नई दिल्ली : दिल्ली परिवहन विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में सर्दियों के मौसम में होने वाले प्रदूषण के मद्देनजर वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) अनिवार्य किया है. वाहन सवार लोगों से संबंधित कागजात ईंधन स्टेशनों पर तैनात उसके दलों को दिखाने की अपील की है.
साथ ही परिवहन विभाग ने पेट्रोल पंपों पर भी अभियान शुरू किया है, जिसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वाहन चालक वाहन प्रदूषण उत्सर्जन मानक का पालन कर रहे हैं या नहीं. परिवहन विभाग के डीसी अनुज भारती ने बताया कि 'इस अभियान के तहत यदि पीयूसी प्रमाणपत्र अमान्य/समाप्त पाया गया तो हम ई-चालान भेजेंगे.'
विभाग के प्रदूषण नियंत्रण डिवीजन की ओर से जारी आदेश के अनुसार विभाग ने पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं होने वाले वाहनों के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया है. आदेश में कहा, 'सभी पंजीकृत वाहन मालिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे ईंधन स्टेशनों पर ईंधन भरवाने के वक्त वहां तैनात उसके दलों को जारी वैधता पीयूसी प्रमाणपत्र दिखाएं.'
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शहर भर में करीब 50 दल तैनात किए जाएंगे. ये दल मुख्य रूप से वाहनों के पीयूसी प्रमाणपत्रों की जांच करेंगे और जिन लोगों के पास ये प्रमाणपत्र नहीं हैं,उनसे प्रमाणपत्र लेने का अनुरोध करेंगे. साथ ही अब ई-चालान भेजने की भी तैयारी है.
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इसका मकसद वाहन मालिकों पर जुर्माना करने से ज्यादा उन्हें पीयूसी प्रमाणपत्र लेने के लिए प्रोत्साहित करना है. लेकिन जो इससे इनकार करेगा या भागने का प्रयास करेगा उन पर जुर्माना किया जाएगा.'
कैद या 10000 तक के जुर्माने का है प्रावधान
जो वाहन मालिक वैध पीयूसीसी प्राप्त नहीं करेंगे उनका मोटर वाहन अधिनियम 1993 की धारा 190 (2) के तहत चालान किया जा सकता है. इसमें छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों ही सजा का प्रावधान है.
आदेश में कहा गया है कि तीन महीने के लिए उनका ड्राइविंग लाइसेंस भी जब्त किया जा सकता है.
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