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वाल्टेयर डिवीजन डीजल लोको शेड ने शुरू किया जीवन रक्षक प्रोजेक्ट, जानिए कैसे

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Published : May 5, 2021, 9:27 PM IST

ऐसे उपकरणों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वाल्टेयर डिवीजन के डीजल लोको शेड ने एक उपयोगी जीवन रक्षक प्रोजेक्ट शुरू किया है. डीजल लोको शेड ने बाजार में चिकित्सकीय रूप से उपयोग किए जाने वाले नियामक और ऑक्सीजन प्रवाह मीटर की अनुपलब्धता की चुनौती को स्वीकार किया.

वाल्टेयर डिवीजन के डीजल लोको शेड
वाल्टेयर डिवीजन के डीजल लोको शेड

विशाखापट्नम : कोरोना वायरस की दूसरी लहर दिन पर दिन कहर ढा रही है. इस वजह से मौत का ग्राफ भी आसमान छू रहा है. हर तरफ कोरोना संक्रमित ही दिखाई दे रहे हैं. अस्पतालों के बाहर मरीजों की फौज उमड़ी है. वहीं, भारत में कोरोना का भयावह रूप देखते हुए विदेशी मदद भी मिल रही है. लगातार कोरोना संक्रमितों के आंकड़े बढ़ने से बाजार में जीवन रक्षक उपकरणों का भी टोटा हो गया है.

वाल्टेयर डिवीजन के डीजल लोको शेड

ऐसे उपकरणों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वाल्टेयर डिवीजन के डीजल लोको शेड ने एक उपयोगी जीवन रक्षक प्रोजेक्ट शुरू किया है. डीजल लोको शेड ने बाजार में चिकित्सकीय रूप से उपयोग किए जाने वाले नियामक और ऑक्सीजन प्रवाह मीटर की अनुपलब्धता की चुनौती को स्वीकार किया. वहीं, रोगियों को बचाने के लिए औद्योगिक ऑक्सीजन नियामक और फैब्रिकेटेड ह्यूमिडिफायर के प्रावधान को संशोधित करके एक निर्माण शुरू किया है.

डीजल लोको शेड विशाखापत्तनम ने मंडल रेल प्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में एक इन-हाउस फैब्रिकेटेड ह्यूमिडिफायर के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की आवश्यकता को पूरा करने के लिए मौजूदा औद्योगिक ऑक्सीजन नियामक को संशोधित किया. जिसका उपयोग रोगियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए किया जाएगा ताकि वे अपना जीवन बचा सकें.

पढ़ें: दिल्ली में ऑक्सीजन बेड वाली वैन, मरीजों को मिलेगी तत्काल राहत

वाल्टेयर की आवश्यकताओं के अनुसार उपलब्ध घटकों का उपयोग करके वरिष्ठ विभागीय मैकेनिकल इंजीनियर (डीजल) संतोष कुमार पात्रो की निगरानी में उपरोक्त उपकरण घर में तैयार किए गए हैं. इन 15 उपकरणों का रेलवे अस्पताल में सफलतापूर्वक परीक्षण करने के बाद मंडल रेलवे अस्पताल, वाल्टेयर को सौंप दिए गए. जानकारी के मुताबिक एक सेट डिवाइस की लागत करीब 475 रुपये है.

विशाखापट्नम : कोरोना वायरस की दूसरी लहर दिन पर दिन कहर ढा रही है. इस वजह से मौत का ग्राफ भी आसमान छू रहा है. हर तरफ कोरोना संक्रमित ही दिखाई दे रहे हैं. अस्पतालों के बाहर मरीजों की फौज उमड़ी है. वहीं, भारत में कोरोना का भयावह रूप देखते हुए विदेशी मदद भी मिल रही है. लगातार कोरोना संक्रमितों के आंकड़े बढ़ने से बाजार में जीवन रक्षक उपकरणों का भी टोटा हो गया है.

वाल्टेयर डिवीजन के डीजल लोको शेड

ऐसे उपकरणों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वाल्टेयर डिवीजन के डीजल लोको शेड ने एक उपयोगी जीवन रक्षक प्रोजेक्ट शुरू किया है. डीजल लोको शेड ने बाजार में चिकित्सकीय रूप से उपयोग किए जाने वाले नियामक और ऑक्सीजन प्रवाह मीटर की अनुपलब्धता की चुनौती को स्वीकार किया. वहीं, रोगियों को बचाने के लिए औद्योगिक ऑक्सीजन नियामक और फैब्रिकेटेड ह्यूमिडिफायर के प्रावधान को संशोधित करके एक निर्माण शुरू किया है.

डीजल लोको शेड विशाखापत्तनम ने मंडल रेल प्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में एक इन-हाउस फैब्रिकेटेड ह्यूमिडिफायर के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की आवश्यकता को पूरा करने के लिए मौजूदा औद्योगिक ऑक्सीजन नियामक को संशोधित किया. जिसका उपयोग रोगियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए किया जाएगा ताकि वे अपना जीवन बचा सकें.

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वाल्टेयर की आवश्यकताओं के अनुसार उपलब्ध घटकों का उपयोग करके वरिष्ठ विभागीय मैकेनिकल इंजीनियर (डीजल) संतोष कुमार पात्रो की निगरानी में उपरोक्त उपकरण घर में तैयार किए गए हैं. इन 15 उपकरणों का रेलवे अस्पताल में सफलतापूर्वक परीक्षण करने के बाद मंडल रेलवे अस्पताल, वाल्टेयर को सौंप दिए गए. जानकारी के मुताबिक एक सेट डिवाइस की लागत करीब 475 रुपये है.

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