ETV Bharat / bharat

समलैंगिक विवाह पर उच्च न्यायालयों में लंबित सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने संलग्न किया, खुद करेगा सुनवाई

समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ही 13 मार्च को सुनवाई करेगा. जबकि सरकार को अपना हलफनामा 15 फरवरी तक दाखिल करना होगा. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने दिल्ली हाईकोर्ट, केरल हाईकोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिए जाने की गुहार वाली अर्जियों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
author img

By

Published : Jan 6, 2023, 3:10 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने के मुद्दे पर देश भर के विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़ते हुए उन्हें अपने पास स्थानांतरित कर लिया. प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने केंद्र से 15 फरवरी तक इस मुद्दे पर सभी याचिकाओं पर अपना संयुक्त जवाब दाखिल करने को कहा और निर्देश दिया कि मार्च में सभी याचिकाओं को सूचीबद्ध किया जाए.

पढ़ें: एमसीडी में हंगामाः सदन का कार्यवाही स्थगित, मेयर का चुनाव अगले आदेश तक टला

पीठ ने कहा कि कोई भी याचिकाकर्ता यदि अदालत के समक्ष भौतिक रूप से बहस करने के लिए उपलब्ध नहीं है तो वह डिजिटल मंच की सुविधा का लाभ उठा सकता है. न्यायालय ने केंद्र और याचिकाकर्ताओं के वकीलों से इस मुद्दे, संबंधित कानूनों और पूर्व मिसाल, यदि कोई हो तो, उस पर एक लिखित नोट दाखिल करने और इसे आपस में व अदालत के साथ साझा करने को कहा. पीठ ने केंद्र के वकील से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कोई भी याचिकाकर्ता छूट न जाए और सभी याचिकाओं का विवरण तैयार किए जाने वाले संकलन में शामिल किया जाए.

पढ़ें: कंझावला केस में कार मालिक गिरफ्तार, अंकुश अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि न्यायालय के पास दो विकल्प उपलब्ध हैं क्योंकि एक याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए तैयार है और शीर्ष अदालत उसके फैसले का इंतजार कर सकती है या वह सभी याचिकाओं को अपने पास स्थानांतरित कर सकती है. कई याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने पीठ को बताया कि वे चाहते हैं कि शीर्ष अदालत इस मुद्दे पर एक आधिकारिक घोषणा के लिए सभी मामलों को अपने पास स्थानांतरित कर ले और केंद्र शीर्ष अदालत के समक्ष अपना जवाब दाखिल कर सकता है.

पढ़ें: Weather Forecast: उत्तर भारत में शीतलहर जारी, गलन ने बढ़ाई मुश्किलें, जानें मौसम का हाल

शीर्ष अदालत ने तीन जनवरी को कहा था कि वह समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने के लिए उच्च न्यायालयों में लंबित याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की याचिका पर छह जनवरी को सुनवाई करेगी. शीर्ष अदालत ने पिछले साल 14 दिसंबर को केंद्र से दो याचिकाओं पर जवाब मांगा था जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी ताकि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के निर्देश दिए जा सकें.

पढ़ें: तीन बेटी, दो बेटे, पत्नी और सास की हत्या कर खुद को मारी गोली

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने के मुद्दे पर देश भर के विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़ते हुए उन्हें अपने पास स्थानांतरित कर लिया. प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने केंद्र से 15 फरवरी तक इस मुद्दे पर सभी याचिकाओं पर अपना संयुक्त जवाब दाखिल करने को कहा और निर्देश दिया कि मार्च में सभी याचिकाओं को सूचीबद्ध किया जाए.

पढ़ें: एमसीडी में हंगामाः सदन का कार्यवाही स्थगित, मेयर का चुनाव अगले आदेश तक टला

पीठ ने कहा कि कोई भी याचिकाकर्ता यदि अदालत के समक्ष भौतिक रूप से बहस करने के लिए उपलब्ध नहीं है तो वह डिजिटल मंच की सुविधा का लाभ उठा सकता है. न्यायालय ने केंद्र और याचिकाकर्ताओं के वकीलों से इस मुद्दे, संबंधित कानूनों और पूर्व मिसाल, यदि कोई हो तो, उस पर एक लिखित नोट दाखिल करने और इसे आपस में व अदालत के साथ साझा करने को कहा. पीठ ने केंद्र के वकील से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कोई भी याचिकाकर्ता छूट न जाए और सभी याचिकाओं का विवरण तैयार किए जाने वाले संकलन में शामिल किया जाए.

पढ़ें: कंझावला केस में कार मालिक गिरफ्तार, अंकुश अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि न्यायालय के पास दो विकल्प उपलब्ध हैं क्योंकि एक याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए तैयार है और शीर्ष अदालत उसके फैसले का इंतजार कर सकती है या वह सभी याचिकाओं को अपने पास स्थानांतरित कर सकती है. कई याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने पीठ को बताया कि वे चाहते हैं कि शीर्ष अदालत इस मुद्दे पर एक आधिकारिक घोषणा के लिए सभी मामलों को अपने पास स्थानांतरित कर ले और केंद्र शीर्ष अदालत के समक्ष अपना जवाब दाखिल कर सकता है.

पढ़ें: Weather Forecast: उत्तर भारत में शीतलहर जारी, गलन ने बढ़ाई मुश्किलें, जानें मौसम का हाल

शीर्ष अदालत ने तीन जनवरी को कहा था कि वह समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने के लिए उच्च न्यायालयों में लंबित याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की याचिका पर छह जनवरी को सुनवाई करेगी. शीर्ष अदालत ने पिछले साल 14 दिसंबर को केंद्र से दो याचिकाओं पर जवाब मांगा था जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी ताकि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के निर्देश दिए जा सकें.

पढ़ें: तीन बेटी, दो बेटे, पत्नी और सास की हत्या कर खुद को मारी गोली

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.