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डीके शिवकुमार ने सीबीआई की जांच वाले फैसले को चुनौती देने वाली अपील वापस ली, कर्नाटक हाई कोर्ट ने दी इजाजत

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कर्नाटक हाई कोर्ट ने एकल सदस्यीय पीठ की कार्रवाई को चुनौती देते हुए अपील वापस ले ली है. बता दें कि एक पीठ ने शिवकुमार के खिलाफ जांच करने वाली सरकार की अनुमति को चुनौती देने की याचिका को खारिज किया था. karnataka high court, Deputy Chief Minister DK Shivakumar, karnataka News

DK Shivakumar
डीके शिवकुमार
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 29, 2023, 5:03 PM IST

बेंगलुरु: उपमुख्यमंत्री और केपीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने एकल सदस्यीय पीठ की कार्रवाई को चुनौती देते हुए दायर अपील वापस ले ली है, जिसने उनके खिलाफ जांच करने की सरकार की अनुमति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी. इस संबंध में याचिकाकर्ता के वकील की याचिका पर सुनवाई करने वाली मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बालचंद्र वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील उदय होल्ला और अभिषेक मनु सिंघवी ने ज्ञापन देकर कहा कि वे अपील वापस ले रहे हैं. साथ ही सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशिकिरण शेट्टी और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए और कहा कि उन्होंने याचिकाकर्ता के खिलाफ सीबीआई जांच की अनुमति देने वाला आदेश वापस ले लिया है.

इन बातों पर गौर करते हुए बेंच ने कहा कि, सरकार कैबिनेट के फैसले पर अब तक किसी ने सवाल नहीं उठाया है. इसलिए सीबीआई और बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल की याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता और याचिका का निपटारा कर आदेश दिया गया है. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अपीलकर्ता ने खुद ही आवेदन वापस लेने का फैसला किया. चूंकि याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिकाएं और अपीलें वापस लेने का अनुरोध किया है, इसलिए अदालत इसकी अनुमति दे रही है और याचिकाओं का निपटारा कर रही है.

कैबिनेट ने हाल ही में वापस लिया था आदेश: पिछली भाजपा नीत राज्य सरकार के उस आदेश को, जिसमें उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था, हाल ही में (23 नवंबर को) राज्य कैबिनेट की बैठक में वापस ले लिया गया.

कैबिनेट बैठक के बाद इस बारे में बोलते हुए कानून मंत्री एच के पाटिल ने कहा कि पिछली सरकार ने डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच कराने का फैसला किया था. लेकिन सदन के अध्यक्ष से कानूनी तौर पर अनुमति लिए बिना सरकार ने मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया. सरकार का फैसला कानून सम्मत नहीं था. साथ ही मंत्री ने अपनी मौजूदा कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले का बचाव भी किया.

बीजेपी का बयान: डीके शिवकुमार के खिलाफ दी गई सीबीआई जांच की इजाजत वापस लेना अक्षम्य अपराध है. पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा समेत बीजेपी नेताओं ने नाराजगी जताई कि राज्य सरकार ने शिवकुमार को बचाने के लिए गैरकानूनी फैसला लिया है. 25 नवंबर को अपने आवास के पास मीडिया से बात करने वाले बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि पार्टी विधायक दस्तावेज़ के साथ बेलगावी सत्र में इस बारे में बोलेंगे.

बेंगलुरु: उपमुख्यमंत्री और केपीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने एकल सदस्यीय पीठ की कार्रवाई को चुनौती देते हुए दायर अपील वापस ले ली है, जिसने उनके खिलाफ जांच करने की सरकार की अनुमति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी. इस संबंध में याचिकाकर्ता के वकील की याचिका पर सुनवाई करने वाली मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बालचंद्र वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील उदय होल्ला और अभिषेक मनु सिंघवी ने ज्ञापन देकर कहा कि वे अपील वापस ले रहे हैं. साथ ही सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशिकिरण शेट्टी और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए और कहा कि उन्होंने याचिकाकर्ता के खिलाफ सीबीआई जांच की अनुमति देने वाला आदेश वापस ले लिया है.

इन बातों पर गौर करते हुए बेंच ने कहा कि, सरकार कैबिनेट के फैसले पर अब तक किसी ने सवाल नहीं उठाया है. इसलिए सीबीआई और बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल की याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता और याचिका का निपटारा कर आदेश दिया गया है. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अपीलकर्ता ने खुद ही आवेदन वापस लेने का फैसला किया. चूंकि याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिकाएं और अपीलें वापस लेने का अनुरोध किया है, इसलिए अदालत इसकी अनुमति दे रही है और याचिकाओं का निपटारा कर रही है.

कैबिनेट ने हाल ही में वापस लिया था आदेश: पिछली भाजपा नीत राज्य सरकार के उस आदेश को, जिसमें उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था, हाल ही में (23 नवंबर को) राज्य कैबिनेट की बैठक में वापस ले लिया गया.

कैबिनेट बैठक के बाद इस बारे में बोलते हुए कानून मंत्री एच के पाटिल ने कहा कि पिछली सरकार ने डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच कराने का फैसला किया था. लेकिन सदन के अध्यक्ष से कानूनी तौर पर अनुमति लिए बिना सरकार ने मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया. सरकार का फैसला कानून सम्मत नहीं था. साथ ही मंत्री ने अपनी मौजूदा कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले का बचाव भी किया.

बीजेपी का बयान: डीके शिवकुमार के खिलाफ दी गई सीबीआई जांच की इजाजत वापस लेना अक्षम्य अपराध है. पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा समेत बीजेपी नेताओं ने नाराजगी जताई कि राज्य सरकार ने शिवकुमार को बचाने के लिए गैरकानूनी फैसला लिया है. 25 नवंबर को अपने आवास के पास मीडिया से बात करने वाले बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि पार्टी विधायक दस्तावेज़ के साथ बेलगावी सत्र में इस बारे में बोलेंगे.

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