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UP: पॉक्सो कोर्ट ने रचा इतिहास, 10 दिन में ही रेप के दोषी को सुनाई उम्रकैद की सजा - Rapist punished in ten days

प्रतापगढ़ की विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट ने इतिहास रचते हुए 10 दिन के अंदर रेप मामले में दोषी को आजीवन कारावास (अंतिम सांस तक जेल) की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

कोर्ट.
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Published : Sep 22, 2022, 8:24 PM IST

प्रतापगढ़: विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट ने 10 दिन के अंदर रेप मामले में दोषी को आजीवन कारावास (अंतिम सांस तक जेल) की सजा सुनाई है. यूपी में अबतक सबसे कम समय में सजा सुनाया जाने वाला यह पहले केस बताया जा रहा है. यह सजा विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट पंकज कुमार ने सुनाई है. कोर्ट ने दोषी भूपेंद्र सिंह पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

जानकारी देते सरकारी वकील.

आरोपी भूपेंद्र के खिलाफ 12 अगस्त 2022 को नगर कोतवाली में 6 साल की मासूम लड़की का रेप करने का आरोप लगा था. मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने पिटाई कर आरोपी भूपेंद्र को दबोच कर पुलिस के हवाले कर दिया था. इसका नगर कोतवाली में 13 अगस्त 2022 को रेप का मुकदमा दर्ज किया गया. 3 सितंबर 2022 को पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट भेजी. वहीं, 3 सितम्बर 2022 को न्यायालय ने चार्जशीट का संज्ञान लिया.

12 सितंबर 2022 से कोर्ट में मुकदमे का विचरण शुरू हुआ. 13 सितंबर 2022 को साक्ष्य की कार्रवाई शुरू हुई. 16 सितंबर तक 8 गवाहों ने मामले में गवाही दी. 17 सितंबर को आरोपी भूपेंद्र का कोर्ट में बयान दर्ज किया गया. 20 सितंबर को मामले में न्यायधीश के समक्ष बहस की कार्यवाई पूरी हुई. 21 सितंबर को आरोपी भूपेंद्र पर दोष सिद्ध हुआ. 22 सितंबर को पॉक्सो कोर्ट ने दोषी भूपेंद्र को आजीवन कारावास टिल डेथ की सजा सुनाई,

वहीं, दोषी भूपेंद्र सिंह किरावा मऊआइमा का रहने वाला है. पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने सजा सुनाई है. सरकारी अधिवक्ता देवेश चंद्र त्रिपाठी ने मामले की पैरवी की है.यह फैसला कोर्ट के ऐतिहासिक इंसाफ से अपराध और अपराधियो में खौफ पैदा करेगा. इससे अपराधी अपराध करने से पहले हजार बार सोचेगा. वहीं, 40 दिन में पूरा मामला ही निपट गया. इसमे पुलिस और न्यायलय का सराहनीय योगदान रहा.

यह भी पढ़ें:12 साल पहले हुई हत्या के मामले में पिता और पुत्र समेत तीन को उम्रकैद

सरकारी अधिवक्ता देवेश ने बताया की 17 सितंबर 2022 को आरोपी भूपेंद्र ने पॉक्सो कोर्ट में पेश होने दौरान नाबालिग होने का दावा किया था. इसके लिए उसने अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र भी कोर्ट के सामने रखे लेकिन, जांच के दौरान प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए. इस पर विवेचक ने नाराजगी जाहिर की. जज ने डीजीपी को पत्र के जरिए विवेचक नगर कोतवाल पर कार्यवाई करने के निर्देश भी दिए है.

यह भी पढ़ें:पैसों का लालच देकर मासूम बच्चे के साथ किशोर ने किया कुकर्म, मामला दर्ज

प्रतापगढ़: विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट ने 10 दिन के अंदर रेप मामले में दोषी को आजीवन कारावास (अंतिम सांस तक जेल) की सजा सुनाई है. यूपी में अबतक सबसे कम समय में सजा सुनाया जाने वाला यह पहले केस बताया जा रहा है. यह सजा विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट पंकज कुमार ने सुनाई है. कोर्ट ने दोषी भूपेंद्र सिंह पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

जानकारी देते सरकारी वकील.

आरोपी भूपेंद्र के खिलाफ 12 अगस्त 2022 को नगर कोतवाली में 6 साल की मासूम लड़की का रेप करने का आरोप लगा था. मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने पिटाई कर आरोपी भूपेंद्र को दबोच कर पुलिस के हवाले कर दिया था. इसका नगर कोतवाली में 13 अगस्त 2022 को रेप का मुकदमा दर्ज किया गया. 3 सितंबर 2022 को पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट भेजी. वहीं, 3 सितम्बर 2022 को न्यायालय ने चार्जशीट का संज्ञान लिया.

12 सितंबर 2022 से कोर्ट में मुकदमे का विचरण शुरू हुआ. 13 सितंबर 2022 को साक्ष्य की कार्रवाई शुरू हुई. 16 सितंबर तक 8 गवाहों ने मामले में गवाही दी. 17 सितंबर को आरोपी भूपेंद्र का कोर्ट में बयान दर्ज किया गया. 20 सितंबर को मामले में न्यायधीश के समक्ष बहस की कार्यवाई पूरी हुई. 21 सितंबर को आरोपी भूपेंद्र पर दोष सिद्ध हुआ. 22 सितंबर को पॉक्सो कोर्ट ने दोषी भूपेंद्र को आजीवन कारावास टिल डेथ की सजा सुनाई,

वहीं, दोषी भूपेंद्र सिंह किरावा मऊआइमा का रहने वाला है. पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने सजा सुनाई है. सरकारी अधिवक्ता देवेश चंद्र त्रिपाठी ने मामले की पैरवी की है.यह फैसला कोर्ट के ऐतिहासिक इंसाफ से अपराध और अपराधियो में खौफ पैदा करेगा. इससे अपराधी अपराध करने से पहले हजार बार सोचेगा. वहीं, 40 दिन में पूरा मामला ही निपट गया. इसमे पुलिस और न्यायलय का सराहनीय योगदान रहा.

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सरकारी अधिवक्ता देवेश ने बताया की 17 सितंबर 2022 को आरोपी भूपेंद्र ने पॉक्सो कोर्ट में पेश होने दौरान नाबालिग होने का दावा किया था. इसके लिए उसने अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र भी कोर्ट के सामने रखे लेकिन, जांच के दौरान प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए. इस पर विवेचक ने नाराजगी जाहिर की. जज ने डीजीपी को पत्र के जरिए विवेचक नगर कोतवाल पर कार्यवाई करने के निर्देश भी दिए है.

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