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Congress Seeks Probe : कांग्रेस का आरोप-इजराइली फर्म ने प्रभावित किए चुनाव, भाजपा का भी लिंक - सोशल मीडिया हेड सुप्रिया श्रीनेत

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इजराइल की फर्म ने भारत में चुनावों को प्रभावित किया. इस काम में भाजपा ने उसका साथ दिया. कांगेस नेता पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इजराइल की फर्म की फर्जी खबरों का इस्तेमाल भाजपा के आईटी सेल ने किया. कांग्रेस ने जांच की मांग की है. ईटीवी के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Pawan Kheda Supriya Shrinate and others
पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत व अन्य
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Published : Feb 16, 2023, 4:11 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि एक इजराइली फर्म ने भारत में चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित किया था. सत्तारूढ़ भाजपा इस प्रक्रिया में शामिल थी (Congress Seeks Probe).

कांग्रेस मीडिया हेड पवन खेड़ा और सोशल मीडिया हेड सुप्रिया श्रीनेत ने द गार्जियन अखबार की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि यह कोई एक बार की घटना नहीं थी, बल्कि देश में चुनावों को प्रभावित करने के लिए भाजपा द्वारा ऐसी अंतरराष्ट्रीय फर्मों के कथित इस्तेमाल के पीछे एक पैटर्न था.

खेड़ा और श्रीनेत ने पूछा, पहले कैंब्रिज एनालिटिका और फिर पेगासस - क्या मोदी सरकार ने डिजिटल मीडिया पर बड़े पैमाने पर दुष्प्रचार फैलाकर भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में दखल देने के लिए इजराइल के कॉन्ट्रैक्ट हैकर्स का इस्तेमाल किया.

उन्होंने कहा कि क्या नकली समाचार पोर्टल पोस्ट कार्ड न्यूज़ और 'टीम जॉर्ज' के बीच कोई संबंध है. इज़राइली ठेकेदारों की एक टीम, जो सोशल मीडिया पर हैकिंग, तोड़फोड़ और स्वचालित गलत सूचना का उपयोग करके दुनिया भर में 30 से अधिक चुनावों में हेरफेर करने का दावा करती है. पेगासस और कैंबिज एनालिटिका की तरह. उन्होंने कहा कि 'टीम जॉर्ज' के कोड नाम से हैकर्स के एक समूह ने भारतीय चुनावों और राजनीतिक प्रणालियों में हस्तक्षेप किया.

उन्होंने कहा कि क्या मोदी सरकार नवीनतम घोटाले की जांच करेगी जिसने भारतीय राजनीतिक स्पेक्ट्रम को प्रभावित किया है, फिर भी विदेशी ठेकेदार परिष्कृत हैकिंग, तोड़फोड़ और सोशल मीडिया पर स्वचालित गलत सूचना में लिप्त हैं. खेड़ा और श्रीनेत दोनों के अनुसार, इज़राइली फर्म द्वारा उत्पन्न फर्जी खबरों को कथित रूप से बीजेपी के आईटी सेल और पार्टी के नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर चुनावों को प्रभावित करने के लिए प्रचारित किया गया था.

श्रीनेत ने कहा कि इजराइलियों द्वारा अपनाए जा रहे दुष्प्रचार और फर्जी समाचार अभियानों के पैटर्न को सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा बहुत स्पष्ट रूप से दिखाया गया है. एक मासूम सा सोशल मीडिया अकाउंट दुष्प्रचार फैलाता है जिसे बाद में भाजपा के सत्यापित पदाधिकारियों, सांसदों, विधायकों और मंत्रियों सहित दक्षिणपंथी पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा बढ़ाया जाता है, फिर इसे लचीला मीडिया द्वारा लिया जाता है - जो इस जानकारी को बिना सच की जांच के प्रस्तुत करता है.

