नई दिल्ली: झारखंड से नवजात बच्चों को लाकर उन्हें दिल्ली में बेचे जाने का खुलासा हुआ है. क्राइम ब्रांच की टीम ने एक ऐसे ही गैंग के साथ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें चार महिलाएं शामिल हैं. यह गैंग नकली ग्राहक बनकर पहुंची पुलिस को चार लाख रुपये में एक बच्चा बेच रहा था. पुलिस ने यह रकम और बच्चे को बरामद कर लिया है.
डीसीपी विचित्र वीर के अनुसार क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई जसवीर सिंह को सूचना मिली थी कि मधु शर्मा नामक महिला अपनी दोस्त वीना के साथ एक बच्चे को 6.50 लाख रुपये में बेच रही है. उसके साथ नकली ग्राहक बनकर पुलिस ने डील की. बात तय होने पर बताई गई जगह पर दोनों महिलाएं अपनी साथी बरखा, ज्योति और बबलू के साथ बच्चे को डिलीवर करने के लिए आए. उन्हें 4 लाख रुपये नकली ग्राहक की तरफ से दिए गए और यह बच्चा नकली ग्राहक को दे दिया गया. उसी समय यहां छापा मारकर पुलिस ने चारों महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार कर लिया. उनके पास से नकदी और बच्चा भी बरामद कर लिया गया.
छानबीन के दौरान दो अन्य आरोपी पवन उर्फ मामा और सिमरन नामक महिला को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि ज्योति एक आईवीएफ क्लिनिक में काम करती है. वहां पर वह उन लोगों के संपर्क में आई जिनके बच्चे नहीं हैं. इससे उन्हें ग्राहक मिलने लगे. धीरे-धीरे वह बच्चे बेचने का एक गैंग बन गया. ज्योति वहां पर बच्चे की चाहत में आने वाले लोगों से बातचीत करती और अगर वह अपना इंटरेस्ट दिखाते तो वह उन्हें बच्चा बेचती थी. उन्हें पता था कि बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया में काफी परेशानियां होती हैं.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बबलू, बरखा, वीणा, मधु, ज्योति, पवन और सिमरन देवी के रूप में हुई है. इनमें से बबलू भागीरथ बिहार का रहने वाला है, जबकि बाकी सभी आरोपी दिल्ली के ही रहने वाले हैं. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह झारखंड निवासी कुतुबुद्दीन को जानते हैं जो बच्चों का बंदोबस्त करता था. वह नवजात बच्चों को झारखंड से लाकर उन्हें सनी देवी उर्फ सिमरन को बेचता था. इस मामले में पुलिस टीम को झारखंड भेजा गया कुतुबुद्दीन को पकड़ने के लिए, लेकिन वह भाग गया. पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
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