कोच्चि : कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Congress MP Shashi Tharoor) ने रविवार को कहा कि वह पार्टी की केरल इकाई में किसी से परेशान या नाराज नहीं हैं ( Shashi Tharoor says Not upset or angry with anyone) तथा उन्हें किसी से बातचीत करने में कोई परेशानी नहीं है क्योंकि 'हम बालविहार में नहीं जहां एक दूसरे से बातचीत करने की मनाही हो.'
'ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस' के प्रदेश स्तर सम्मेलन में हिस्सा लेने यहां आए तिरुवनंतपुरम के सांसद थरूर ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने पार्टी में किसी के विरुद्ध कुछ नहीं बोला है, न ही उसके (पार्टी के) निर्देश के विरुद्ध कुछ किया, ऐसे में उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्यों ऐसा विवाद खड़ा किया गया है. उन्होंने कार्यक्रम से पहले संवाददाताओं से कहा, 'मैं किसी से परेशान या नाराज नहीं हूं. मैंने किसी को दोषी नहीं ठहराया है या किसी पर आरोप नहीं लगाया है. मेरी तरफ से कोई शिकायत या मुद्दा नहीं है. मुझे सभी को एक जैसा देखने में कोई दिक्कत नहीं है और मुझे किसी से बातचीत करने में कोई परेशानी नहीं है.'
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सुधाकरण से बातचीत करेंगे, तब उन्होंने कहा कि वह (सुधाकरण) स्वस्थ नहीं हैं और वह वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से भाग लेंगे. सतीशन के बारे में उन्होंने कहा, 'यदि हमारी कार्यक्रम स्थल पर भेंट होती है तो हम मिलेंगे.' उन्होंने सवाल किया, 'यदि वे मुझसे बात करेंगे तो मैं क्यों नहीं बात करूंगा? हम बालविहार में थोड़े ही हैं कि एक-दूसरे से बातचीत नहीं करें. लेकिन यदि एक वक्त पर एक ही जगह पर हम नहीं हैं तो हम कैसे एक-दूसरे से बातचीत करेंगे.'
सतीशन ने हाल में थरूर का नाम लिए बिना कहा था कि पार्टी में किसी भी प्रकार की गुटबाजी या समानांतर गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने चेतावनी दी थी कि ऐसे कदमों से 'गंभीरता' से निपटा जाएगा. थरूर के मालाबार दौरे को लेकर विपक्ष के नेता द्वारा दिए गए कई बयानों में यह एक बयान है. प्रदेश में कांग्रेस का एक अहम वर्ग परेशान है और कुछ को 'इस कदम के पीछे एजेंडा' नजर आता है.
थरूर के विरोधी महसूस करते हैं कि अपने कार्यक्रमों के माध्यम से वह खुद को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के शासन को खत्म करने के लिए 2026 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के मुख्यमंत्री पद के आदर्श उम्मीदवार के रूप में पेश करने की कोशश कर रहे हैं. केरल में एलडीएफ 2016 से सत्तारूढ़ है.
उनके हाल के दौरे पर बढ़ते विवाद के बीच प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति ने शनिवार को अपने नेताओं को हर स्थान पर कार्यक्रमों में भाग लेने के दौरान संबंधी पार्टी मंचों की अनदेखी नहीं करने का कड़ा निर्देश दिया. समिति ने पार्टी नेताओं को ऐसे कार्यक्रमों में जाने की पहले से सूचना भी देने का निर्देश दिया.
जब रविवार को संवाददाताओं ने थरूर के सामने यह विषय उठाया तो उन्होंने कहा कि जब भी वह किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में जाते हैं तो जिला कांग्रेस अध्यक्षों को सदैव सूचना दी जाती है. उन्होंने कहा कि चूंकि यह निजी कार्यक्रम था तो उसके बारे में जिला कांग्रेस अध्यक्ष को सूचना देने की जरूरत नहीं थी.
पढ़ें- केरल में थरूर के साहसिक राजनीतिक कदम के क्या हैं मायने?
(पीटीआई-भाषा)