नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि डीआरडीओ ने एकल 'क्रिस्टल ब्लेड' प्रौद्योगिकी विकसित की है. साथ ही ऐसे 60 ब्लेड हेलीकॉप्टर इंजन एप्लीकेशन के लिए एचएएल को उसके स्वदेशी हेलीकॉप्टर विकास कार्यक्रम के तहत भेजे हैं.
इसमें कहा गया कि डीआरडीओ एकल 'क्रिस्टल ब्लेड' के कुल पांच सेट (300 ब्लेड) विकसित करेगा. बयान में कहा गया कि एक सेट (60 ब्लेड) एचएएल को दिया जा चुका है और चार सेट आगामी समय में तैयार हो जाएंगे. इसमें कहा गया कि यह प्रौद्योगिकी डीआरडीओ की रक्षा धातुकर्म अनुसंधान प्रयोगशाला ने विकसित की है.
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अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे कुछ देशों में ही इस तरह की प्रौद्योगिकी विकसित करने की क्षमता है. लेकिन अब भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने भी यह क्षमता हासिल कर ली है.