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बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में दोषी आरिज खान को फांसी की सजा

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Published : Mar 15, 2021, 5:41 PM IST

Updated : Mar 15, 2021, 10:11 PM IST

बाटला हाउस मामला
बाटला हाउस मामला

17:40 March 15

बाटला हाउस मामला

नई दिल्ली :  दिल्ली की साकेत कोर्ट ने बाटला हाउस मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस मामले के दोषी आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इसे 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' केस माना है. 

इससे पहले अभियोजन पक्ष ने 2008 के बाटला हाउस मुठभेड़ में इंडियन मुजाहिदीन के एक कथित आतंकवादी अरिज खान के लिए मौत की सजा की मांग की थी. 

गौरतलब है कि 8 मार्च को अदालत ने इस मामले में आरिज खान को दोषी ठहराया था. अदालत के अनुसार, उसने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या की थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने कहा था कि आरिज खान ने अपने साथियों के साथ मिलकर साजिशन इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की गोली मारकर हत्या की थी.

बाटला हाउस मुठभेड़ के बाद आरिज कथित रूप से फरार चल रहा था. लगभग एक दशक बाद फरवरी, 2018 में उसे गिरफ्तार किया गया था.

इससे पहलेअदालत में कार्यवाही के दौरान अधिवक्ता एम.एस. खान ने अपनी दलील रखते हुए आरिज के कम उम्र का हवाला दिया और उसके लिए अदालत से उदारता दिखाने की मांग की थी.

वरिष्ठ लोक अभियोजक ए.टी. अंसारी ने मृत्युदंड की मांग की थी और कहा था कि यह कानून प्रवर्तन अधिकारी एवं न्याय के रक्षक की नृशंस हत्या है. 

अभियोजक अंसारी ने कहा था कि इस घटना के कारण पूरा समाज स्तब्ध था. आरिज को धारा 186 (अधिकारियों के काम में बाधा पहुंचाना), 333 (किसी को कष्ट देने की गंभीर साजिश), 353 (लोक सेवक पर आपराधिक हमला), 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया है.  उसे भारतीय दंड संहिता की 277, 174 ए, 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत भी दोषी ठहराया गया है.

19 सितंबर 2008 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ जामिया नगर के बाटला हाउस में मुठभेड़ में इंडियन मुजाहिदीन के दो संदिग्ध आतंकवादियों और इंस्पेक्टर शर्मा की मौत हो गई थी.

आरिज कथित रूप से आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा है. पुलिस ने दावा किया कि वह चार अन्य लोगों के साथ बाटला हाउस में मौजूद था, और मुठभेड़ के दौरान पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा.

बाटला हाउस के अपार्टमेंट में रहने वाले पांच लोगों में से मोहम्मद साजिद और आतिफ अमीन मुठभेड़ के दौरान मारे गए, जबकि जुनैद और शहजाद अहमद भाग गए और सालों बाद पकड़े गए. मोहम्मद सैफ ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.

एक ट्रायल कोर्ट ने जुलाई, 2013 में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी शहजाद अहमद को इस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

17:40 March 15

बाटला हाउस मामला

नई दिल्ली :  दिल्ली की साकेत कोर्ट ने बाटला हाउस मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस मामले के दोषी आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इसे 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' केस माना है. 

इससे पहले अभियोजन पक्ष ने 2008 के बाटला हाउस मुठभेड़ में इंडियन मुजाहिदीन के एक कथित आतंकवादी अरिज खान के लिए मौत की सजा की मांग की थी. 

गौरतलब है कि 8 मार्च को अदालत ने इस मामले में आरिज खान को दोषी ठहराया था. अदालत के अनुसार, उसने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या की थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने कहा था कि आरिज खान ने अपने साथियों के साथ मिलकर साजिशन इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की गोली मारकर हत्या की थी.

बाटला हाउस मुठभेड़ के बाद आरिज कथित रूप से फरार चल रहा था. लगभग एक दशक बाद फरवरी, 2018 में उसे गिरफ्तार किया गया था.

इससे पहलेअदालत में कार्यवाही के दौरान अधिवक्ता एम.एस. खान ने अपनी दलील रखते हुए आरिज के कम उम्र का हवाला दिया और उसके लिए अदालत से उदारता दिखाने की मांग की थी.

वरिष्ठ लोक अभियोजक ए.टी. अंसारी ने मृत्युदंड की मांग की थी और कहा था कि यह कानून प्रवर्तन अधिकारी एवं न्याय के रक्षक की नृशंस हत्या है. 

अभियोजक अंसारी ने कहा था कि इस घटना के कारण पूरा समाज स्तब्ध था. आरिज को धारा 186 (अधिकारियों के काम में बाधा पहुंचाना), 333 (किसी को कष्ट देने की गंभीर साजिश), 353 (लोक सेवक पर आपराधिक हमला), 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया है.  उसे भारतीय दंड संहिता की 277, 174 ए, 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत भी दोषी ठहराया गया है.

19 सितंबर 2008 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ जामिया नगर के बाटला हाउस में मुठभेड़ में इंडियन मुजाहिदीन के दो संदिग्ध आतंकवादियों और इंस्पेक्टर शर्मा की मौत हो गई थी.

आरिज कथित रूप से आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा है. पुलिस ने दावा किया कि वह चार अन्य लोगों के साथ बाटला हाउस में मौजूद था, और मुठभेड़ के दौरान पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा.

बाटला हाउस के अपार्टमेंट में रहने वाले पांच लोगों में से मोहम्मद साजिद और आतिफ अमीन मुठभेड़ के दौरान मारे गए, जबकि जुनैद और शहजाद अहमद भाग गए और सालों बाद पकड़े गए. मोहम्मद सैफ ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.

एक ट्रायल कोर्ट ने जुलाई, 2013 में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी शहजाद अहमद को इस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

Last Updated : Mar 15, 2021, 10:11 PM IST
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