धर्मपुरी: तमिलनाडु के धर्मपुरी में दहेज प्रताड़ना का मामला सामने आया है. धर्मपुरी के इंदिरा नगर में हरूर के पास कीरापट्टी गांव में प्रशांत नाम का व्यक्ति रहता है, जिसकी पत्नी का नाम गीता हैं. दोनों की पहली संतान एक बेटा है. लेकिन अब गीता और उसके परिजनों ने प्रशांत व उसके माता-पिता पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया है. जानकारी के अनुसार गीता ने 2 साल पहले हारूर महिला थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी. इसके आधार पर पुलिस ने गीता और नवजात को उसके मायके भेज दिया था.
कुछ महीनों बाद गीता अपने पति प्रशांत के साथ फिर से रहने चली आई और इस दौरान उसकी एक संतान और हुई, जो कि एक बेटा है. लेकिन जब करीब 20 दिन पहले इस बच्चे का जन्म हुआ तो प्रशांत के माता-पिता ने उसे फिर से यह कहकर घर से निकाल दिया कि दहेज देने पर ही तुम अपने पति के साथ रह सकती हो. ऐसे में गीता ने एक बार फिर हरूर महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई है.
लेकिन इस शिकायत पर ठीक से कार्रवाई नहीं होने के कारण गीता दो बच्चों के साथ हरूर बस स्टैंड पर बैठ गई है. यह देखकर जनता ने उन्हें उनकी भूख मिटाने के लिए खाना दिया. आखिरकार यह मामला हरूर पुलिस उपाधीक्षक पुगलेंथी गणेश के संज्ञान में आया, जिसके बाद उनके आदेश पर तीन दिन से बस अड्डे पर अपने बच्चों के साथ रह रही गीता को महिला पुलिस ने वहां से निकाला और थाने ले गई.
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इस बारे में जब हरुर थाने की पुलिस से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'गीता की शिकायत के आधार पर जांच कराई जाएगी और दहेज मांगने में सच्चाई होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'