श्रीनेत ने कहा कि 'हम तीखी टीवी बहसें और अखबारों की कहानियां देखते हैं, एक कहानी बनाई जाती है, बेबुनियाद आरोप लगाए जाते हैं, झूठ को सच के रूप में पेश किया जाता है और यह आम मतदाता को प्रभावित करता है. लेकिन जब इन झूठों का पर्दाफाश होता है - हम इस विघटन फैलाने वाले पारिस्थितिकी तंत्र को स्पष्टीकरण जारी करते हुए नहीं देखते हैं - क्योंकि इसके पीछे मकसद संदेह पैदा करना, वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाना है.'

कैंब्रिज एनालिटिका का किया जिक्र : कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना फैलाने और डेटा चोरी के माध्यम से 2014 के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका का इस्तेमाल किया था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पेगासस सॉफ्टवेयर खरीदा, जिसने राहुल गांधी और अन्य जैसे कांग्रेस नेताओं के अलावा, यहां तक ​​कि भाजपा के अपने ही मंत्रियों जैसे अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद पटेल, साथ ही भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और स्मृति ईरानी के सहयोगियों की भी जासूसी की.

श्रीनेत ने कहा, क्या यह सच नहीं है कि मोदी सरकार ने पेगासस स्पाइवेयर स्कैंडल की जांच करने वाली जांच समिति को भी सुप्रीम कोर्ट में सीधे जवाब देने से परहेज किया? क्या यह सच नहीं है कि पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए नौकरशाहों, सुप्रीम कोर्ट के जजों, राजनीतिक रणनीतिकारों, चुनाव आयोग और सीबीआई के अधिकारियों को निशाना बनाया गया था.

उन्होंने कहा कि भले ही सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी वाली एक समिति है जिसने पेगासस मामले में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, तत्कालीन सीजेआई ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत सरकार ने जांच में सहयोग नहीं किया. जांच समिति की रिपोर्ट अभी भी 'सीलबंद' है.

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि फर्जी समाचार पोर्टल पोस्ट कार्ड न्यूज के मालिक महेश विक्रम हेगड़े भाजपा के चरमपंथियों के पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित थे और उन लोगों से संबंधित थे जिन पर गौरी लंकेश, एमएम कलबुर्गी, गोविंद पानसरे और डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या का आरोप लगाया गया है.

पढ़ें- BJP Minister statement on Siddaramaiah: बीजेपी ने दिया विवादित बयान, सिद्धारमैया ने किया पलटवार, कहा- खुद क्यों नहीं बदूंक उठा लेते

नई दिल्ली : कांग्रेस ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि एक इजराइली फर्म ने भारत में चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित किया था. सत्तारूढ़ भाजपा इस प्रक्रिया में शामिल थी (Congress Seeks Probe).

कांग्रेस मीडिया हेड पवन खेड़ा और सोशल मीडिया हेड सुप्रिया श्रीनेत ने द गार्जियन अखबार की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि यह कोई एक बार की घटना नहीं थी, बल्कि देश में चुनावों को प्रभावित करने के लिए भाजपा द्वारा ऐसी अंतरराष्ट्रीय फर्मों के कथित इस्तेमाल के पीछे एक पैटर्न था.

खेड़ा और श्रीनेत ने पूछा, पहले कैंब्रिज एनालिटिका और फिर पेगासस - क्या मोदी सरकार ने डिजिटल मीडिया पर बड़े पैमाने पर दुष्प्रचार फैलाकर भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में दखल देने के लिए इजराइल के कॉन्ट्रैक्ट हैकर्स का इस्तेमाल किया.

उन्होंने कहा कि क्या नकली समाचार पोर्टल पोस्ट कार्ड न्यूज़ और 'टीम जॉर्ज' के बीच कोई संबंध है. इज़राइली ठेकेदारों की एक टीम, जो सोशल मीडिया पर हैकिंग, तोड़फोड़ और स्वचालित गलत सूचना का उपयोग करके दुनिया भर में 30 से अधिक चुनावों में हेरफेर करने का दावा करती है. पेगासस और कैंबिज एनालिटिका की तरह. उन्होंने कहा कि 'टीम जॉर्ज' के कोड नाम से हैकर्स के एक समूह ने भारतीय चुनावों और राजनीतिक प्रणालियों में हस्तक्षेप किया.

