर्च किया है. मुफ्त में अनाज वितरण से लेकर मुफ्त वैक्सीन तक इसमें शामिल है. इसलिए कोविड फंड को लेकर सरकार बहुत कुछ ज्यादा नहीं करने वाली है. अगर थोड़ी सहायता की घोषणा होगी भी, तो यह बहुत कम लोगों के लिए होगी.

जिंदल से जब पूछा गया कि कोविड के वैश्विक प्रकोप के दौरान एक बहुत ही चिंताजनक ट्रेंड देखने को मिला. अमीर और गरीब के बीच खाई और अधिक चौड़ी हुई. इस पर उन्होंने कहा कि सरकार को सुपर रिच टैक्स पर विचार करना चाहिए, ताकि मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग के लोगों को मदद मिल सके.

जिंदल ने कहा कि हो सकता है सरकार वर्क फ्रॉम होम के मद्देनजर घर से काम करने वाले कर्मचारियों के लिए होम ऑफिस भत्ते में कटौती प्रदान की जाए. उन्हें 40,000-50,000 की अतिरिक्त छूट मिल सकती है.

जिंदल ने कहा कि इस साल जीडीपी सुधर रहा है. ओमीक्रोन के बावजूद हमारी अर्थव्यवस्था पटरी पर आती हुई दिख रही है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस साल नौ फीसदी जीडीपी रहेगी. और अगर ऐसा हुआ, तो हम चीन, अमेरिका, जर्मनी और जापान जैसे देशों के मुकाबले बेहतर आर्थिक ग्रोथ देखेंगे.

ये भी पढे़ं : budget session economic survey : अगले साल जीडीपी 8.5% रहने की उम्‍मीद

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.