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Covid-19 Center Scam: आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल ईडी के समक्ष पेश हुए - Sanjeev Jaiswal presented in ED

कोविड-19 केंद्र घोटाला मामले में आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल ईडी के समक्ष पेश हुए. इससे पहले ईडी ने उन्हें तलब किया था, लेकिन अस्वस्थ होने के कारण वह पेश नहीं हो पाए थे. जायसवाल बीएमसी में अतिरिक्त आयुक्त के रूप में कार्यरत है.

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Published : Jul 1, 2023, 12:55 PM IST

मुंबई : कोविड-19 महामारी के दौरान बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा स्थापित कोविड केंद्रों में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के एक मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी संजीव जायसवाल शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए. जायसवाल को सुबह 11.30 बजे दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित ईडी के कार्यालय में प्रवेश करते देखा गया और वह 10 घंटे बाद रात करीब पौने दस बजे वहां से निकले.

जायसवाल ने निकलते वक्त पत्रकारों से कहा कि उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया और सभी सवालों के जवाब दिये. उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें ईडी ने दोबारा नहीं बुलाया है, लेकिन जरूरत पड़ने पर वह उपस्थित रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह खराब स्वास्थ्य के कारण पहले एजेंसी के सामने पेश नहीं हो सके थे. ईडी ने जायसवाल सहित कुछ लोगों से जुड़े 15 ठिकानों पर 21 जून को छापे मारे थे. जायसवाल बीएमसी में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर सेवाएं दे चुके हैं.

पढ़ें : कोविड जंबो सेंटर घोटाला: IAS अधिकारी की 100 करोड़ रुपये की संपत्ति ईडी की नजर में

एक अधिकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने छापों के दौरान 2.4 करोड़ रुपये के आभूषण, 68 लाख नकद और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज इकट्ठे किए थे. उन्होंने बताया कि जायसवाल को इस मामले में बयान दर्ज कराने के लिए ईडी के समक्ष पेश होने को कहा गया था. इससे पहले भी ईडी ने उन्हें तलब किया था, लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे. ईडी ने कोविड केंद्रों से संबंधित मामले की जांच के तहत पिछले सप्ताह शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत के करीबी कहे जाने वाले सुजीत पाटकर के आवास पर छापे मारे थे. एक अधिकारी ने पहले कहा था कि पाटकर और उसके तीन साझेदारों पर महामारी के वक्त अस्थायी अस्पतालों के प्रबंधन का अनुबंध गलत तरीके से हासिल करने का आरोप है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : कोविड-19 महामारी के दौरान बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा स्थापित कोविड केंद्रों में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के एक मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी संजीव जायसवाल शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए. जायसवाल को सुबह 11.30 बजे दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित ईडी के कार्यालय में प्रवेश करते देखा गया और वह 10 घंटे बाद रात करीब पौने दस बजे वहां से निकले.

जायसवाल ने निकलते वक्त पत्रकारों से कहा कि उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया और सभी सवालों के जवाब दिये. उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें ईडी ने दोबारा नहीं बुलाया है, लेकिन जरूरत पड़ने पर वह उपस्थित रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह खराब स्वास्थ्य के कारण पहले एजेंसी के सामने पेश नहीं हो सके थे. ईडी ने जायसवाल सहित कुछ लोगों से जुड़े 15 ठिकानों पर 21 जून को छापे मारे थे. जायसवाल बीएमसी में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर सेवाएं दे चुके हैं.

पढ़ें : कोविड जंबो सेंटर घोटाला: IAS अधिकारी की 100 करोड़ रुपये की संपत्ति ईडी की नजर में

एक अधिकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने छापों के दौरान 2.4 करोड़ रुपये के आभूषण, 68 लाख नकद और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज इकट्ठे किए थे. उन्होंने बताया कि जायसवाल को इस मामले में बयान दर्ज कराने के लिए ईडी के समक्ष पेश होने को कहा गया था. इससे पहले भी ईडी ने उन्हें तलब किया था, लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे. ईडी ने कोविड केंद्रों से संबंधित मामले की जांच के तहत पिछले सप्ताह शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत के करीबी कहे जाने वाले सुजीत पाटकर के आवास पर छापे मारे थे. एक अधिकारी ने पहले कहा था कि पाटकर और उसके तीन साझेदारों पर महामारी के वक्त अस्थायी अस्पतालों के प्रबंधन का अनुबंध गलत तरीके से हासिल करने का आरोप है.

(पीटीआई-भाषा)

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