नई दिल्ली: पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को बिना ट्रायल एशियन गेम्स में खेलने की छूट देने के मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट कल यानी शनिवार को फैसला सुनाएगी. शुक्रवार को हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि कल आदेश सुनाएंगे, क्योंकि ट्रायल रविवार को समाप्त हो रहा है. हम इस मुद्दे पर विचार नहीं करेंगे कि बेहतर पहलवान कौन है. केवल यह देखेंगे कि प्रक्रिया का पालन किया गया है या नहीं.
इससे पहले गुरुवार को पहलवान अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने डब्ल्यूएफआई को हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था. गुरुवार को हुई सुनवाई में वकील हृषिकेश बरुआ और अक्षय कुमार ने दायर याचिका में इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) तदर्थ समिति द्वारा इस संबंध में निर्देश जारी करने की मांग की है. उनकी मुख्य मांग बजरंग और विनेश को दी गई छूट को रद्द करने को लेकर है.
पहलवानों को छूट नहीं देने की मांगः याचिका में मांग की गई है कि किसी भी पहलवान को कोई छूट दिए बिना ट्रायल निष्पक्ष तरीके से कराया जाना चाहिए. पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए. पंघाल उन जूनियर पहलवानों में से एक थे, जो इस साल जनवरी में निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ लड़ाई में बजरंग और विनेश के साथ खड़े थे, जब शीर्ष खिलाड़ियों ने धरना दिया था.
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अंतिम मूल्यांकन के पहले आएगा फैसला: पंघाल ने आरोप लगाते हुए कहा है कि विनेश फोगाट को एशियाई खेलों के लिए सीधे प्रवेश मिला है, जबकि उन्होंने पिछले एक साल से ट्रेनिंग नहीं की है. आईओए तदर्थ पैनल ने इन दोनों पहलवानों को शनिवार और रविवार को होने वाले ट्रायल से छूट देने का फैसला किया.
आईओए ने कहा कि आगामी एशियाई खेलों के लिए देश के कुश्ती दल का अंतिम मूल्यांकन खिलाड़ियों के चीन रवाना होने से पहले किया जाएगा. हालांकि, आईओए के बयान में यह नहीं बताया गया कि प्रविष्टियां भेजने के बाद मूल्यांकन प्रासंगिक होगा या नहीं.
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