ETV Bharat / bharat

केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री शैलजा ने मैगसेसे पुरस्कार लेने से किया इनकार - Ramon Magsaysay Award

केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने मैगसेसे पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है. शैलजा को रेमन मैगसेसे अवार्ड फाउंडेशन द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति उनकी सेवा के लिए 64वें मैगसेसे पुरस्कारों के लिए चुना गया था. सीपीएम केंद्रीय नेतृत्व ने इसे स्वीकार नहीं करने का फैसला किया था, जिसके बाद शैलजा ने पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया.

KK Shailaja rejects Ramon Magsaysay Award
केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री शैलजा
author img

By

Published : Sep 4, 2022, 4:05 PM IST

Updated : Sep 4, 2022, 4:22 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने 2022 के लिए प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से इनकार कर दिया है (KK Shailaja rejects Ramon Magsaysay Award), क्योंकि सीपीएम केंद्रीय नेतृत्व ने इसे स्वीकार नहीं करने का फैसला किया था. शैलजा को निपाह और कोविड रोकथाम में उनके प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता के लिए चुना गया था, लेकिन शैलजा ने आयोजन समिति को सूचित किया कि वह पुरस्कार स्वीकार नहीं कर पाएंगी.

दरअसल माकपा की केरल यूनिट ने केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा को 2022 के प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार को स्वीकार करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. शैलजा को रेमन मैगसेसे अवार्ड फाउंडेशन द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति उनकी सेवा के लिए 64वें मैगसेसे पुरस्कारों के लिए चुना गया था. उनके कार्यकाल के दौरान निपाह प्रकोप और कोविड महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्य ने वैश्विक पहचान हासिल की थी. उनके नेतृत्व में संक्रामक रोगों को रोकने के लिए दुनिया भर में सराहना हुई थी.

फाउंडेशन ने जुलाई 2022 के अंत में शैलजा को ई-मेल द्वारा सूचित किया कि उन्हें शॉर्टलिस्ट किया गया है और वह पुरस्कार स्वीकार करने में उनकी पुष्टि चाहता है. माकपा की केंद्रीय समिति की सदस्य होने के नाते, शैलजा ने पार्टी नेतृत्व को सूचित किया और विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, माकपा ने पुरस्कार स्वीकार करने के खिलाफ फैसला किया.

माकपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, पार्टी की राय है कि शैलजा केवल पार्टी द्वारा उन्हें सौंपा गया कर्तव्य निभा रही थी और ये कोई विशेष बात नहीं है. पार्टी यह भी मानती है कि निपाह और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई एक संयुक्त प्रयास था. यह किसी एक व्यक्ति का प्रयास नहीं था, इसलिए उन्हें पुरस्कार स्वीकार नहीं करना चाहिए. हालांकि माकपा के इस फैसले से कुछ नेता नाराज हैं. सीपीआई-एम के नेता संजीव थॉमस ने कहा, पिनाराई विजयन ने पहले शैलजा के लिए शिक्षक पुरस्कार को रद्द कर दिया. वह अपने अलावा किसी और को सुर्खियों में देखना नहीं चाहते. पार्टी भविष्य में इसका पश्चाताप करेगी.

उन्होंने कहा कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि रेमन मैग्सेसे पुरस्कार को एशियाई नोबेल पुरस्कार माना जाता है और अगर उसने इसे स्वीकार कर लिया होता, तो वह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाली पहली केरल की महिला होतीं. कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन, पत्रकार संपादक बी.जी. वर्गीज और भारत के प्रसिद्ध चुनाव आयुक्त टी.एन. शेषन अन्य केरलवासी ऐसे है, जिन्होंने प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता है.

पढ़ें- केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री शैलजा प्रतिष्ठित यूरोपीय पुरस्कार से सम्मानित

तिरुवनंतपुरम : केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने 2022 के लिए प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से इनकार कर दिया है (KK Shailaja rejects Ramon Magsaysay Award), क्योंकि सीपीएम केंद्रीय नेतृत्व ने इसे स्वीकार नहीं करने का फैसला किया था. शैलजा को निपाह और कोविड रोकथाम में उनके प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता के लिए चुना गया था, लेकिन शैलजा ने आयोजन समिति को सूचित किया कि वह पुरस्कार स्वीकार नहीं कर पाएंगी.

दरअसल माकपा की केरल यूनिट ने केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा को 2022 के प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार को स्वीकार करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. शैलजा को रेमन मैगसेसे अवार्ड फाउंडेशन द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति उनकी सेवा के लिए 64वें मैगसेसे पुरस्कारों के लिए चुना गया था. उनके कार्यकाल के दौरान निपाह प्रकोप और कोविड महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्य ने वैश्विक पहचान हासिल की थी. उनके नेतृत्व में संक्रामक रोगों को रोकने के लिए दुनिया भर में सराहना हुई थी.

फाउंडेशन ने जुलाई 2022 के अंत में शैलजा को ई-मेल द्वारा सूचित किया कि उन्हें शॉर्टलिस्ट किया गया है और वह पुरस्कार स्वीकार करने में उनकी पुष्टि चाहता है. माकपा की केंद्रीय समिति की सदस्य होने के नाते, शैलजा ने पार्टी नेतृत्व को सूचित किया और विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, माकपा ने पुरस्कार स्वीकार करने के खिलाफ फैसला किया.

माकपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, पार्टी की राय है कि शैलजा केवल पार्टी द्वारा उन्हें सौंपा गया कर्तव्य निभा रही थी और ये कोई विशेष बात नहीं है. पार्टी यह भी मानती है कि निपाह और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई एक संयुक्त प्रयास था. यह किसी एक व्यक्ति का प्रयास नहीं था, इसलिए उन्हें पुरस्कार स्वीकार नहीं करना चाहिए. हालांकि माकपा के इस फैसले से कुछ नेता नाराज हैं. सीपीआई-एम के नेता संजीव थॉमस ने कहा, पिनाराई विजयन ने पहले शैलजा के लिए शिक्षक पुरस्कार को रद्द कर दिया. वह अपने अलावा किसी और को सुर्खियों में देखना नहीं चाहते. पार्टी भविष्य में इसका पश्चाताप करेगी.

उन्होंने कहा कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि रेमन मैग्सेसे पुरस्कार को एशियाई नोबेल पुरस्कार माना जाता है और अगर उसने इसे स्वीकार कर लिया होता, तो वह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाली पहली केरल की महिला होतीं. कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन, पत्रकार संपादक बी.जी. वर्गीज और भारत के प्रसिद्ध चुनाव आयुक्त टी.एन. शेषन अन्य केरलवासी ऐसे है, जिन्होंने प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता है.

पढ़ें- केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री शैलजा प्रतिष्ठित यूरोपीय पुरस्कार से सम्मानित

Last Updated : Sep 4, 2022, 4:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.