भोपाल। एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी शनिवार को आखिरकार कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस का दामन थामते ही दीपक जोशी ने बीजेपी नेताओं पर आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया. दीपक जोशी ने ETV Bharat से खास बात करते हुए सीएम शिवराज को अपनी पत्नी की मौत का जिम्मेदार ठहरा दिया. उन्होने साफ और तल्ख लफ्जों में कहा कि "मेरे पिता के नाम पर स्मारक बनाने के लिए जब पहली बार कमलनाथ से आग्रह किया तो उन्होंने जमीन देने की बात कही, लेकिन CM शिवराज सिंह चौहान ने अभी तक स्मारक के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया. हर बार टालमटोल ही करते रहे. ऐसे में कैसे मानूं कि पार्टी में मेरी पूछ परख थी, जबकि मेरे पिता BJP के उन कद्दावर नेताओं में शामिल थे जिन्हे पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व पूरा आदर देता था. उनकी किसी बात को कभी टाला नहीं गया."
पत्नी की मौत का कारण CM शिवराज: दीपक जोशी ने का कि, "जिस पार्टी को खड़ा करने में मेरे पिता कैलाश जोशी ने अपना पूरा जीवन लगा दिया, उस बीजेपी को छोड़ कांग्रेस का दामन थामना एक बड़ा निर्णय है. मगर इसमें बड़ा कारण सीएम शिवराज हैं." MP के सीएम पर दीपक जोशी ने बेहज गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने CM शिवराज को अपनी पत्नी की मौत का कारण बताते हुए कहा "मेरी पत्नी को कोरोना हुआ, उनको एंबुलेंस नहीं मिली. क्योंकि सीएम शिवराज के निर्देश थे कि दीपक जोशी की कोई भी बात नहीं सुनी जाए. तब DM और CMHO मेरा फोन नहीं उठा रहे थे."
शिवराज को नहीं मानता बड़ा भाई: दीपक जोशी ने बीजेपी पर नजर-अंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे पिताजी के देहांत के बाद बीजेपी के किसी बड़े नेता का फोन तक मेरे पास नहीं आया. शिवराज मेरे भाई नहीं हैं, भाई में प्रेम की शुचिता होती है, जो शिवराज में नहीं है. मैं उस सीट से चुनाव नहीं लड़ूंगा, जहां पर पहले से ही कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता हो या कांग्रेस का पूर्व विधायक हो. मैं तो शिवराज के बुधनी से चुनाव लड़ने का इच्छुक हूं. क्योंकि जिस पिच पर शिवराज हैं, मैं उस पिच पर पहले ही हीरो रह चुका हूं. वह तो जीरो हैं."
पिता नहीं हैं राजनीतिक गुरु: बीजेपी की नर्सरी तैयार करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी को उनके अपने बेटे दीपक जोशी राजनीतिक गुरू नहीं मानते. दीपक ने कहा कि मेरे पिता मेरे गुरु नहीं बल्कि नंदू भैया (पूर्व बीजेपी सांसद) मेरे राजनीतिक गुरु थे. जोशी ने कहा कि नंदकुमार सिंह चौहान से उन्होने राजनीति का ककहरा पढ़ा. बीजेपी में लगातार वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा हो रही है. खुद को साफ छवि और जमीनी नेता बताते हुए दीपक ने कहा "मेरे पिताजी ने पहला चुनाव लड़ा, तब मैं माता के गर्भ में था. तब से लेकर अब तक वह 40 साल तक एक ही सीट से लड़े, मैंने छात्र राजनीति भी साफ सुथरे स्वभाव से की."
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी के नेतृत्व में भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक दीपक जोशी जी कांग्रेस में शामिल हुए।
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लोकतंत्र बचाने और मध्यप्रदेश से जंगलराज मिटाने की इस लड़ाई में दीपक जोशी जी का स्वागत है। pic.twitter.com/wmMwsptiId
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लोकतंत्र बचाने और मध्यप्रदेश से जंगलराज मिटाने की इस लड़ाई में दीपक जोशी जी का स्वागत है। pic.twitter.com/wmMwsptiIdप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी के नेतृत्व में भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक दीपक जोशी जी कांग्रेस में शामिल हुए।
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बीजेपी में चल रहा छल-कपट: कांग्रेस का होने के बाद दीपक जोशी ने पदयात्रा निकालकर लोगों को जागरुक करने की बात कही है. जोशी ने कहा कि वह लोगों को बताएंगे कि किस तरह से बीजेपी में छल और कपट चल रहा है. कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के कक्ष में कैलाश जोशी की तस्वीर भी रखने पर खुशी जाहिर करते हुए दीपक जोशी ने कहा कि बीजेपी तो उनका स्मारक तक नहीं बनवा पा रही थी. कम से कम कांग्रेस में पिताजी को जो सम्मान मिला है, इसके लिए शुक्रगुजार हूं. इस मौके पर पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि वह सौदा नहीं करते. दीपक जोशी हमारे साथ आए हैं, उनका स्वागत है. ये ऐसे नेता हैं जिन्होंने कहा कि मैं आपके साथ आ रहा हूं लेकिन मुझे टिकट नहीं चाहिए.