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डिजिटल कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग एप कोविड-19 रोकने में मददगार

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Published : May 7, 2021, 4:19 PM IST

Updated : May 7, 2021, 5:05 PM IST

कोविड-19 जैसी घातक महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए कई देशों ने डिजिटल संपर्क ट्रेसिंग तकनीक (DCT) का रुख किया है. मोटे तौर पर ये ऐसा अनुप्रयोग हैं जिनका उपयोग संक्रमित व्यक्तियों का पता लगाने, उन तक पहुंच बनाने के लिए किया जाता है.

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हैदराबाद : कोविड-19 जैसी घातक महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए कई देशों ने डिजिटल संपर्क ट्रेसिंग तकनीक (DCT) का रुख किया है. कई देशों में जहां शोध हुए हैं जैसे कि यूके और स्पेन में डीसीटी लागू किए गए हैं, वे बताते हैं कि कोविड​​-19 के प्रसारण को धीमा करने और जान बचाने के लिए वे मैनुअल संपर्क से बेहतर हैं.

डीसीटी के सफल कार्यान्वयन के लिए तकनीकी कंपनियों और सरकारों के बीच सुविधा का समन्वय आवश्यक है, जिसके परिणामस्वरूप निजी डाटा का अभूतपूर्व संचय हुआ है. चीन में सरकार कथित तौर पर डीसीटी को लागू करने के लिए अलीबाबा और क्रेमेन के साथ काम कर रही है.

जबकि दक्षिण कोरिया में सरकार समान लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए Naver और Kakao के साथ मिलकर काम करती है. इसी तरह यूएस और यूरोप में कुछ राज्य और देश डीसीटी को लागू करने के लिए Apple, Google और अन्य डेवलपर्स के साथ काम कर रहे हैं. यूएस डिजिटल कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग में लगभग आधा देश ई-NIH वित्त पोषित मीटर होते हैं.

हालांकि उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता के लिए कोई अमेरिकी कानून नहीं है. मौजूदा कानून पुराने हैं. यूरोप में Google और Apple (Google Apple एक्सपोजर नोटिफिकेशन GAEN) प्लेटफार्म के साथ डिजिटल संपर्क ट्रेसिंग एप ज्यादातर समन्वय में लागू किए गए हैं. यूरोप में व्यापक कानून है जो गोपनीयता को कुछ हद तक ॅसुरक्षित रखने में मदद कर सकता है.

सिंगापुर सरकार ने बहुसंख्यक आबादी को कवर करते हुए एक साथ ट्रेसिंग लागू किया. देश बुनियादी गोपनीयता की गारंटी देने के लिए (COVID-19 (अस्थायी उपाय) अधिनियम 2020 पारित किया है. देश में सरकार ने नागरिकों को देशव्यापी 2.0 डिजिटल संपर्क का उपयोग करने के लिए अनिवार्य किया है.

हालांकि कोविड-19 के प्रसार को कम करने के राष्ट्रीय प्रयास में सहायता के लिए सामान्य सुरक्षा सेवा को अधिकृत करने के अंतरिम विधेयक पर विवाद चल रहा है. ताइवान में डिजिटल संपर्क ट्रेसिंग अनिवार्य है संचारी रोग नियंत्रण अधिनियम मरीजों या संदिग्ध रोगियों से संबंधित जानकारी की रक्षा के लिए एक आधार देता है.

यह भी पढ़ें-बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों के टीकाकरण के लिए याचिका दायर, केंद्र एवं दिल्ली सरकार से जवाब तलब

दक्षिण कोरिया में डिजिटल संपर्क ट्रेसिंग जैसे KI-Pass (QR Code) सेक्वेंटाइन सेफ्टी प्रोटेक्शन एप , काकाओ और नावर जैसी निजी टेक कंपनियों के साथ अनिवार्य है.

हैदराबाद : कोविड-19 जैसी घातक महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए कई देशों ने डिजिटल संपर्क ट्रेसिंग तकनीक (DCT) का रुख किया है. कई देशों में जहां शोध हुए हैं जैसे कि यूके और स्पेन में डीसीटी लागू किए गए हैं, वे बताते हैं कि कोविड​​-19 के प्रसारण को धीमा करने और जान बचाने के लिए वे मैनुअल संपर्क से बेहतर हैं.

डीसीटी के सफल कार्यान्वयन के लिए तकनीकी कंपनियों और सरकारों के बीच सुविधा का समन्वय आवश्यक है, जिसके परिणामस्वरूप निजी डाटा का अभूतपूर्व संचय हुआ है. चीन में सरकार कथित तौर पर डीसीटी को लागू करने के लिए अलीबाबा और क्रेमेन के साथ काम कर रही है.

जबकि दक्षिण कोरिया में सरकार समान लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए Naver और Kakao के साथ मिलकर काम करती है. इसी तरह यूएस और यूरोप में कुछ राज्य और देश डीसीटी को लागू करने के लिए Apple, Google और अन्य डेवलपर्स के साथ काम कर रहे हैं. यूएस डिजिटल कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग में लगभग आधा देश ई-NIH वित्त पोषित मीटर होते हैं.

हालांकि उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता के लिए कोई अमेरिकी कानून नहीं है. मौजूदा कानून पुराने हैं. यूरोप में Google और Apple (Google Apple एक्सपोजर नोटिफिकेशन GAEN) प्लेटफार्म के साथ डिजिटल संपर्क ट्रेसिंग एप ज्यादातर समन्वय में लागू किए गए हैं. यूरोप में व्यापक कानून है जो गोपनीयता को कुछ हद तक ॅसुरक्षित रखने में मदद कर सकता है.

सिंगापुर सरकार ने बहुसंख्यक आबादी को कवर करते हुए एक साथ ट्रेसिंग लागू किया. देश बुनियादी गोपनीयता की गारंटी देने के लिए (COVID-19 (अस्थायी उपाय) अधिनियम 2020 पारित किया है. देश में सरकार ने नागरिकों को देशव्यापी 2.0 डिजिटल संपर्क का उपयोग करने के लिए अनिवार्य किया है.

हालांकि कोविड-19 के प्रसार को कम करने के राष्ट्रीय प्रयास में सहायता के लिए सामान्य सुरक्षा सेवा को अधिकृत करने के अंतरिम विधेयक पर विवाद चल रहा है. ताइवान में डिजिटल संपर्क ट्रेसिंग अनिवार्य है संचारी रोग नियंत्रण अधिनियम मरीजों या संदिग्ध रोगियों से संबंधित जानकारी की रक्षा के लिए एक आधार देता है.

यह भी पढ़ें-बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों के टीकाकरण के लिए याचिका दायर, केंद्र एवं दिल्ली सरकार से जवाब तलब

दक्षिण कोरिया में डिजिटल संपर्क ट्रेसिंग जैसे KI-Pass (QR Code) सेक्वेंटाइन सेफ्टी प्रोटेक्शन एप , काकाओ और नावर जैसी निजी टेक कंपनियों के साथ अनिवार्य है.

Last Updated : May 7, 2021, 5:05 PM IST
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