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कोरोना मरीजों की मदद काे 2 लाख के गहने रखे गिरवी

काेराेना महामारी से जूझ रहे लाेगाें की मदद में आम लाेग भी पीछे नहीं. लाेग अपने-अपने स्तर पर मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं. तमिलनाडु के एक दंपती ने इसके लिए अपने 2 लाख रुपये के गहने गिरवी रख कर काेराेना मरीजाें की मदद की.

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Published : Apr 28, 2021, 12:41 PM IST

कोरोना
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कोयंबटूर: तमिलनाडु के काेयंबटूर स्थित एक ईएसआई अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की मदद के लिए एक दंपती ने 2 लाख 20 हजार रुपये के जेवर गिरवी रख दिए.

राम नगर के रहने वाले दंपती की इलाके में एक छोटी सी दुकान है. वे कोरोना वैक्सीन लेने सिंगनल्लूर के ईएसआई अस्पताल गए थे. टीका लेने के बाद वहां उन्होंने देखा कि इस भीषण गर्मी में कोरोना मरीजाें के पास पंखे तक नहीं और वे गर्मी से बेहद परेशान हैं साथ ही देखा कि अस्पताल प्रबंधन ने एक विज्ञापन लगा रखा है जिस पर लिखा था कि उन्हें कोविड -19 रोगियों के लिए पंखाें की आवश्यकता है.

यह देखकर दाेनाें ने मदद करने की साेची और घर गए और कुछ ही देर में वापस आकर अस्पताल प्रमुख से कहा कि वे कोरोना रोगियों की मदद के लिए पंखे देना चाहते हैं.

उनकी इस अपील काे अस्पताल प्रमुख ने स्वीकार कर लिया और राेगियाें के लिए उन्हाेंने 100 पंखे दिए. यहां आने वाले लाेगाें ने जब पंखा देखा ताे उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ बाद में पूछने पर दंपती ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने जेवर गिरवी रख कर 2.20 लाख रुपये में 100 पंखे खरीदे थे. यह सुनकर अस्पताल के दीन हैरान हो गए और उन्हाेंने पंखे लाैटाने की पेशकश की ताकि उनके जेवर वे वापस मिल पाए.

हालांकि, दंपती ने कहा कि उन्हाेंने अपने जेवर काेराेना मरीजाें की मदद के लिए गिरवी रखे हैं ताकि उन्हें इसका फायदा मिले और वापस लेने से इनकार कर दिया. तब अस्पताल के डीन ने यह बात कोयम्बटूर के जिला कलेक्टर नागराजन काे बताई.

इसे भी पढ़ें : कोरोना संक्रमण के दौर में इंसानियत की मिसाल पेश करते इन कोरोना वॉरियर्स को सलाम

फिर कलेक्टर ने भी उन्हें पंखे वापस लाैटाने की पूरी कोशिश की. लेकिन दंपती ने इनकार कर दिया. साथ ही प्रार्थना की कि उनके बारे में किसी से कुछ भी शेयर न करें.

कोयंबटूर: तमिलनाडु के काेयंबटूर स्थित एक ईएसआई अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की मदद के लिए एक दंपती ने 2 लाख 20 हजार रुपये के जेवर गिरवी रख दिए.

राम नगर के रहने वाले दंपती की इलाके में एक छोटी सी दुकान है. वे कोरोना वैक्सीन लेने सिंगनल्लूर के ईएसआई अस्पताल गए थे. टीका लेने के बाद वहां उन्होंने देखा कि इस भीषण गर्मी में कोरोना मरीजाें के पास पंखे तक नहीं और वे गर्मी से बेहद परेशान हैं साथ ही देखा कि अस्पताल प्रबंधन ने एक विज्ञापन लगा रखा है जिस पर लिखा था कि उन्हें कोविड -19 रोगियों के लिए पंखाें की आवश्यकता है.

यह देखकर दाेनाें ने मदद करने की साेची और घर गए और कुछ ही देर में वापस आकर अस्पताल प्रमुख से कहा कि वे कोरोना रोगियों की मदद के लिए पंखे देना चाहते हैं.

उनकी इस अपील काे अस्पताल प्रमुख ने स्वीकार कर लिया और राेगियाें के लिए उन्हाेंने 100 पंखे दिए. यहां आने वाले लाेगाें ने जब पंखा देखा ताे उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ बाद में पूछने पर दंपती ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने जेवर गिरवी रख कर 2.20 लाख रुपये में 100 पंखे खरीदे थे. यह सुनकर अस्पताल के दीन हैरान हो गए और उन्हाेंने पंखे लाैटाने की पेशकश की ताकि उनके जेवर वे वापस मिल पाए.

हालांकि, दंपती ने कहा कि उन्हाेंने अपने जेवर काेराेना मरीजाें की मदद के लिए गिरवी रखे हैं ताकि उन्हें इसका फायदा मिले और वापस लेने से इनकार कर दिया. तब अस्पताल के डीन ने यह बात कोयम्बटूर के जिला कलेक्टर नागराजन काे बताई.

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फिर कलेक्टर ने भी उन्हें पंखे वापस लाैटाने की पूरी कोशिश की. लेकिन दंपती ने इनकार कर दिया. साथ ही प्रार्थना की कि उनके बारे में किसी से कुछ भी शेयर न करें.

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