नई दिल्ली: असम में कांग्रेस के प्रमुख सहयोगी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (All India United Democratic Front) (AIUDF) के दो प्रतिनिधि शनिवार को यूपीए और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (UPA And Congress President Sonia Gandhi) से मिलने के लिए राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे. असम से एक राज्यसभा सीट (Rajya Sabah seat from Assam) पर एआईयूडीएफ उम्मीदवार (AIUDF Candidate) के लिए समर्थन मांगा. असम में पिछले विधानसभा चुनाव (Aasam Assembly Election) से ठीक पहले, एआईयूडीएफ और कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों के साथ भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. दरअसल, एआईयूडीएफ हमेशा केंद्र में यूपीए के साथ ही रहा है. एआईयूडीएफ के महासचिव अमीनुल इस्लाम ने नई दिल्ली में ईटीवी भारत से कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में हम साथ लड़े थे. हम बीजेपी खिलाफ के राज्यसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों का एक उम्मीदवार खड़ा करना चाहते हैं. हम बातचीत कर रहे हैं. हमने कई मौकों पर यूपीए का समर्थन किया है. अब हमें समर्थन देने की उनकी बारी है.
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इस्लाम को उम्मीद है कि विपक्षी दल राज्यसभा सीट के लिए एक साझा उम्मीदवार का चुनाव कर सकेंगे. इस्लाम ने कहा कि हमने पहले ही रायजर दल के अध्यक्ष अखिल गोगोई और सीपीएम नेता मनोरंजन तालुकदार के साथ बातचीत की थी. हम कदम दर कदम आगे बढ़ रहे हैं और हमें सीट जीतने का भरोसा है. एआईयूडीएफ विधायक करीमुद्दीन बरभुयान ने भी यही राय दोहराते हुए कहा कि उनकी पार्टी को असम से सीट मिलनी चाहिए. बरभुयान ने कहा कि हम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं हैं और हमें कांग्रेस का समर्थन मिलने की उम्मीद है. एआईयूडीएफ अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने इस्लाम और बरभुयान दोनों को सोनिया गांधी से मिलने के लिए पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में दिल्ली भेजा है.
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दूसरी ओर असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष भूपेन बोरा आशान्वित हैं कि कांग्रेस को राज्यसभा के एक उम्मीदवार के लिए एआईयूडीएफ सहित अन्य पार्टियों का समर्थन मिलेगा. बोरा ने कहा कि असम में हमारे पास महागठबंधन नहीं है लेकिन एआईयूडीएफ लंबे समय से यूपीए के साथ था. हम एकजुट होकर उम्मीदवार खड़ा करना चाहते हैं. वास्तव में, कई कांग्रेस नेता संभावित उम्मीदवार की सूची में हैं. उन्होंने कहा कि कल तक हम उम्मीदवार पर अंतिम निर्णय लेने में सक्षम होंगे. असम से दोनों राज्यसभा सीट हासिल करने के बीजेपी के दावे के बारे में पूछे जाने पर बोरा ने कहा कि बीजेपी को एक सीट मिल सकती है लेकिन दूसरी सीट विपक्ष को जाएगी. 126 सदस्यीय असम विधानसभा में, भाजपा और उसके सहयोगियों के पास 84 सीटें हैं जो पार्टी के लिए एक सीट सुनिश्चित करती हैं. अकेले भाजपा के 65 सदस्य हैं. कांग्रेस और अन्य विपक्ष के पास संयुक्त रूप से 42 सीटें हैं. अकेले कांग्रेस के पास 27 और एआईयूडीएफ के पास 16 सीटें हैं.