लखीमपुर खीरी: तमिलनाडु के मदुरै में रेल कोच में आग लगने से मरने वाली शान्ति देवी का शव लखीमपुर पहुंचा तो पूरा गांव फूट-फूटकर रोने लगा. रात के अंधेरे में परिजनों के रोने चीखने की आवाजों ने माहौल को गमगीन कर दिया. शान्ति देवी की बेटी ने रोते रोते कहा कि पता होता तो न भेजते अम्मा तुम्हें. जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में परिजनों ने शव का दाह संस्कार किया.
विमान से लखनऊ एयरपोर्ट से शांति देवी का शव लखीमपुर खीरी जिला स्थित उनके पैतृक गांव शारदानगर के पास कोठिया पहुंचाया गया तो परिजनों में चीख पुकार मच गई. शांति देवी के तीन बेटे, बेटी दामाद समेत रिश्तेदारों पर मानो गमों का पहाड़ टूट पड़ा. सभी बिलख-बिलख कर रो रहे थे.
परिजनों ने बताया कि 17 अगस्त को सभी ने खुशी-खुशी रिटायर्ड शिक्षक राम मनोहर, पत्नी शांति देवी व नाती 22 वर्षीय हर्ष को रामेश्वरम की यात्रा के लिए विदा किया था. लखीमपुर खीरी के 19 तीर्थयात्री टूरिस्ट स्पेशल कोच से लखनऊ से रामेश्वरम के लिए रवाना हुए थे. मदुरै स्टेशन के पास बोगी में आग लगने से नौ यात्रियों की मौत हो गई थी. उनमें से एक शांति देवी भी शामिल हैं. नाती हर्ष का इलाज चल रहा है.
रविवार रात को शव पहुंचा तो गांव वाले भी शांति देवी को याद कर रो पड़े. पूरे गांव में मातम पसरा है. पलिया विधायक रोमी साहनी,पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रवि प्रकाश वर्मा, डीएम महेंद्र बहादुर सिंह, एसपी गणेश प्रसाद साहा, एसडीएम श्रद्धा सिंह, सीओ सिटी संदीप सिंह, शारदा नगर इंचार्ज विमल कुमार गौतम ने श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में परिजनों ने शव का दाह संस्कार किया.