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लश्कर के आतंकी अशफाक की सजा समेत 40 'मौत के मामलों' की सुनवाई करेगा कोर्ट - लश्कर के आतंकी अशफाक

शीर्ष अदालत पिछले साल मार्च से महामारी के कारण वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मामलों की सुनवाई कर रही है. कई बार निकाय और वकील हालांकि भौतिक सुनवाई तत्काल शुरू करने की मांग कर चुके हैं.

court to hear 40 death cases
सात सितंबर से सुनवाई करेगा न्यायालय
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Published : Sep 3, 2021, 6:18 AM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने एक परिपत्र जारी कर कहा है कि सात सितंबर से उच्चतम न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी मोहम्मद आरिफ से संबंधित मामले समेत 40 'मौत के मामलों' को सूचीबद्ध किया जाएगा. इस सूची में दोषियों की चार पुनर्विचार याचिकाएं भी शामिल हैं जिनकी अपील न्यायालय ने मौत की सजा को बरकरार रखते हुए खारिज कर दी थी.

शीर्ष अदालत द्वारा सुनवाई के लिए निर्धारित मामलों में से एक 2000 के लाल किला हमले के मामले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक की सजा से संबंधित है. इस हमले में सेना के दो जवानों सहित तीन लोग मारे गए थे.

न्यायालय ने इससे पहले प्रत्यक्ष तरीके से मामलों की अंतिम सुनवाई करने के लिये एक सितंबर को नयी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करते हुए कहा था कि वह मंगलवार से बृहस्पतिवार तक कोविड-19 नियमों के सख्त अनुपालन के साथ सुनवाई की संकर (हाइब्रिड- डिजिटल और प्रत्यक्ष सुनवाई) व्यवस्था के विकल्प को अपनाएगी.

शीर्ष अदालत पिछले साल मार्च से महामारी के कारण वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मामलों की सुनवाई कर रही है. कई बार निकाय और वकील हालांकि भौतिक सुनवाई तत्काल शुरू करने की मांग कर चुके हैं.

महासचिव द्वारा 28 अगस्त को जारी एसओपी में यह स्पष्ट किया गया है कि सोमवार और शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यमों से विभिन्न मामलों की सुनवाई करती रहेंगी.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने एक परिपत्र जारी कर कहा है कि सात सितंबर से उच्चतम न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी मोहम्मद आरिफ से संबंधित मामले समेत 40 'मौत के मामलों' को सूचीबद्ध किया जाएगा. इस सूची में दोषियों की चार पुनर्विचार याचिकाएं भी शामिल हैं जिनकी अपील न्यायालय ने मौत की सजा को बरकरार रखते हुए खारिज कर दी थी.

शीर्ष अदालत द्वारा सुनवाई के लिए निर्धारित मामलों में से एक 2000 के लाल किला हमले के मामले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक की सजा से संबंधित है. इस हमले में सेना के दो जवानों सहित तीन लोग मारे गए थे.

न्यायालय ने इससे पहले प्रत्यक्ष तरीके से मामलों की अंतिम सुनवाई करने के लिये एक सितंबर को नयी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करते हुए कहा था कि वह मंगलवार से बृहस्पतिवार तक कोविड-19 नियमों के सख्त अनुपालन के साथ सुनवाई की संकर (हाइब्रिड- डिजिटल और प्रत्यक्ष सुनवाई) व्यवस्था के विकल्प को अपनाएगी.

शीर्ष अदालत पिछले साल मार्च से महामारी के कारण वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मामलों की सुनवाई कर रही है. कई बार निकाय और वकील हालांकि भौतिक सुनवाई तत्काल शुरू करने की मांग कर चुके हैं.

महासचिव द्वारा 28 अगस्त को जारी एसओपी में यह स्पष्ट किया गया है कि सोमवार और शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यमों से विभिन्न मामलों की सुनवाई करती रहेंगी.

पीटीआई-भाषा

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