नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी मामले में प्रवर्तन निदेशालय की पेशी से एक दिन पहले बीआरएस की नेता के. कविता ने सालों से लंबित पड़े महिला आरक्षण बिल को संसद से पारित कराने की मांग की और इसे लेकर जंतर मंतर पर भूख हड़ताल शुरू की है. इसमें बीआरएस की नेता के. कविता ने कांग्रेस छोड़ 16 पार्टियों को आमंत्रण भेजा था, जिसमें से 12 पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हुए है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने इसे जांच से ध्यान बंटाने की कोशिश बताया है.
भारतीय जनता पार्टी के तेलंगाना राज्य प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त होने के बाद, गरीबों का माल लूटने के बाद, अब जब एजेंसियां उनके खिलाफ काम कर रहीं तो उससे बचाने के लिए के. कविता ड्रामा कर रहीं हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि दिल्ली के शराब माफियाओं से लिंक होने की वजह से अब जब बीआरएस की नेता को ईडी के समक्ष पेश होने को कहा जा रहा है, तो अब वो विरोधी पार्टियों के साथ मिलकर ड्रामा कर रही हैं.
बीजेपी के नेता ने इस सवाल पर कि दो ही सेशन बचे हैं और के. कविता की डिमांड है कि इन दो सेशन में सरकार चाहे तो ये बिल पास करवा सकती है. बीजेपी तेलंगाना इंचार्ज तरुण चुग ने कहा कि 2014 से पहले उनके पिता केंद्र में मंत्री थे, जरा एक बार रिकॉर्ड उठा कर देख लें कि उन्होंने कितनी बार महिला आरक्षण के लिए अपनी सरकार के सामने आवाज उठाई.
बीजेपी नेता ने यह भी आरोप लगाया है कि जहां टीआरएस की सरकार है, तेलंगाना में वहां महिला उत्पीड़न की सबसे ज्यादा घटनाएं हैं. हैरानी की बात यह है कि सरकारी गाड़ियों के अंदर तक बच्चियों के साथ बलात्कार हुए हैं और काफी दिनों तक सरकार चुप रही.
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बीजेपी नेता तरुण चुग ने कहा कि देश में पहली बार अपराधियों का वंश न देखकर कार्रवाई की जा रही है, वरना पिछले सात दशक तक यही होता आया था. उन्होंने कहा कि इसमें तेलंगाना के चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. दिल्ली में कौन सा चुनाव है, मगर साक्ष्य सामने है कि 14 फोन तोड़े गए, जनता जवाब चाहती है कि जिन्हें रक्षक बनाया गया था, वो भक्षक कैसे बन गए.