ETV Bharat / bharat

राजस्थान की कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल, कांग्रेस विधायकों और समर्थकों पर उठे सवाल

कानून-व्यवस्था को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार लगातार विपक्षी दलों के निशाने पर है. कई ऐसी आपराधिक वारदातें हुईं हैं, जिसमें कांग्रेस के विधायक या उनके करीबियों पर संलिप्तता के आरोप लगे हैं. हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष इसे राजनीति से प्रेरित आरोप बताते हैं.

ashok gehlot rajasthan
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
author img

By

Published : Mar 30, 2022, 7:41 PM IST

जयपुर : राजस्थान में हाल ही में कई ऐसी घटनाएं हुईं हैं, जिससे प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. निशाने पर कांग्रेस की गहलोत सरकार है. आश्चर्य तो ये है कि इसमें दूसरे लोगों के अलावा सत्ताधारी पार्टी के सदस्य भी शामिल हैं. पिछले एक सप्ताह में 3 ऐसे प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें सत्ताधारी दल कांग्रेस के ही विधायक कटघरे (Congress MLAs are increasing troubles for the Gehlot government) में खड़े दिख रहे हैं.

चाहे विधायक जौहरी लाल मीणा के बेटे पर गैंगरेप का आरोप हो या फिर विधायक वाजिब अली के समर्थकों की ओर से खुलेआम फायरिंग. या फिर विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के ऊपर बाड़ी में बिजली कर्मचारियों के साथ मारपीट करने का मामला हो. इन तीनों मामलों में भले ही अभी जांच चल रही हो, लेकिन इनमें पार्टी के ही विधायकों पर संगीन आरोप लगे हैं. इन मामलों में अब भाजपा ने कांग्रेस पर हमले तेज कर दिए हैं.

जौहरी लाल मीणा के बेटे पर गैंगरेप का मामला दर्ज - राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ से कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा के बेटे सहित तीन लोगों पर युवती को नशीला पदार्थ देकर सामूहिक दुष्कर्म करने और अश्लील तस्वीरें खींचकर ब्लैकमेल करके 15,40,000 रुपए और आभूषण की जबरन वसूली का आरोप लगा. इस संबंध में मामला भी दर्ज हुआ. जैसे ही समलेटी में यह मामला सामने आया भाजपा सक्रिय हो गई. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने तो यहां तक कह दिया कि ऐसा लगता है जैसे प्रदेश में गुंडों का जमाना आ गया है. इस मामले में विधायक जौहरी लाल ने अपने बेटे के खिलाफ मामला दर्ज होने पर सफाई में कहा कि मेरी लोकप्रियता को देखकर मेरे बेटे के खिलाफ दर्ज किया गया दुष्कर्म का मामला फर्जी है. यह निराधार और राजनीतिक साजिश है. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ भी ऐसे ही एफआईआर दर्ज करवाई गई थी जो फर्जी साबित हुई थी.

विधायक वाजिब अली के समर्थकों ने लहराए हथियार, खुलेआम फायरिंग - राजस्थान में भले ही यह नियम हो कि अगर कोई हथियारों का प्रदर्शन कर सोशल मीडिया पर भी फोटो डालता है तो उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई होती है. लेकिन राजस्थान के सत्ताधारी दल के माननीयों को यह खुली छूट है कि उनके समर्थक हथियार लेकर खुले में चलें और खुलेआम फायरिंग कर दहशत का माहौल भी बनाएं. 26 मार्च को यही देखने को मिला, जब कांग्रेस विधायक वाजिब अली अपने क्षेत्र में पहुंचे तो उनका स्वागत करने में उत्साहित समर्थकों ने खुलेआम फायरिंग की. वाजिब समर्थकों ने एक के बाद एक आधा दर्जन हवाई फायरिंग की. फायरिंग करने वालों में से एक विधायक का चचेरा भाई भी बताया जा रहा है. हालांकि विधायक वाजिब अली ने ऐसी किसी घटना की जानकारी से इनकार किया है. लेकिन जब वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ तो उसके बाद भाजपा सक्रिय हो गई और विधायक पर क्षेत्र में दहशत फैलाने का आरोप लगाया.

