भोपाल : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति एक बार फिर अहम भूमिका सौंपी गई है. पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय मुद्दों पर होने वाले आंदोलनों (agitations ) की योजना बनाने के लिए गठित की गई समिति का अध्यक्ष बनाया है. इस समिति का गठन कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया है. वहीं बीजेपी ने इस पर निशाना साधते हुए कहा है कि दिग्विजय सिंह नकारात्मकता फैलाने वाले व्यक्ति हैं, उन्हें जनकल्याण के किसी काम की कमान सौंपी जाती तो हमें भी अच्छा लगता.
दिग्विजय सिंह को मिली 'नकारात्मकता' फैलाने की जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री और सरकार के प्रवक्ता विश्वास सारंग (viswas sarang) ने कांग्रेस के इस फैसले पर चुटकी लेते हुए दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा है. कांग्रेस के आंदोलनो की रूप रेखा तैयार करने की जिम्मेदारी दिग्विजय सिंह (digvijay singh) को दी गई है, इसपर तंज कसते हुए विश्वास सारंग (viswas sarang) ने कहा कि वे सिर्फ नकारात्मक बातें ही फैलातें हैं, इसके बजाए उन्हें किसी जन कल्याण योजना की कमान दी जाती तो हमें अच्छा लगता.
सारंग ने कहा कि वे पाकिस्तान (pakistan ) परस्त व्यक्ति हैं और हमेशा माहौल खराब करने वाली बातें करते रहते हैं. आपको बता दें कि इससे पहले बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी दिग्विजय सिंह(digvijay singh) को निगेटिव (negative )सोच का व्यक्ति बता चुके हैं.
‘दिग्गी न्यूसेंस वैल्यू क्रिएट करते हैं’
बीजेपी प्रवक्ता डॉ. हितेश वाजपेयी ने भी पूर्व सीएम पर निशाना साधा है, उनका कहना है कि इस बात को हर कोई जानता है कि दिग्विजय सिंह (digvijay singh) न्यूसेंस (nuisance) वैल्यू क्रिएट करते हैं. वे नकारात्मक और गाली-गलौज वाली राजनीति करने में हमेशा आगे रहते हैं, इस बात को अब सोनिया गांधी ने भी मान लिया है, शायद इसीलिए उन्हें इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है ताकि वे न्यूसेंस पैदा कर सकें.
यह भी पढ़ें-सोनिया ने जाति आधारित जनगणना से जुड़े मामलों पर अध्ययन के लिए गठित की समिति
प्रियंका गांधी समिति की सदस्य
दिग्विजय की अध्यक्षता वाली इस समिति में प्रियंका गांधी बतौर सदस्य शामिल हैं. इसके अलावा उत्तम कुमार रेड्डी, मनीष चतरथ, बीके हरिप्रसाद, रिपुण बोरा, उदित राज, रागिनी नायक और जुबेर खान को भी इस समिति का सदस्य बनाया गया है.
कांग्रेस हाईकमान ने देश के वर्तमान राजनीतिक दौर को देखते हुए अपनी विपक्ष की भूमिका को और अधिक धार देने के लिए आंदोलनों का रुख किया है. इन आंदोलनों को क्या रूप दिया जाए, इसकी रणनीति कैसी हो इसपर मंथन करने के लिए एक समिति का गठन किया है.