पलामू: झारखंड बिहार सीमा पर मौजूद माओवादियों का एक टॉप कमांडर अरविंद भुइयां उर्फ मुखिया को बिहार से आए हुए सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार कर लिया है. अरविंद भुइयां उर्फ मुखिया की निशानदेही पर पुलिस एवं सुरक्षाबलों ने एके 47 समेत आधुनिक हथियार बरामद किया है. अरविंद भुइयां पर झारखंड की सरकार ने 10 लाख रुपये का इनाम रखा है. बिहार सरकार ने अरविंद पर अलग से इनाम की घोषणा की थी. अरविंद बिहार के गया जिला के सलैया थाना क्षेत्र के विराज गांव का रहने वाला है.
अरविंद की गिरफ्तारी सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता है. अरविंद ने सुरक्षाबलों को माओवादी संगठन के बारे में बड़ी जानकारियां दी है. जिसके बाद झारखंड बिहार सीमा पर बड़ा सर्च अभियान शुरू किया गया है.
100 से अधिक मामले में आरोपी: अरविंद भुइयां उर्फ अरविंद मुखिया झारखंड और बिहार में 100 से भी अधिक नक्सल हमले को अंजाम देने का आरोपी है. अरविंद पर झारखंड के पलामू, गढ़वा, लातेहार, चतरा, हजारीबाग जबकि बिहार के गया और औरंगाबाद में कई हमले को अंजाम देने के आरोप में एफआईआर दर्ज है. अरविंद 30 से भी अधिक जवानों को शहीद करने की घटना में शामिल रहा है.
2016 में बिहार के गया औरंगाबाद सीमा में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान कोबरा के जवानों पर हमला हुआ था. इस हमले में अरविंद भुइयां उर्फ मुखिया शामिल था. 2010-11 में पलामू के मनातू थाना क्षेत्र में तत्कालीन एसपी पर हमला हुआ था. इस हमले में पलामू एसपी बाल-बाल बच गए थे. इसमें दो जवान शहीद भी हुए थे. 2008-09 में पलामू के मनातू थाना क्षेत्र में हो हुए लैंड माइंस विस्फोट में पुलिस के चार जवान शहीद थे. इस तरह के कई घटनाओं में अरविंद शामिल रहा है.
झारखंड के पलामू चतरा और बिहार के गया क्षेत्र में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का अरविंद रीढ़ था. तीन अप्रैल को पलामू चतरा सीमा पर सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में माओवादियों के टॉप पांच कमांडर मारे गए थे. अरविंद पलामू, चतरा और गया सीमा की कमान को संभाल रहा था. जून 2022 में माओवादियों के सुरक्षित ठिकाना छकरबंधा में बड़ा सर्च अभियान शुरू हुआ तो अरविंद एक अलग दस्ता लेकर भागा था. उसके बाद से वह लगातार पलामू मनातू और बिहार के गया के सलैया के जंगलों को अपना ठिकाना बनाए हुए था.