विधायक मलिंगा के खिलाफ मारपीट की एफआईआर दर्ज - कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा के बेटे पर दुष्कर्म और वाजिब अली के समर्थकों पर फायरिंग के मामले ठंडे भी नहीं हुए थे कि बाड़ी से कांग्रेस विधायक गिर्राज मलिंगा के खिलाफ विद्युत विभाग के अफसरों को पीटने पर एफआईआर दर्ज हो गई. मलिंगा पर मारपीट के आरोपों की एफआईआर करवाने वाले एईएन हर्षदीपती वाल्मीकि खुद कांग्रेस का चुनाव लड़ चुके कैप्टन मुकेश वाल्मीकि के बेटे हैं. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि विधायक मलिंगा समेत 6 लोगों ने एक्सईएन मुन्नी राम विश्नोई, विकास गुप्ता,एएओ तपेश, जेईएन सुरेश मीणा, जेईएन ग्रामीण नितिन गुलाटी, जेईएन सिटी कुलदीप शर्मा से मारपीट की. साथ ही जाति सूचक शब्द इस्तेमाल करते हुए विधायक के समर्थक ने उन पर कट्टा भी तान दिया. वहीं विधायक गिर्राज मलिंगा ने भी अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए कहा की इन अधिकारियों ने क्षेत्र में लूट मचा रखी थी 5 से 10 हजार रुपए लेकर ही काम करते थे. उन्होंने कहा कि मेरे जाने से पहले ही जनता ने इन्हें पीट दिया था. इन्हें किसने पीटा यह मेरी जानकारी में नहीं है. लेकिन इन लोगों ने विभाग में लूट मचा रखी थी. इसकी शिकायत उनके पास भी है.

डोटासरा बोले- राजनीतिक आरोप कैसे लगते हैं यह सबको पता है - लगातार कांग्रेस विधायकों पर लग रहे आरोपों से कांग्रेस पार्टी भी कटघरे में खड़ी हो गई है. लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने साफ कहा कि जब तक मामलों में पुलिस जांच नहीं हो जाती तब तक इसे लेकर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. क्योंकि कई बार आरोप राजनीति से प्रेरित भी होते हैं. वैभव गहलोत पर लगे आरोप इसका उदाहरण है. 2 दिन बाद ही एफआईआर दर्ज कराने वालों ने कह दिया इस मामले में वैभव गहलोत का कोई लेना देना नहीं है.

ये भी पढे़ं : संसद में भाजपा नेता बोलीं, 'मोदी कृष्ण की तरह 16 कलाओं से हैं परिपूर्ण'

जयपुर : राजस्थान में हाल ही में कई ऐसी घटनाएं हुईं हैं, जिससे प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. निशाने पर कांग्रेस की गहलोत सरकार है. आश्चर्य तो ये है कि इसमें दूसरे लोगों के अलावा सत्ताधारी पार्टी के सदस्य भी शामिल हैं. पिछले एक सप्ताह में 3 ऐसे प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें सत्ताधारी दल कांग्रेस के ही विधायक कटघरे (Congress MLAs are increasing troubles for the Gehlot government) में खड़े दिख रहे हैं.

चाहे विधायक जौहरी लाल मीणा के बेटे पर गैंगरेप का आरोप हो या फिर विधायक वाजिब अली के समर्थकों की ओर से खुलेआम फायरिंग. या फिर विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के ऊपर बाड़ी में बिजली कर्मचारियों के साथ मारपीट करने का मामला हो. इन तीनों मामलों में भले ही अभी जांच चल रही हो, लेकिन इनमें पार्टी के ही विधायकों पर संगीन आरोप लगे हैं. इन मामलों में अब भाजपा ने कांग्रेस पर हमले तेज कर दिए हैं.

जौहरी लाल मीणा के बेटे पर गैंगरेप का मामला दर्ज - राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ से कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा के बेटे सहित तीन लोगों पर युवती को नशीला पदार्थ देकर सामूहिक दुष्कर्म करने और अश्लील तस्वीरें खींचकर ब्लैकमेल करके 15,40,000 रुपए और आभूषण की जबरन वसूली का आरोप लगा. इस संबंध में मामला भी दर्ज हुआ. जैसे ही समलेटी में यह मामला सामने आया भाजपा सक्रिय हो गई. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने तो यहां तक कह दिया कि ऐसा लगता है जैसे प्रदेश में गुंडों का जमाना आ गया है. इस मामले में विधायक जौहरी लाल ने अपने बेटे के खिलाफ मामला दर्ज होने पर सफाई में कहा कि मेरी लोकप्रियता को देखकर मेरे बेटे के खिलाफ दर्ज किया गया दुष्कर्म का मामला फर्जी है. यह निराधार और राजनीतिक साजिश है. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ भी ऐसे ही एफआईआर दर्ज करवाई गई थी जो फर्जी साबित हुई थी.

