नई दिल्ली : कांग्रेस ने पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल की हिंदू पवित्र पुस्तक भगवद गीता में भगवान कृष्ण के जिहाद के बारे में बात करने के बारे में कथित टिप्पणी से खुद को दूर कर लिया है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने नेहरू का हवाला देते हुए कहा कि पाटिल की टिप्पणी अस्वीकार्य है. रमेश ने गुरुवार को कहा, मेरे वरिष्ठ सहयोगी शिवराज पाटिल ने कथित तौर पर भगवद गीता पर कुछ टिप्पणी की जो अस्वीकार्य है. इसके बाद, उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस का रुख स्पष्ट है, भगवद गीता भारतीय सभ्यता का एक प्रमुख आधारभूत स्तंभ है. jihad in hindu scriptures.
शिवराज पाटिल गुरुवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह में बोल रहे थे. जहां पाटिल ने कहा था, न केवल कुरान में बल्कि महाभारत में भी गीता के हिस्से में, श्री कृष्ण अर्जुन से 'जिहाद' की बात करते हैं और यह बात सिर्फ कुरान या गीता में नहीं है, बल्कि ईसाई धर्म जैसे अन्य धर्मों में भी है.
-
My senior colleague Shivraj Patil reportedly made some comments on Bhagavad Gita that’s unacceptable. Subsequently, he clarified. @INCIndia’s stand is clear. Bhagavad Gita is a key foundational pillar of Indian civilisation. Here’s an excerpt from Nehru’s Discovery of India(p110) pic.twitter.com/rarJub7xTy
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">My senior colleague Shivraj Patil reportedly made some comments on Bhagavad Gita that’s unacceptable. Subsequently, he clarified. @INCIndia’s stand is clear. Bhagavad Gita is a key foundational pillar of Indian civilisation. Here’s an excerpt from Nehru’s Discovery of India(p110) pic.twitter.com/rarJub7xTy
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 21, 2022My senior colleague Shivraj Patil reportedly made some comments on Bhagavad Gita that’s unacceptable. Subsequently, he clarified. @INCIndia’s stand is clear. Bhagavad Gita is a key foundational pillar of Indian civilisation. Here’s an excerpt from Nehru’s Discovery of India(p110) pic.twitter.com/rarJub7xTy
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 21, 2022
रमेश ने अपनी पार्टी के रुख को स्पष्ट करते हुए जवाहर लाल नेहरू की किताब द डिस्कवरी ऑफ इंडिया का भी जिक्र किया. उन्होंने लिखा था कि गीता के संदेश को किसी एक विचार या स्कूल के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है. गीता तो जाति-धर्म से ऊपर उठकर सभी के लिए है। जयराम रमेश ने अपने बयान में ये भी बताया है कि गीता में तो इंसान की हर समस्या का समाधान है, समय-समय पर इसने सभी को राह दिखाने का काम किया है.
-
Incidentally, I learned Bhagavad Gita in my early teens and have had a life-long fascination with it as a cultural & philosophical text, with a profound influence on Indian society over the ages. I wrote about this in my book The Light of Asia: The Poem that defined the Buddha. https://t.co/dLV7964JPQ
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Incidentally, I learned Bhagavad Gita in my early teens and have had a life-long fascination with it as a cultural & philosophical text, with a profound influence on Indian society over the ages. I wrote about this in my book The Light of Asia: The Poem that defined the Buddha. https://t.co/dLV7964JPQ
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 21, 2022Incidentally, I learned Bhagavad Gita in my early teens and have had a life-long fascination with it as a cultural & philosophical text, with a profound influence on Indian society over the ages. I wrote about this in my book The Light of Asia: The Poem that defined the Buddha. https://t.co/dLV7964JPQ
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 21, 2022
इसमें कुछ ऐसा है जो लगातार नवीनीकृत होने में सक्षम प्रतीत होता है, जो समय बीतने के साथ पुराना नहीं होता है. लिखे जाने के 2,500 वर्षों के दौरान, भारतीय मानवता बार-बार परिवर्तन और विकास और क्षय की प्रक्रियाओं से गुजरी है. अनुभव ने अनुभव में सफलता प्राप्त की है, विचार ने विचार का अनुसरण किया है, लेकिन इसने हमेशा कुछ ऐसा पाया है जो गीता में जीवित है, कुछ ऐसा जो विकासशील विचार में फिट बैठता है और मन को पीड़ित करने वाली आध्यात्मिक समस्याओं के लिए एक ताजगी और प्रयोज्यता रखता है.
ये भी पढ़ें : जिहाद पर सफाई देते हुए शिवराज बोले, यदि आप बापू को मारते हैं, तो यह जिहाद है