उन्होंने कहा कि क्या मोदी सरकार नवीनतम घोटाले की जांच करेगी जिसने भारतीय राजनीतिक स्पेक्ट्रम को प्रभावित किया है, फिर भी विदेशी ठेकेदार परिष्कृत हैकिंग, तोड़फोड़ और सोशल मीडिया पर स्वचालित गलत सूचना में लिप्त हैं. खेड़ा और श्रीनेत दोनों के अनुसार, इज़राइली फर्म द्वारा उत्पन्न फर्जी खबरों को कथित रूप से बीजेपी के आईटी सेल और पार्टी के नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर चुनावों को प्रभावित करने के लिए प्रचारित किया गया था.

श्रीनेत ने कहा कि इजराइलियों द्वारा अपनाए जा रहे दुष्प्रचार और फर्जी समाचार अभियानों के पैटर्न को सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा बहुत स्पष्ट रूप से दिखाया गया है. एक मासूम सा सोशल मीडिया अकाउंट दुष्प्रचार फैलाता है जिसे बाद में भाजपा के सत्यापित पदाधिकारियों, सांसदों, विधायकों और मंत्रियों सहित दक्षिणपंथी पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा बढ़ाया जाता है, फिर इसे लचीला मीडिया द्वारा लिया जाता है - जो इस जानकारी को बिना सच की जांच के प्रस्तुत करता है.

श्रीनेत ने कहा कि 'हम तीखी टीवी बहसें और अखबारों की कहानियां देखते हैं, एक कहानी बनाई जाती है, बेबुनियाद आरोप लगाए जाते हैं, झूठ को सच के रूप में पेश किया जाता है और यह आम मतदाता को प्रभावित करता है. लेकिन जब इन झूठों का पर्दाफाश होता है - हम इस विघटन फैलाने वाले पारिस्थितिकी तंत्र को स्पष्टीकरण जारी करते हुए नहीं देखते हैं - क्योंकि इसके पीछे मकसद संदेह पैदा करना, वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाना है.'

कैंब्रिज एनालिटिका का किया जिक्र : कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना फैलाने और डेटा चोरी के माध्यम से 2014 के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका का इस्तेमाल किया था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पेगासस सॉफ्टवेयर खरीदा, जिसने राहुल गांधी और अन्य जैसे कांग्रेस नेताओं के अलावा, यहां तक ​​कि भाजपा के अपने ही मंत्रियों जैसे अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद पटेल, साथ ही भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और स्मृति ईरानी के सहयोगियों की भी जासूसी की.

श्रीनेत ने कहा, क्या यह सच नहीं है कि मोदी सरकार ने पेगासस स्पाइवेयर स्कैंडल की जांच करने वाली जांच समिति को भी सुप्रीम कोर्ट में सीधे जवाब देने से परहेज किया? क्या यह सच नहीं है कि पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए नौकरशाहों, सुप्रीम कोर्ट के जजों, राजनीतिक रणनीतिकारों, चुनाव आयोग और सीबीआई के अधिकारियों को निशाना बनाया गया था.

उन्होंने कहा कि भले ही सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी वाली एक समिति है जिसने पेगासस मामले में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, तत्कालीन सीजेआई ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत सरकार ने जांच में सहयोग नहीं किया. जांच समिति की रिपोर्ट अभी भी 'सीलबंद' है.

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि फर्जी समाचार पोर्टल पोस्ट कार्ड न्यूज के मालिक महेश विक्रम हेगड़े भाजपा के चरमपंथियों के पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित थे और उन लोगों से संबंधित थे जिन पर गौरी लंकेश, एमएम कलबुर्गी, गोविंद पानसरे और डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या का आरोप लगाया गया है.

पढ़ें- BJP Minister statement on Siddaramaiah: बीजेपी ने दिया विवादित बयान, सिद्धारमैया ने किया पलटवार, कहा- खुद क्यों नहीं बदूंक उठा लेते

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