जिनेवा(स्विट्जरलैंड): जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के 52वें सत्र के दौरान भारत की बेटी रोहिणी घावरी ने देश में हाशिए पर पड़े लोगों के उत्थान के लिए सराहना की है. भारत के इंदौर शहर के एक सफाई कर्मचारी की बेटी रोहिणी घावरी ने कहा कि हमारे देश का संविधान इतना मजबूत है कि हाशिए पर रहने वाला व्यक्ति राष्ट्रपति और पीएम बनने का सपना देख सकता है, वह ऑक्सफोर्ड और हार्वर्ड जा सकता है.
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Major change in India is that right now, we have a tribal President & an OBC PM. Our country’s Constitution is so strong that a person belonging to marginalised section can dream of becoming President or PM, he or she can go to Harvard & Oxford: Rohini Ghavari, PhD student and… pic.twitter.com/LHDLgOjHaM
— ANI (@ANI) March 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) March 24, 2023
यूएनएचआरसी में पीएचडी छात्र और दलित कार्यकर्ता रोहिणी घावरी ने कहा कि भारत में बड़ा बदलाव यह है कि अभी हमारे पास एक आदिवासी राष्ट्रपति और एक ओबीसी पीएम है. संयुक्त राष्ट्र में एएनआई से बात करते हुए घावरी ने कहा कि मुझे संयुक्त राष्ट्र में रहने का एक सुनहरा मौका मिला है, पिछले दो साल से वो जिनेवा में पीएचडी कर रही हैं. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व उनका सपना था. उन्होंने कहा कि भारत में दलित समुदाय की स्थिति के बारे में जागरूकता फैलाना उनका सपना है.
घावरी ने कहा कि एक लड़की होने के नाते उनका यहां तक पहुंचना आसान नहीं था. एक दलित लड़की के रूप में उनका यहां तक पहुंचना गर्व की बात है. रोहिणी ने कहा भारत में बड़ा बदलाव यह है कि हमारे पास एक आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं और हमारे पास एक ओबीसी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी हैं.आपको बता दें कि भारत सरकार ने रोहिणी घावरी को एक करोड़ की छात्रवृत्ति दी है.
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हमारे देश का संविधान इतना मजबूत है जहां हाशिए के तबके का व्यक्ति प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने का सपना देख सकता है. वह हार्वर्ड और ऑक्सफोर्ड जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर आप यूएस जाते हैं, तो उनके पास ब्लैक एंड व्हाइट का मुद्दा है लेकिन भारत में ऐसा नहीं है. मेरा मानना है कि हमें संयुक्त राष्ट्र में सकारात्मक चीजों को भी चित्रित करना चाहिए.
(एएनआई)