विधायक वाजिब अली के समर्थकों ने लहराए हथियार, खुलेआम फायरिंग - राजस्थान में भले ही यह नियम हो कि अगर कोई हथियारों का प्रदर्शन कर सोशल मीडिया पर भी फोटो डालता है तो उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई होती है. लेकिन राजस्थान के सत्ताधारी दल के माननीयों को यह खुली छूट है कि उनके समर्थक हथियार लेकर खुले में चलें और खुलेआम फायरिंग कर दहशत का माहौल भी बनाएं. 26 मार्च को यही देखने को मिला, जब कांग्रेस विधायक वाजिब अली अपने क्षेत्र में पहुंचे तो उनका स्वागत करने में उत्साहित समर्थकों ने खुलेआम फायरिंग की. वाजिब समर्थकों ने एक के बाद एक आधा दर्जन हवाई फायरिंग की. फायरिंग करने वालों में से एक विधायक का चचेरा भाई भी बताया जा रहा है. हालांकि विधायक वाजिब अली ने ऐसी किसी घटना की जानकारी से इनकार किया है. लेकिन जब वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ तो उसके बाद भाजपा सक्रिय हो गई और विधायक पर क्षेत्र में दहशत फैलाने का आरोप लगाया.

विधायक मलिंगा के खिलाफ मारपीट की एफआईआर दर्ज - कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा के बेटे पर दुष्कर्म और वाजिब अली के समर्थकों पर फायरिंग के मामले ठंडे भी नहीं हुए थे कि बाड़ी से कांग्रेस विधायक गिर्राज मलिंगा के खिलाफ विद्युत विभाग के अफसरों को पीटने पर एफआईआर दर्ज हो गई. मलिंगा पर मारपीट के आरोपों की एफआईआर करवाने वाले एईएन हर्षदीपती वाल्मीकि खुद कांग्रेस का चुनाव लड़ चुके कैप्टन मुकेश वाल्मीकि के बेटे हैं. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि विधायक मलिंगा समेत 6 लोगों ने एक्सईएन मुन्नी राम विश्नोई, विकास गुप्ता,एएओ तपेश, जेईएन सुरेश मीणा, जेईएन ग्रामीण नितिन गुलाटी, जेईएन सिटी कुलदीप शर्मा से मारपीट की. साथ ही जाति सूचक शब्द इस्तेमाल करते हुए विधायक के समर्थक ने उन पर कट्टा भी तान दिया. वहीं विधायक गिर्राज मलिंगा ने भी अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए कहा की इन अधिकारियों ने क्षेत्र में लूट मचा रखी थी 5 से 10 हजार रुपए लेकर ही काम करते थे. उन्होंने कहा कि मेरे जाने से पहले ही जनता ने इन्हें पीट दिया था. इन्हें किसने पीटा यह मेरी जानकारी में नहीं है. लेकिन इन लोगों ने विभाग में लूट मचा रखी थी. इसकी शिकायत उनके पास भी है.

डोटासरा बोले- राजनीतिक आरोप कैसे लगते हैं यह सबको पता है - लगातार कांग्रेस विधायकों पर लग रहे आरोपों से कांग्रेस पार्टी भी कटघरे में खड़ी हो गई है. लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने साफ कहा कि जब तक मामलों में पुलिस जांच नहीं हो जाती तब तक इसे लेकर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. क्योंकि कई बार आरोप राजनीति से प्रेरित भी होते हैं. वैभव गहलोत पर लगे आरोप इसका उदाहरण है. 2 दिन बाद ही एफआईआर दर्ज कराने वालों ने कह दिया इस मामले में वैभव गहलोत का कोई लेना देना नहीं है.

ये भी पढे़ं : संसद में भाजपा नेता बोलीं, 'मोदी कृष्ण की तरह 16 कलाओं से हैं परिपूर्ण'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.